शिवपुरी। शहर सहित अंचल भर में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है। यह कुत्ते अधिकांश रात के समय लोगों को अपना शिकार बनाते है। शहरी क्षेत्र से हर रोज आवारा कुत्तों के काटने के दर्जनभर मामले जिला अस्पताल में आ रहे हैं। बीते 10 माह में 2610 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटकर घायल कर दिया है, जिसमें कई बच्चे भी शामिल है। कुत्तों का आतंक इतना बढ़ चुका है कि लोगों को अब रात के समय घर से बाहर निकलने में डर लगता है। ज्यादा जरूरी होने पर लोग अपने हाथ में कुत्तों से बचाव के लिए डंडा लेकर जा रहे हैं।
इसके नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि हिंसक होते जा रहे है इन इन आवारा कुत्तों को पकड़ने की मुहिम व्यापक स्तर पर नहीं चला रहे। दिखावे के लिए एक दो दिन मुहिम चलाई जाती है, जिसमें 10 या 20 कुत्तों को पकड़कर शहर के बाहर छोड़ने की कार्रवाई होती है, लेकिन समस्या का स्थाई हल नहीं होता।
सतनवाड़ा में 3 कुत्तों ने 36 लोगों को काटा
शहर सहित जिले भर से आवारा कुत्तों के काटने के मामले बड़े स्तर पर सामने आ रहे हैं। 8 दिन पहले अंचल के सतनवाड़ा से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई थी। जिसमें 3 आवारा कुत्तों ने 36 लोगों को काटकर घायल कर दिया। कई घायलों को तो जिला अस्पताल लेकर आना पड़ा। इसमें बच्चे भी शामिल थे। बावजूद इसके जिम्मेदारों का इस बड़ी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है।
नहीं की जा रही कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण
कुछ माह पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आवारा कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी व टीकाकरण करने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आक्रामक और रेबीज संक्रमित कुत्ते पकड़ने के बाद सड़कों पर छोडे नहीं जाएंगे, यहां तक कि उन्हें डॉग शेल्टर में भी अलग रखा जाएगा।
अस्पताल में 10 मरीज रोज पहुंच रहे डॉग बाइट
जिला अस्पताल से मिले आंकड़ों में खुलासा हुआ कि नियमित रूप से अस्पताल में औसतन 10 मरीज डॉग बाइट के पहुंच रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें 90 फीसदी मरीज शिवपुरी के शहरी क्षेत्र से है। डॉग बाइट के अलावा अस्पताल में मंकी बाइट के 59 और बिल्ली के काटने के 117 और अन्य जानवरों के काटने के 71 मरीज पहुंचे हैं। नवंबर माह के 7 दिन में ही 10 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। इसमें एक बच्ची भी शामिल है।
अभी 5 दिन में करीब आधा सैकड़ा आवारा पकड़कर शहर की सीमा से बाहर छोड़ा है। हर दिन सुबह व शाम यह काम हो रहा है। यह बात सही है कि शहर के फिजिकल क्षेत्र में इनकी संख्या अधिक है। हम फिर से अभियान चलाकर इन कुत्तों को पकड़कर शहर से बाहर करवाएंगे।
योगेश शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर पालिका, शिवपुरी।
इसके नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि हिंसक होते जा रहे है इन इन आवारा कुत्तों को पकड़ने की मुहिम व्यापक स्तर पर नहीं चला रहे। दिखावे के लिए एक दो दिन मुहिम चलाई जाती है, जिसमें 10 या 20 कुत्तों को पकड़कर शहर के बाहर छोड़ने की कार्रवाई होती है, लेकिन समस्या का स्थाई हल नहीं होता।
सतनवाड़ा में 3 कुत्तों ने 36 लोगों को काटा
शहर सहित जिले भर से आवारा कुत्तों के काटने के मामले बड़े स्तर पर सामने आ रहे हैं। 8 दिन पहले अंचल के सतनवाड़ा से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई थी। जिसमें 3 आवारा कुत्तों ने 36 लोगों को काटकर घायल कर दिया। कई घायलों को तो जिला अस्पताल लेकर आना पड़ा। इसमें बच्चे भी शामिल थे। बावजूद इसके जिम्मेदारों का इस बड़ी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है।
नहीं की जा रही कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण
कुछ माह पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आवारा कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी व टीकाकरण करने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आक्रामक और रेबीज संक्रमित कुत्ते पकड़ने के बाद सड़कों पर छोडे नहीं जाएंगे, यहां तक कि उन्हें डॉग शेल्टर में भी अलग रखा जाएगा।
अस्पताल में 10 मरीज रोज पहुंच रहे डॉग बाइट
जिला अस्पताल से मिले आंकड़ों में खुलासा हुआ कि नियमित रूप से अस्पताल में औसतन 10 मरीज डॉग बाइट के पहुंच रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें 90 फीसदी मरीज शिवपुरी के शहरी क्षेत्र से है। डॉग बाइट के अलावा अस्पताल में मंकी बाइट के 59 और बिल्ली के काटने के 117 और अन्य जानवरों के काटने के 71 मरीज पहुंचे हैं। नवंबर माह के 7 दिन में ही 10 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। इसमें एक बच्ची भी शामिल है।
अभी 5 दिन में करीब आधा सैकड़ा आवारा पकड़कर शहर की सीमा से बाहर छोड़ा है। हर दिन सुबह व शाम यह काम हो रहा है। यह बात सही है कि शहर के फिजिकल क्षेत्र में इनकी संख्या अधिक है। हम फिर से अभियान चलाकर इन कुत्तों को पकड़कर शहर से बाहर करवाएंगे।
योगेश शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर पालिका, शिवपुरी।