SHIVPURI NEWS - सरकारी स्कूल के बच्चे फंडामेंटल लिटरेसी पद्धति से सीखेगें बौद्धिक संख्या ज्ञान,सर्वे संपन्न

Bhopal Samachar

शिवपुरी। हाल ही में अमल में आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गाइडलाइन के अनुसार बच्चों की बौद्धिक समझ और बुनियादी संख्या ज्ञान को परखने के लिए फंडामेंटल लिटरेसी एण्ड न्यूमेरेसी (एफएलएन) सर्वे जिले के 80 चिन्हित स्कूलों में विकास खण्ड वार किया गया। जिला परियोजना समन्वयक दफेदार सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में आयोजित हुए इस सर्वे को दो दिवस में 316 फील्ड इन्वेस्टीगेटर की प्रशिक्षित टीम द्वारा संपन्न कराया गया।

डाइट प्राचार्य एमयू शरीफ एवं एपीसी मोबिलाइजेशन उमेश करारे सहित जिले भर के बीआरसीसी, बीएसी व सीएसी ने इस सर्वे की मॉनिटरिंग कर डाटा संग्रहित कराया है। जिले के 80 चिन्हित प्राथमिक विद्यालयों के वर्तमान में कक्षा 3 में पढ़ने वाले 979 व कक्षा 4 में अध्ययनरत 1195 सहित कुल 2174 बच्चों का गत सत्र 2024-25 का सर्वे दो चरण में किया गया। 

पहले चरण में 26 सितंबर को पिछोर, खनियाधाना, करैरा व नरवर जबकि 27 को कोलारस, बदरवास, पोहरी व शिवपुरी विकासखण्ड स्कूलों में फील्ड इन्वेस्टीगेटर की टीम पहुंची, जहां परखा गया कि इन बच्चों में भाषा, गणित और अंग्रेजी सहित अन्य विषयों की कितनी मूलभूत समझ विकसित हुई है। इस सर्वे के नतीजों के आधार पर ही भविष्य में जिले में शिक्षा व शिक्षण की बेहतरी के नए रास्ते खुलेंगे और शैक्षिक व्यवस्था को नया ढांचा मिलेगा।

एनसीईआरटी के टूल्स से सर्वे
जिले के चिन्हित 80 स्कूलों में एफएलएन सर्वे में एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइन और टूल्स का उपयोग किया गया। जहां हिंदी, गणित, पर्यावरण और अंग्रेजी जैसे विषयों की बुनियादी दक्षता को परखा गया। दरअसल नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि प्राथमिक कक्षाओं से ही बच्चों में सीखने की क्षमता और सोचने की आदत मजदूत हो। क्योंकि बाल्य अवस्था के शुरुआती दस साल समग्र विकास की नींव रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

सर्वे से यह होगा फायदा
शिक्षाविदों की मानें तो एफएलएन सर्वे से जिले के शैक्षणिक ढांचे की वास्तविक स्थिति का आकलन संभव हो पाएगा और पता चलेगा कि बच्चे किस हद तक बुनियादी पढ़ाई को समझ पा रहे हैं। इस आधार पर प्लान बनाया जा सकेगा। इसके अलावा कहां-कहां विषयों को लेकर कमजोरी है इस गणना से शिक्षकों को तैयार किया जाएगा। साथ ही भविष्य में नई योजनाएं और पाठ्यक्रम भी सर्वे के परिणाम के आधार पर तैयार होंगे तथा शिक्षकों को मार्गदर्शन के लिए प्रशिक्षण का स्वरूप भी तय होगा।

यह बोले अधिकारी
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उक्त एफएलएन सर्वे का कार्य जिले के चयनित 80 प्राथमिक स्कूलों में किया गया। सर्वे के नतीजों के आधार पर स्कूलों में शिक्षण पद्धति सुधारने, प्रशिक्षण देने व संसाधन उपलब्ध कराने की योजनाएं बनाई जाएंगी।
उमेश करारे
एपीसी, मोबिलाइजेशन, जिला शिक्षा केंद्र शिवपुरी