शिवपुरी। शिवपुरी जिले से शिक्षा विभाग को कलंकित करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। बदरवास तहसील के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी निभाने वाले तीन सरकारी शिक्षकों पर धर्मान्तरण का 'सिंडिकेट' चलाने के गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस द्वारा जेल भेजे जाने के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) विवेक श्रीवास्तव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
गरीबी का फायदा और 25 हजार का लालच जांच में सामने आया है कि ये शिक्षक सरकारी पद की गरिमा को ताक पर रखकर ग्रामीणों की गरीबी का मजाक उड़ा रहे थे। आरोप है कि ये आरोपी ग्रामीणों को 25-25 हजार रुपये का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए विवश कर रहे थे। इस षड्यंत्र का खुलासा तब हुआ जब ग्राम घूघला के सरपंच हमीर सिंह भील ने साहस दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इन तीन शिक्षकों पर गिरी गाज जिला शिक्षा अधिकारी ने जेल वारंट और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर 25 दिसंबर को निलंबन के पृथक-पृथक आदेश जारी किए हैं:
शिक्षक वीरेन्द्र कुमार तिर्की: शासकीय प्राथमिक विद्यालय पिपरोदा बसाई (कोलारस) में पदस्थ। निलंबन के बाद इनका मुख्यालय पिछोर किया गया है।
श्रीमती अनीता भगत: शासकीय प्राथमिक विद्यालय गुडाल (बदरवास) में पदस्थ। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पोहरी रहेगा।
श्रीमती राजपति बाई तिर्की: शासकीय प्राथमिक विद्यालय अगरा (बदरवास) में पदस्थ। इन्हें निलंबित कर मुख्यालय करैरा अटैच किया गया है।
सुनियोजित नेटवर्क का खुलासा यह मामला केवल कुछ शिक्षकों तक सीमित नहीं है। इस रैकेट में तीन शिक्षक, एक पटवारी और एक पादरी की संलिप्तता एक गहरे और सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा करती है। इन सभी पर मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यदि न्यायालय में ये आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोषियों को 10 वर्ष तक के कठोर कारावास और भारी जुर्माने की सजा हो सकती है।
विभाग की चेतावनी DEO विवेक श्रीवास्तव की यह कार्रवाई जिले के अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि सरकारी सेवा की आड़ में किसी भी प्रकार की असामाजिक या अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिलहाल पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ कर रही है।
गरीबी का फायदा और 25 हजार का लालच जांच में सामने आया है कि ये शिक्षक सरकारी पद की गरिमा को ताक पर रखकर ग्रामीणों की गरीबी का मजाक उड़ा रहे थे। आरोप है कि ये आरोपी ग्रामीणों को 25-25 हजार रुपये का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए विवश कर रहे थे। इस षड्यंत्र का खुलासा तब हुआ जब ग्राम घूघला के सरपंच हमीर सिंह भील ने साहस दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इन तीन शिक्षकों पर गिरी गाज जिला शिक्षा अधिकारी ने जेल वारंट और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर 25 दिसंबर को निलंबन के पृथक-पृथक आदेश जारी किए हैं:
शिक्षक वीरेन्द्र कुमार तिर्की: शासकीय प्राथमिक विद्यालय पिपरोदा बसाई (कोलारस) में पदस्थ। निलंबन के बाद इनका मुख्यालय पिछोर किया गया है।
श्रीमती अनीता भगत: शासकीय प्राथमिक विद्यालय गुडाल (बदरवास) में पदस्थ। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पोहरी रहेगा।
श्रीमती राजपति बाई तिर्की: शासकीय प्राथमिक विद्यालय अगरा (बदरवास) में पदस्थ। इन्हें निलंबित कर मुख्यालय करैरा अटैच किया गया है।
सुनियोजित नेटवर्क का खुलासा यह मामला केवल कुछ शिक्षकों तक सीमित नहीं है। इस रैकेट में तीन शिक्षक, एक पटवारी और एक पादरी की संलिप्तता एक गहरे और सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा करती है। इन सभी पर मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यदि न्यायालय में ये आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोषियों को 10 वर्ष तक के कठोर कारावास और भारी जुर्माने की सजा हो सकती है।
विभाग की चेतावनी DEO विवेक श्रीवास्तव की यह कार्रवाई जिले के अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि सरकारी सेवा की आड़ में किसी भी प्रकार की असामाजिक या अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिलहाल पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ कर रही है।