शिवपुरी। शिवपुरी जिले के कोलारस कस्बे के शासकीय अस्पताल में पदस्थ डॉ विवेक शर्मा के पिता ने मरीज को इंजेक्शन लगा दिया,जिससे मरीज के कूल्हे में इंफेक्शन हो गया इस कारण उसे अपने कूल्हे का ऑपरेशन तक करना पड़ा,लेकिन वह अब पहले जैसा नही चल पा रहा है। युवक ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे अपने इलाज के लिए अपनी मॉ का मंगलसूत्र तक बेचना पडा
जानकारी के अनुसार जगतपुर कोलारस निवासी राजू पुत्र रामकृष्ण धाकड़ उम्र 23 साल को टाइफाइड हुआ था। वह अपना उपचार करवाने के लिए 14 अक्टूबर 2025 को शाम करीब 4:15 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलारस पहुंचा। उस समय उसे अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला, इसी दौरान राजू को कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित डा. विवेक शर्मा के शासकीय क्वार्टर में उनके पिता रिटायर्ड डा. एचबी शर्मा मरीजों का उपचार करते हुए नजर आए।
इस पर वह भी वहीं उपचार करवाने के लिए चला गया। पीड़ित राजू के अनुसार रिटायर्ड डा. एचबी शर्मा ने उसे वहीं पर इंजेक्शन लगाए, जिससे उसे इंफेक्शन हो गया और उसका कूल्हा सूज गया। इस पर राजू अगले दिन फिर से डा. शर्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने राजू से यह कह दिया कि कभी-कभी ऐसा हो जाता है। जब राजू ने डा. शर्मा से अपने कूल्हे का उपचार किसी अन्य डॉक्टर से करवाने के लिए कहा तो वह भड़क गए और उसे वहां से भगा दिया।
पीड़ित ने जब शिवपुरी में एक निजी अस्पताल में अपना उपचार करवाया तो डाक्टर ने उसका ऑपरेशन किया। राजू के अनुसार वह बेहद गरीब परिवार से है, उपचार के लिए उसकी मां को अपना मंगलसूत्र तक बेचना पड़ गया है। अब तक उपचार में 50 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन पैर सही नहीं हुआ है। अगर चिकित्सकों की मानें तो राजू का पैर अब पहले की तरह नहीं हो पाएगा।
वहीं डा. एचबी शर्मा का कहना है कि मेरे ध्यान में ऐसा कोई मरीज नहीं है जिसे मैंने इंजेक्शन लगाया हो और उसे इंफेक्शन हुआ हो। मैं बिना पंजीयन चिकित्सकीय कार्य नहीं कर रहा हूं।
पंजीयन निरस्त हो चुका हैं
यह बात सही है कि सरकारी आवास में प्रैक्टिस के चलते डा. एचबी शर्मा का पंजीयन निरस्त हो चुका है, जो अभी भी निरस्त है। शिकायत कलेक्टर के यहां हुई है। वहां से जब शिकायत आएगी तो उसकी जांच के बाद उचित वैधानिक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- डा. संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ।
जानकारी के अनुसार जगतपुर कोलारस निवासी राजू पुत्र रामकृष्ण धाकड़ उम्र 23 साल को टाइफाइड हुआ था। वह अपना उपचार करवाने के लिए 14 अक्टूबर 2025 को शाम करीब 4:15 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलारस पहुंचा। उस समय उसे अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मिला, इसी दौरान राजू को कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित डा. विवेक शर्मा के शासकीय क्वार्टर में उनके पिता रिटायर्ड डा. एचबी शर्मा मरीजों का उपचार करते हुए नजर आए।
इस पर वह भी वहीं उपचार करवाने के लिए चला गया। पीड़ित राजू के अनुसार रिटायर्ड डा. एचबी शर्मा ने उसे वहीं पर इंजेक्शन लगाए, जिससे उसे इंफेक्शन हो गया और उसका कूल्हा सूज गया। इस पर राजू अगले दिन फिर से डा. शर्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने राजू से यह कह दिया कि कभी-कभी ऐसा हो जाता है। जब राजू ने डा. शर्मा से अपने कूल्हे का उपचार किसी अन्य डॉक्टर से करवाने के लिए कहा तो वह भड़क गए और उसे वहां से भगा दिया।
पीड़ित ने जब शिवपुरी में एक निजी अस्पताल में अपना उपचार करवाया तो डाक्टर ने उसका ऑपरेशन किया। राजू के अनुसार वह बेहद गरीब परिवार से है, उपचार के लिए उसकी मां को अपना मंगलसूत्र तक बेचना पड़ गया है। अब तक उपचार में 50 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन पैर सही नहीं हुआ है। अगर चिकित्सकों की मानें तो राजू का पैर अब पहले की तरह नहीं हो पाएगा।
वहीं डा. एचबी शर्मा का कहना है कि मेरे ध्यान में ऐसा कोई मरीज नहीं है जिसे मैंने इंजेक्शन लगाया हो और उसे इंफेक्शन हुआ हो। मैं बिना पंजीयन चिकित्सकीय कार्य नहीं कर रहा हूं।
पंजीयन निरस्त हो चुका हैं
यह बात सही है कि सरकारी आवास में प्रैक्टिस के चलते डा. एचबी शर्मा का पंजीयन निरस्त हो चुका है, जो अभी भी निरस्त है। शिकायत कलेक्टर के यहां हुई है। वहां से जब शिकायत आएगी तो उसकी जांच के बाद उचित वैधानिक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- डा. संजय ऋषिश्वर, सीएमएचओ।