शिवपुरी। शिवपुरी जिले में इस साल मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ने के लिए आगे बढ़ रहा है,इधर शिवपुरी जिले में चुने हुए प्रतिनिधियों के इस्तीफे का एक अनोखा रिकॉर्ड भी बन रहा है। इससे पूर्व नगर पालिका शिवपुरी के 14 पार्षदों ने इस्तीफे दिए थे,वही आज बदरवास जनपद के 14 सदस्यों ने भी आज कलेक्टर को एक संयुक्त आवेदन देकर इस्तीफे सौंप दिए है। इस्तीफे देने वाले सदस्यों ने बताया कि बदरवास जनपद में हमारी कोई सुनवाई नहीं होती है,काम नहीं हो रहे है। मामला जनपद अध्यक्ष के ट्रांसफर से उलझा है और बदरवास मे अब डर्टी पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है।
इस खबर पर आगे बढ़ने से पूर्व सबसे पहले पढ़िए इस्तीफे का आवेदन जिसे हम सशब्द प्रकाशित कर रहे है।
प्रति,
श्रीमान कलेक्टर महोदय, जिला शिवपुरी, म०प्र०
दिनांक 9-9-25
विषय :-जनपद पंचायत बदरवास के जनपद सदस्य पद से सामूहिक इस्तीफा देने बाबत ।
महोदय,
आज दिनांक 09.09.2025 को जनपद में साधारण सभा की मीटिंग रखी गयी। महोदय मीटिंग में जो बिन्दु रखे गये थे वह 2022-23 के 15वे वित्त योजना की राशि पर चर्चा जबकि 2022-23 की कार्य योजना डी.पी. आर. का अनुमोदन पहले ही हो, चुका है। 2025-26 की कार्य योजना 15वे वित्त के कार्यों पर चर्चा का बिंदु रखा गया जबकि 2025-26 की कार्य योजना भी सभी सदस्यों ने प्रस्ताव पिछली मीटिंग दिनांक 02.07.2025 को पूर्व में ही कर दिया गया था।
उन्हीं बिन्दुओं को लेकर आज 09.09.2025 को फिर से मीटिंग रखी गयी जबकि पंचायती राज एक्ट में धारा 45 में उल्लेख है कि एक बार प्रस्ताव पास हो जाये तो उसे दोबारा से रखना है तो 3/4 सदस्य एक होकर यानि 25 सदस्यों में से 19 सदस्य लिखित में दे तो 06 माह बाद फिर मीटिंग में उन प्रस्तावों को रख सकते। हम सभी जनपद सदस्यों को बार-बार मीटिंग में बुलाया जाता है आज भी सदस्यों का बहुमत होने के बावजूद भी मीटिंग को स्थगित कर दिया गया है। महोदय किसी रोज कोई बड़ी घटना भी हो सकती है।
महोदय जनपद पंचायत बदरवास में भारी भ्रष्टाचार और मनमानी कार्यशैली से परेशान तथा हमारे जनपद क्षेत्रों का विकास भी प्रभावित हो रहा है इसलिए हम सभी सदस्य इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें। अपने पद से इस्तीफा आपको सौंपते हैं।
यह है इस्तीफा देने वाले जनपद सदस्यो के नाम
मोहर सिंह पड़रिया,कृष्ण भान सिंह यादव,मेहरवान यादव उर्फ पप्पू,संगीता पटेलिया,श्रीमती रचना शर्मा,श्रीमति जानकी बाई,श्रीमती रामवती आदिवासी,श्रीमती गुड्डी बाई रघुवंशी,श्रीमती प्रेमलता जाटव,श्रीमती समीक्षा यादव,श्रीमती नीतू यादव,श्रीमती रिना जाटव,हीरा लाल आदिवासी और श्रीमती गुड्डी बाई लोधी
बदरवास जनपद के 14 सदस्यों ने एक आवेदन देकर अपने पद से त्याग कर दिया है। इस्तीफा अलग अलग रूप से नही दिए गए है। एक आगे का आवेदन टाइप किया गया वही इस्तीफा देने वाले को नाम आवेदन के दूसरे पेज पर हस्तलिखित अंकित किए गए है। कुल मिलाकर यह इस्तीफा किसी भी नियम से मंजूर नही होगें। बदरवास की जनपद अध्यक्ष है मीराबाई परिहार है। बदरवास में जनपद सदस्यों की संख्या है 25 है।
क्यों लिखा गया डर्टी पॉलिटिक्स
