हमें कागजों में नहीं हमें लोगों के विचारों में हिन्दू राष्ट्र चाहिए: पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री: Shivpuri News

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर में श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित कृष्ण धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा हो रही भागवत कथा के दौरान आज सुबह 9 बजे होटल नक्षत्र में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर बागेश्वर धाम के महाराज ने जवाब देते हुए कहा कि हमारी पदयात्रा शुद्ध रूप से हिन्दुओं की एकता के लिए हैं सनातन की एकता के लिए हैं।

राजनीति में जाने के लिए कई रास्ते हैं, लेकिन हम जो कार्य कर रहे हैं हमें भगवान ने धर्मनीति के लिए भेजा है, धर्मनीति का कार्य ही उत्तम हैं हम इस देश में हिन्दू एकता चाहते हैं। हम इस देश में सनातनियों की एकता चाहते हैं हम इस देश को गजवाई हिन्द नहीं भगवाई हिन्द देखना चाहते हैं।  उसके लिए हमें संसद में जाने की आवश्यकता नहीं हैं हिन्दुओं के दिल में जाने की आवश्यकता हैं।

हमने गीता और रामायण पढ़ी है और श्रीमद भागवत पढ़ी हैं। उसमें प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ महाराज जी के बारे में लिखा हुआ है यदि गीता रामायण, भागवत जी का धार्मिक पुस्तकों का पाठ्य क्रम में वर्णन होगा, तो हम बहुत सही तरीके से भारत के युवाओं को सही दिशा और दशा दे पायेंगे। कई ऐसे ग्रंथ भी हैं कई ऐसे पुस्तकें हैं जो केवल अपने मज्हवियों को इंसान मानते हैं बाकियों को काफिर मानते हैं, हमारा सनातन धर्म हैं जो वासुदेव कुटुंब की बात करता है आपको निर्णय लेना है कि कौन से ग्रंथ को अपने पाठ्यक्रम में जोड़ना है तोड़ने वाले ग्रंथ को या जोड़ने वाले ग्रंथ को।

हम पूरे भारत के इस्लाम धर्म मानने वाले सभी काजी और उनके प्रमुख लोगों से प्रार्थना करेंगे की आप अपनी तालीम में शिक्षा नीति में सुधार करें अपने बच्चों को आतंकवादी नहीं, अब्दुल कलाम बनायें। ऐसी शिक्षा नीति दें ताकि आपके बच्चे अब्दुल कलाम बने,ताकि हमें भी उन्हें सलूट कर सकें, वरना दिन दूर नहीं हैं बोरियां-बिस्तर बांधकर लाहौर खिसक जायें।

कुछ इस देश का खाने वाले लोग इस देश के तिरंगा में चांद देखना चाहते हैं, हम चांद पर तिरंगा देखना चाहते हैं। हम उनसे यही कहेंगे और भारत से यही कहेंगे की हमें अपने जैसे 100 लोग मिल जायें भारत को हिन्दू राष्ट्र इस जन्म में बनायेंगे। कोलकाता में एक साथ गीता जी के पाठ का लाखों लोगों के साथ आयोजन हैं, और हम जायेंगे, हम भारतीय हैं हमको जाने का हक हैं अधिकार हैं। उस बयान पर भी हम कहना चाहेंगे कि कथा की अनुमति नहीं मिली, जब मिलेगी तब जायेंगे। दादा बैठेंगे तो जाएंगे हम भारतीय हैं ना झुकेंगे ना डटेंगे।

सनातन परंपरा एक ऐसी परंपरा है जो अभूतपूर्व  हैं गीता ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग के सिद्धांत को प्रतिपादित करती हैं और एकमात्र गीता ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान कृष्ण ने कहा कि मैं भी ब्रम्ह हूँ, बाकियों के भगवान ने कहा में भगवान का बेटा हूं किसी ने कहा में भगवान का संदेश वाहक हूं,लेकिन एक हमारे भगवान ने महाभारत में कहा कि मैं ही ब्रह्म हूं। पहले दिन से ही हमारा स्टेटमेंट हैं कि हमें कागजों पर हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए हमें लोगों के विचारों में हिन्दू राष्ट्र चाहिए। विचारों में हो जायेगा, तो कागजों पर अपने आप हो जायेगा। इंजन बदल जाये,लेकिन चेचस वही रहे।

चच्चे से 30 हो सकते हैं तो हिन्दू के 4 क्यों नहीं
हिन्दू राष्ट्र से हमारा तात्पर्य है सामाजिक समरसता, भेदभाव छुआछूत मुक्त भारत, सर्वग्रंथ की रक्षा, गाय माता राष्ट्र माता, हिन्दू राष्ट्र से तात्पर्य सबको रहने का अधिकार, पर लड़कर नहीं कायदे में तो फायदे में, हिन्दू राष्ट्र का तात्पर्य है तीर्थ मास-मदिरा मुक्त हो, हिन्दू राष्ट्र का तात्पर्य हैं रामचरित्र मानस को जलाया ना जाये, हिन्दू राष्ट्र का तात्पर्य हैं दीन-हीन, पिछड़े-बिछड़े लोगों को आगे लाया जाये।

हिन्दू राष्ट्र का तात्पर्य है शिक्षा और स्वास्थ्य मुक्त हो। संस्कृति युक्त हो। आज जो हिन्दू संख्या से घटते हुए राज्य हैं और जो वर्तमान में हिन्दू आबादी से सम्पन्न राज्य हैं और हिन्दुओं को कम से कम 4 बच्चे पैदा करने चाहिए। चच्चे के 30 बच्चे हो सकते हैं तो हिन्दुओं के 4 बच्चे हो सकते हैं नहीं तो उनके दो हो, और कुछ पढ़े लिखे हिन्दू कहते हैं ना बच्चा ना बच्ची जिंदगी कटे अच्छी। बेटा तौरी को कट जे आगे वालों की क्यों खराब कर रओ हैं।