भोपाल। नववर्ष 2026 का आगमन ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और शुभ संकेतों के साथ होने जा रहा है। आगामी 1 जनवरी को नए साल का पहला सूर्योदय ऐसे दुर्लभ संयोगों में होगा, जो पूरे वर्ष सकारात्मकता और उन्नति का संदेश देगा। यह दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का रहेगा, जिसे शास्त्रों में जया तिथि कहा गया है।
नाम के अनुरूप यह तिथि विजय, सफलता और कार्य सिद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन गुरुवार होने से शुभता और भी बढ़ गई है, क्योंकि गुरुवार भगवान विष्णु का प्रिय वार है। संयोग से इसी दिन प्रदोष व्रत भी रहेगा, जो शिव कृपा और मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी दिन को और खास बना रही है।
धनु राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र के एक साथ आने से चतुर्ग्रही योग बनेगा। इसके साथ ही बुधादित्य योग, शुक्ल योग और रवि योग का प्रभाव भी रहेगा, जबकि रोहिणी नक्षत्र दिन को समृद्धि और स्थिरता प्रदान करेगा।
ज्योतिषाचार्य मुकेश मोहन शास्त्री
के अनुसार, जब एक ही राशि में चार ग्रह स्थित होते हैं तो उसे चतुर्ग्रही योग कहा जाता है। 1 जनवरी 2026 को धनु राशि में बनने वाला यह योग साहस, ऊर्जा, निर्णय क्षमता और कार्यों में तेजी लाने वाला होगा। यह योग विशेष रूप से व्यापार, प्रशासन, राजनीति और नेतृत्व से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है। कुल मिलाकर, नए साल की यह शुरुआत धार्मिक गतिविधियों, शुभ संकल्पों और सकारात्मक परिणामों से भरपूर रहने वाली है।
नक्षत्र और चंद्र स्थिति का प्रभाव
इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनेगा। रोहिणी नक्षत्र सुख-समृद्धि और रचनात्मकता बढ़ाने वाला माना जाता है। व्यापार, कला और साहित्य से जुड़े लोगों के लिए यह दिन विशेष लाभदायी रहेगा। पंडितों के अनुसार गुरुवार और प्रदोष के संयोग से शिव-विष्णु उपासना, पूजा-अनुष्ठान और व्रत करने से विशेष पुण्य लाभ प्राप्त होगा।
बुधादित्य, शुक्ल व रवि योग कार्य सिद्धि बढ़ाएंगे
ज्योतिषाचार्य शास्त्री के मुताबिक सूर्य और बुध के एक ही राशि में स्थित होने से बुधादित्य योग बनता है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। यह योग बुद्धि, वाणी, व्यापार, लेखन और निर्णय क्षमता को सशक्त करता है। वहीं शुक्ल योग मांगलिक कार्यों, नए आरंभ और शुभ योजनाओं की सफलता से जुड़ा होता है। इसके साथ बनने वाला रवि योग आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, प्रतिष्ठा और कार्य सिद्धि में वृद्धि करता है। इन तीनों योगों का संयोग व्यक्ति के प्रयासों को बल देता है और शिक्षा, करियर व व्यवसाय में सकारात्मक परिणाम दिलाने वाला माना जाता है।
नाम के अनुरूप यह तिथि विजय, सफलता और कार्य सिद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन गुरुवार होने से शुभता और भी बढ़ गई है, क्योंकि गुरुवार भगवान विष्णु का प्रिय वार है। संयोग से इसी दिन प्रदोष व्रत भी रहेगा, जो शिव कृपा और मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी दिन को और खास बना रही है।
धनु राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र के एक साथ आने से चतुर्ग्रही योग बनेगा। इसके साथ ही बुधादित्य योग, शुक्ल योग और रवि योग का प्रभाव भी रहेगा, जबकि रोहिणी नक्षत्र दिन को समृद्धि और स्थिरता प्रदान करेगा।
ज्योतिषाचार्य मुकेश मोहन शास्त्री
के अनुसार, जब एक ही राशि में चार ग्रह स्थित होते हैं तो उसे चतुर्ग्रही योग कहा जाता है। 1 जनवरी 2026 को धनु राशि में बनने वाला यह योग साहस, ऊर्जा, निर्णय क्षमता और कार्यों में तेजी लाने वाला होगा। यह योग विशेष रूप से व्यापार, प्रशासन, राजनीति और नेतृत्व से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है। कुल मिलाकर, नए साल की यह शुरुआत धार्मिक गतिविधियों, शुभ संकल्पों और सकारात्मक परिणामों से भरपूर रहने वाली है।
नक्षत्र और चंद्र स्थिति का प्रभाव
इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनेगा। रोहिणी नक्षत्र सुख-समृद्धि और रचनात्मकता बढ़ाने वाला माना जाता है। व्यापार, कला और साहित्य से जुड़े लोगों के लिए यह दिन विशेष लाभदायी रहेगा। पंडितों के अनुसार गुरुवार और प्रदोष के संयोग से शिव-विष्णु उपासना, पूजा-अनुष्ठान और व्रत करने से विशेष पुण्य लाभ प्राप्त होगा।
बुधादित्य, शुक्ल व रवि योग कार्य सिद्धि बढ़ाएंगे
ज्योतिषाचार्य शास्त्री के मुताबिक सूर्य और बुध के एक ही राशि में स्थित होने से बुधादित्य योग बनता है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। यह योग बुद्धि, वाणी, व्यापार, लेखन और निर्णय क्षमता को सशक्त करता है। वहीं शुक्ल योग मांगलिक कार्यों, नए आरंभ और शुभ योजनाओं की सफलता से जुड़ा होता है। इसके साथ बनने वाला रवि योग आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, प्रतिष्ठा और कार्य सिद्धि में वृद्धि करता है। इन तीनों योगों का संयोग व्यक्ति के प्रयासों को बल देता है और शिक्षा, करियर व व्यवसाय में सकारात्मक परिणाम दिलाने वाला माना जाता है।