SHIVPURI NEWS - यहां होती है नवरात्रि में राक्षस की पूजा, कुंवारी कन्या और विवाहिता करती है सुरक्षा की कामना

Bhopal Samachar

शिवपुरी। नवरात्रि में माता भवानी के नौ रूपों की पूजा होती हैं,कई घरो में दुर्गा सप्तमी का पाठ भी होता है। माता के कथाओं में माँ दुर्गा ने राक्षसो का वध किया है,लेकिन शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के भौंती कस्बे में नवरात्रि में राक्षस की पूजा का विधान है। इस राक्षस पूजा को केवल नवरात्रि मे ही किया जाता है। राक्षस इन कन्याओं और विवाहित महिलाओं को सुरक्षा का वरदान देता है।

बुंदेलखंड की प्राचीन किवदंती में सुआटा नामक राक्षस की पूजा करती है। नवरात्रि के नौ दिनो तक एक राक्षस जैसी आकृति बनाई जाती है और इस आकृति की पूजा होती है। इस परंपरा का उद्देश्य राक्षस के अत्याचारों से सुरक्षा पाना और अच्छे पति की कामना करना होता है। विवाह के बाद भी महिलाएं मायके आकर सुआटा और माता गौरी का पूजन करती हैं।

इस वर्ष सोनम, दीपा सहित कई विवाहित लड़कियों ने अपने मायके में सुआटा की पूजा की। पूजा के दौरान कन्याओं के परिजनों ने भी माता गौरी की आराधना की। शीला गुप्ता ने बताया कि सुआटा पूजा केवल प्रतीक स्वरूप ही आज मनाई जाती है, लेकिन यह कन्याओं को आत्मबल और भविष्य की सुरक्षा प्रदान करती है।

पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि प्राचीन काल में सुआटा नामक राक्षस अविवाहित लड़कियों को उठा ले जाता था। लड़कियों की व्यथा सुनकर भगवान कृष्ण ने टेसू नामक वीर योद्धा को भेजा, जिसने सुआटा को मारा। मरने से पहले सुआटा ने कन्याओं से पांव पखारने का वरदान मांगा, जिसे भगवान ने स्वीकार कर दिया।

तभी से लड़कियां शादी से पहले उसकी पूजा करती हैं ताकि वह उन्हें परेशान न करे। सुआटा पूजा बुंदेलखंड की सांस्कृतिक पहचान है, जो लड़कियों में सामूहिकता और संगठन की भावना जगाती है। यह परंपरा आज भी समाज में आत्मबल और धार्मिक आस्था के प्रतीक के रूप में जीवित है।