EWS क्रांति: सामान्य वर्ग के हक के लिए 14,000 किमी का सफर, शिवपुरी पहुंची 'जन जागरण यात्रा'

Bhopal Samachar

शिवपुरी। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) परिवारों के हितों की रक्षा और आरक्षण नियमों में सरलीकरण की मांग को लेकर शुरू हुई 'EWS जन जागरण यात्रा' आज मध्य प्रदेश के गुना जिले में पहुंची। राजपूत करणी सेना (कालवी विचारधारा) के प्रमुख श्री अनुराग प्रताप सिंह राघव एवं श्री विक्रम सिंह धोधलिया के नेतृत्व में यह यात्रा देश के विभिन्न राज्यों में अलख जगा रही है।

चूरू से गुना तक का सफर
राजस्थान के चूरू जिले से बाइक द्वारा शुरू हुई इस साहसिक यात्रा में विक्रम सिंह धोधलिया अब तक लगभग 14,000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं। राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बाद अब यह यात्रा मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंचकर ईडब्ल्यूएस वर्ग की समस्याओं को उठा रही है।

नियमों में सरलीकरण की मांग
विक्रम सिंह धोधलिया ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दिया गया 10% EWS आरक्षण एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसकी कठिन शर्तों के कारण पात्र परिवारों को इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मांग की कि राजस्थान की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी कृषि भूमि और भवन संबंधी शर्तों को शिथिल किया जाना चाहिए।

यात्रा की प्रमुख मांगें:
आयु सीमा में छूट: प्रतियोगी परीक्षाओं में EWS अभ्यर्थियों को अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 वर्ष की आयु छूट और अतिरिक्त प्रयास (Attempts) दिए जाएं।
नियुक्ति: शिक्षक भर्ती 2016 के लंबित 848 EWS अभ्यर्थियों को तुरंत नियुक्ति मिले।
प्रमाण पत्र वैधता: EWS प्रमाण पत्र की वैधता अवधि को बढ़ाकर 3 वर्ष किया जाए।
शिक्षा और आवास: हर जिला मुख्यालय पर EWS छात्रावास की सुविधा और निजी स्कूलों में RTE के तहत निशुल्क शिक्षा का लाभ मिले।
आरक्षण विस्तार: EWS कोटे को 10% से बढ़ाकर 20% करने और निकाय व पंचायत चुनावों में आरक्षण देने की मांग।
कल्याण बोर्ड: प्रदेश में 'EWS कल्याण बोर्ड' का गठन हो और सरकारी योजनाओं का लाभ समान रूप से मिले।

पदोन्नति और NCERT पर रुख
यात्रा के माध्यम से यह मांग भी उठाई गई कि पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था को समाप्त किया जाए और NCERT के पाठ्यक्रम में किए गए बदलावों में आवश्यक सुधार किए जाएं। विक्रम सिंह धोधलिया ने स्पष्ट किया कि जब तक सामान्य वर्ग के पिछड़े परिवारों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते, यह संघर्ष जारी रहेगा।