यह सर्वविदित है कि बदरवास के यादवों के दूसरे धड़े के नेता रामवीर सिंह यादव ने 3 साल पूर्व मीराबाई परिहार को जनपद अध्यक्ष बनाया था,मीराबाई परिहार बदरवास ही निवास करती थी और रामवीर सिंह यादव मीराबाई परिहार के गॉड फादर थे,लेकिन 2 माह पूर्व बदरवास जनपद की अध्यक्ष मीराबाई परिहार रामवीर यादव का साथ छोड दिया और कोलारस विधायक महेंद्र सिंह यादव के सरक्षण मे चली गई।
ऐसे हुआ था ट्रांसफर
यह दिया था मीडिया को स्टेटमेंट 4 जुलाई को बदरवास जनपद अध्यक्ष मीराबाई परिहार ने
रामवीर यादव ने मुझे अपनी कोठी पर रखा। मेरी वेतन भी पूरी नहीं देता था। बदरवास में प्लॉट देने की बात कही थी, लेकिन प्लॉट भी नहीं दिया। मैं रामवीर के यहां से भागकर सरपंच शिशुपाल यादव के यहां आआ गई, उसी ने मेरा चुनाव का फार्म भरवाया था। रामवीर ने मेरे बेटों को दारू पिलाकर भड़का दिया। में तुप गई थी। बेटे ऊधम मचा रहे थे इसलिए मैंने ही दोनों को जेल भिजवा दिया। वे मुझे मार कूटकर रामवीर के यहां ले जाना चाहते थे। यहां राजनीति चल रही है इसलिए घर पर नहीं हूं।
शांति भंग की धारा में अध्यक्ष के बेटे गए थे जेल
बदरवास जनपद अध्यक्ष मीरा बाई परिहार के दो बेटे धर्मेंद्र परिहार और वीरू परिहार को बदरवास पुलिस 27 जून को गांव में उपद्रव करने के आरोप में पकड़कर ले गई। दूसरे दिन 28 जून को शांति भंग को धारा में बदरवास तहसीलदार प्रदीप भार्गव ने दोनों भाइयों को जेल भेज दिया। 2 जुलाई को तहसीलदार के आदेश के बाद 3 जुलाई की शाम को दोनों भाई जेल से छूटे। जनपद अध्यक्ष मीरा बाई खुद स्वीकार रहीं हैं कि उन्होंने ही बेटों को जेल भिजवाया। जनपद अध्यक्ष को अपने संग रखने वाले सरपंच शिशुपाल यादव ने कहा था कि बड़े भाई ने फोन करके पुलिस ऊधम मचा रहे थे, इसलिए मैंने ही दोनों को जेल भिजवा दिया था।
4 जुलाई के स्टेटमेंट पर गौर करे तो रामवीर की कोठी पर बंधक था लोकतंत्र
बदरवास जनपद अध्यक्ष मीराबाई परिहार 4 जुलाई के स्टेटमेंट के शब्दों पर गौर करे तो यादव नेता रामवीर की बदरवास की कोठी पर मीराबाई रहती थी,उनका वेतन भी नहीं दिया जाता था। वह भागकर बची,सीधे शब्दों में लिखे तो रामवीर की कोठी पर लोकतंत्र बंधक था। लोकतंत्र मुक्त हुआ तो रामवीर ने अपने समर्थक सदस्यों के साथ मिलकर आज इस्तीफा से प्रेशर पॉलिटिक्स बनानी शुरू कर दी है। इस्तीफा देते समय शिवपुरी एडीएम दिनेश चंद्र शुक्ला के शब्दों पर गौर करे तो एडीएम ने कहा था कि इस्तीफा ऐसे नही नही दिया जाता है कोर्ट रूम मे दिया जाता है। इस्तीफा आवेदन रूपी सामूहिक दिया गया है इसलिए यह कलेक्टर शिवपुरी इस आवेदन को पहली ही तारिख मे अस्वीकार कर सकते है।
इस खबर पर आगे बढ़ने से पूर्व सबसे पहले पढ़िए इस्तीफे का आवेदन जिसे हम सशब्द प्रकाशित कर रहे है।
प्रति,
श्रीमान कलेक्टर महोदय, जिला शिवपुरी, म०प्र०
दिनांक 9-9-25
विषय :-जनपद पंचायत बदरवास के जनपद सदस्य पद से सामूहिक इस्तीफा देने बाबत ।
महोदय,
आज दिनांक 09.09.2025 को जनपद में साधारण सभा की मीटिंग रखी गयी। महोदय मीटिंग में जो बिन्दु रखे गये थे वह 2022-23 के 15वे वित्त योजना की राशि पर चर्चा जबकि 2022-23 की कार्य योजना डी.पी. आर. का अनुमोदन पहले ही हो, चुका है। 2025-26 की कार्य योजना 15वे वित्त के कार्यों पर चर्चा का बिंदु रखा गया जबकि 2025-26 की कार्य योजना भी सभी सदस्यों ने प्रस्ताव पिछली मीटिंग दिनांक 02.07.2025 को पूर्व में ही कर दिया गया था।
