जुगाड़ पर डटे अधिकारी जुगाड़ टेक्निक से चला रहे है शिक्षा विभाग को, आराम का मामला हैं

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले का शिक्षा विभाग जुगाड़ टेक्निक पर चल रहा है, शिक्षा विभाग के मुख्य आदेश भी कागजो पर दौड़ रहे है। इसका जीता जागता उदाहरण 14 नवंबर का आदेश है। जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने 14 नवम्बर 2025 को आदेश क्रमांक 2025/7357 जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अन्यत्र अटैच सभी शिक्षक तत्काल अपनी मूल संस्था में उपस्थिति दर्ज कराएं।

इस आदेश को लगभग 20 दिन हो चुके है लेकिन आराम की नौकरी कर रहे शिक्षक अपने मूल विभाग मे नही लौटे है। प्रभारी डीईओ के इस आदेश के जारी होने के बाद अटैचमेंट पर आराम की नौकरी कर रहे शिक्षकों ने जुगाड़ लगाना शुरू कर दी और अपनी मूल पदस्थापना की ओर नहीं लौट रहे है।

14 नवंबर को दिए गए डीईओ के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि जो शिक्षक अपनी मूल संस्था पर उपस्थित नहीं होंगे, उनका उस माह का वेतन आहरित नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद, दर्जनों शिक्षक न केवल अटैचमेंट वाले स्थानों पर जमे हुए हैं, बल्कि वहां से नियमित वेतन भी प्राप्त कर रहे हैं। यह स्थिति विभागीय आदेशों के पालन में हो रही भारी लापरवाही को उजागर करती है।

हॉस्टलों और दफ्तरों में सेवाएं दे रहे शिक्षक कड़े निर्देशों के बाद भी स्थिति जस की तस है। कई शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने के बजाय आदिमजाति कल्याण विभाग के हॉस्टलों और अन्य सरकारी कार्यालयों में बाबूगिरी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कुछ शिक्षक तो पिछले तीन-तीन साल से अपनी मूल संस्था गए ही नहीं हैं और अटैचमेंट का लाभ ले रहे हैं।

सिफारिश और अधिकारियों की मनमानी इस अव्यवस्था के पीछे रसूख और मनमानी बड़ा कारण है। कई मामलों में खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) या अन्य सक्षम अधिकारी मनमर्जी से शिक्षकों को अटैच कर देते हैं। वहीं, कुछ शिक्षक राजनीतिक प्रभाव या ऊंची सिफारिश (जुगाड़) के चलते अटैचमेंट पर टिके हुए हैं। सरकार ने गैर-शैक्षणिक कार्यों के लिए शिक्षकों को अटैच करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी, लेकिन धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ शिक्षकों के इस रवैये का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। ग्रामीण और दूरस्थ अंचल के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। छात्रों का शिक्षण कार्य, वार्षिक मूल्यांकन, वर्कशीट वितरण और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियां बाधित हो रही हैं। स्कूल्स में 'टीचर-लेस' (शिक्षक विहीन) जैसी स्थिति होने के बावजूद शिक्षक अन्य विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

इनका कहना है
मैंने पहले भी सभी शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं। अब भी यदि शिक्षक डटे हुए हैं तो उनके विरुद्ध वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
विवेक श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी