पोहरी। शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा में पीएचई विभाग की मनमानी और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते पोहरी विकासखंड के कई गाँवों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है। क्षेत्र के झिरी ग्राम स्थित शासकीय हाईस्कूल परिसर का हैंडपंप करीब एक वर्ष से खराब पड़ा है। स्थिति यह है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को रोजाना घर से बोतलों में पानी लेकर आना पड़ता है। बोतलों का पानी खत्म हो जाने के बाद बच्चे प्यासे परेशान होते रहते हैं।
झिरी मंडल अध्यक्ष विष्णु परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले एक माह से लगातार पीएचई विभाग के उपयंत्री और अन्य जिम्मेदार इंजीनियर को फोन लगाया जा रहा है, लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है कि "हैंडपंप सुधरवा देंगे।" जबकि हकीकत यह है कि महीनों से कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ गुमराह कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।
मंडल अध्यक्ष ने आगे बताया कि झिरी ही नहीं बल्कि आसपास के कई गांवों का हाल इसी तरह का है। राजपुर स्कूल के दो हैंडपंप भी महीनों से खराब पड़े हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। विभाग के उपयंत्री का रवैया ऐसा है कि चाहे कोई भी ग्रामीण फोन लगाए, वह फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझते।
इस गंभीर समस्या पर भाजपा पोहरी मंडल अध्यक्ष आशुतोष जैमिनी ने भी पीएचई विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि "पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से लोगों को वंचित रखना बेहद शर्मनाक है। अधिकारी अगर अब भी नहीं जागे तो भाजपा कार्यकर्ता और ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों और मंडल अध्यक्षों का कहना है कि यदि आने वाले दो दिनों के भीतर खराब पड़े हैंडपंपों की मरम्मत नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी पीएचई विभाग और संबंधित अधिकारियों की होगी।
पेयजल संकट झेल रहे गाँवों में अब गुस्सा फूटने लगा है, ऐसे में देखना होगा कि पीएचई विभाग ग्रामीणों की चेतावनी को गंभीरता से लेता है या फिर क्षेत्र की जनता को सड़क पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ेगी।
झिरी मंडल अध्यक्ष विष्णु परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले एक माह से लगातार पीएचई विभाग के उपयंत्री और अन्य जिम्मेदार इंजीनियर को फोन लगाया जा रहा है, लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है कि "हैंडपंप सुधरवा देंगे।" जबकि हकीकत यह है कि महीनों से कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ गुमराह कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।
मंडल अध्यक्ष ने आगे बताया कि झिरी ही नहीं बल्कि आसपास के कई गांवों का हाल इसी तरह का है। राजपुर स्कूल के दो हैंडपंप भी महीनों से खराब पड़े हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। विभाग के उपयंत्री का रवैया ऐसा है कि चाहे कोई भी ग्रामीण फोन लगाए, वह फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझते।
इस गंभीर समस्या पर भाजपा पोहरी मंडल अध्यक्ष आशुतोष जैमिनी ने भी पीएचई विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि "पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से लोगों को वंचित रखना बेहद शर्मनाक है। अधिकारी अगर अब भी नहीं जागे तो भाजपा कार्यकर्ता और ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों और मंडल अध्यक्षों का कहना है कि यदि आने वाले दो दिनों के भीतर खराब पड़े हैंडपंपों की मरम्मत नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी पीएचई विभाग और संबंधित अधिकारियों की होगी।
पेयजल संकट झेल रहे गाँवों में अब गुस्सा फूटने लगा है, ऐसे में देखना होगा कि पीएचई विभाग ग्रामीणों की चेतावनी को गंभीरता से लेता है या फिर क्षेत्र की जनता को सड़क पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ेगी।