पोहरी। शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद के ग्राम बीलवरा में एक बुजुर्ग महिला के साथ जन मन आवास कुटीर योजना के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़िता गीताबाई वेवा सुरेश सहरिया का आरोप है कि ठेकेदारों ने उनसे आवास कुटीर निर्माण के लिए स्वीकृत डेढ़ लाख रुपए की दो किस्तें निकलवा लीं, लेकिन अब तक झोपड़ी का निर्माण भी नहीं किया गया है।
गीताबाई ने बताया कि जब उन्होंने ठेकेदारों से पैसे लौटाने या कुटीर का निर्माण करने की मांग की, तो उन्हें मारपीट का सामना करना पड़ा और जान से मारने की धमकियां भी दी गईं। इस मामले में भूप सिंह आदिवासी (निवासी बीलवरा) और दामो जाटव (निवासी बमरा) पर आरोप लगाए गए हैं।
पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी ठेकेदार उनके एक रिश्तेदार की बाइक भी अपने साथ ले गए हैं। वर्तमान में गीता बाई अपनी टूटी हुई झोपड़ी में पड़ोसियों के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर हैं। गीता बाई का आरोप है कि पोहरी थाना पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत, गांव के सरपंच और सचिव उन्हें लगातार धमका रहे हैं कि यदि उन्होंने अधिक शिकायतें कीं तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।
अब इस बुजुर्ग महिला ने सोमवार को शिवपुरी के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी डेढ़ लाख रुपए की रकम वापस दिलाई जाए, ताकि वह अपना घर बनवाकर सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
गीताबाई ने बताया कि जब उन्होंने ठेकेदारों से पैसे लौटाने या कुटीर का निर्माण करने की मांग की, तो उन्हें मारपीट का सामना करना पड़ा और जान से मारने की धमकियां भी दी गईं। इस मामले में भूप सिंह आदिवासी (निवासी बीलवरा) और दामो जाटव (निवासी बमरा) पर आरोप लगाए गए हैं।
पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी ठेकेदार उनके एक रिश्तेदार की बाइक भी अपने साथ ले गए हैं। वर्तमान में गीता बाई अपनी टूटी हुई झोपड़ी में पड़ोसियों के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर हैं। गीता बाई का आरोप है कि पोहरी थाना पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत, गांव के सरपंच और सचिव उन्हें लगातार धमका रहे हैं कि यदि उन्होंने अधिक शिकायतें कीं तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।
अब इस बुजुर्ग महिला ने सोमवार को शिवपुरी के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी डेढ़ लाख रुपए की रकम वापस दिलाई जाए, ताकि वह अपना घर बनवाकर सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।