उन्हीं बिन्दुओं को लेकर आज 09.09.2025 को फिर से मीटिंग रखी गयी जबकि पंचायती राज एक्ट में धारा 45 में उल्लेख है कि एक बार प्रस्ताव पास हो जाये तो उसे दोबारा से रखना है तो 3/4 सदस्य एक होकर यानि 25 सदस्यों में से 19 सदस्य लिखित में दे तो 06 माह बाद फिर मीटिंग में उन प्रस्तावों को रख सकते। हम सभी जनपद सदस्यों को बार-बार मीटिंग में बुलाया जाता है आज भी सदस्यों का बहुमत होने के बावजूद भी मीटिंग को स्थगित कर दिया गया है। महोदय किसी रोज कोई बड़ी घटना भी हो सकती है।
महोदय जनपद पंचायत बदरवास में भारी भ्रष्टाचार और मनमानी कार्यशैली से परेशान तथा हमारे जनपद क्षेत्रों का विकास भी प्रभावित हो रहा है इसलिए हम सभी सदस्य इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें। अपने पद से इस्तीफा आपको सौंपते हैं।
यह है इस्तीफा देने वाले जनपद सदस्यो के नाम
मोहर सिंह पड़रिया,कृष्ण भान सिंह यादव,मेहरवान यादव उर्फ पप्पू,संगीता पटेलिया,श्रीमती रचना शर्मा,श्रीमति जानकी बाई,श्रीमती रामवती आदिवासी,श्रीमती गुड्डी बाई रघुवंशी,श्रीमती प्रेमलता जाटव,श्रीमती समीक्षा यादव,श्रीमती नीतू यादव,श्रीमती रिना जाटव,हीरा लाल आदिवासी और श्रीमती गुड्डी बाई लोधी
बदरवास जनपद के 14 सदस्यों ने एक आवेदन देकर अपने पद से त्याग कर दिया है। इस्तीफा अलग अलग रूप से नही दिए गए है। एक आगे का आवेदन टाइप किया गया वही इस्तीफा देने वाले को नाम आवेदन के दूसरे पेज पर हस्तलिखित अंकित किए गए है। कुल मिलाकर यह इस्तीफा किसी भी नियम से मंजूर नही होगें। बदरवास की जनपद अध्यक्ष है मीराबाई परिहार है। बदरवास में जनपद सदस्यों की संख्या है 25 है।
क्यों लिखा गया डर्टी पॉलिटिक्स
यह सर्वविदित है कि बदरवास के यादवों के दूसरे धड़े के नेता रामवीर सिंह यादव ने 3 साल पूर्व मीराबाई परिहार को जनपद अध्यक्ष बनाया था,मीराबाई परिहार बदरवास ही निवास करती थी और रामवीर सिंह यादव मीराबाई परिहार के गॉड फादर थे,लेकिन 2 माह पूर्व बदरवास जनपद की अध्यक्ष मीराबाई परिहार रामवीर यादव का साथ छोड दिया और कोलारस विधायक महेंद्र सिंह यादव के सरक्षण मे चली गई।
ऐसे हुआ था ट्रांसफर
यह दिया था मीडिया को स्टेटमेंट 4 जुलाई को बदरवास जनपद अध्यक्ष मीराबाई परिहार ने
रामवीर यादव ने मुझे अपनी कोठी पर रखा। मेरी वेतन भी पूरी नहीं देता था। बदरवास में प्लॉट देने की बात कही थी, लेकिन प्लॉट भी नहीं दिया। मैं रामवीर के यहां से भागकर सरपंच शिशुपाल यादव के यहां आआ गई, उसी ने मेरा चुनाव का फार्म भरवाया था। रामवीर ने मेरे बेटों को दारू पिलाकर भड़का दिया। में तुप गई थी। बेटे ऊधम मचा रहे थे इसलिए मैंने ही दोनों को जेल भिजवा दिया। वे मुझे मार कूटकर रामवीर के यहां ले जाना चाहते थे। यहां राजनीति चल रही है इसलिए घर पर नहीं हूं।
शांति भंग की धारा में अध्यक्ष के बेटे गए थे जेल
बदरवास जनपद अध्यक्ष मीरा बाई परिहार के दो बेटे धर्मेंद्र परिहार और वीरू परिहार को बदरवास पुलिस 27 जून को गांव में उपद्रव करने के आरोप में पकड़कर ले गई। दूसरे दिन 28 जून को शांति भंग को धारा में बदरवास तहसीलदार प्रदीप भार्गव ने दोनों भाइयों को जेल भेज दिया। 2 जुलाई को तहसीलदार के आदेश के बाद 3 जुलाई की शाम को दोनों भाई जेल से छूटे। जनपद अध्यक्ष मीरा बाई खुद स्वीकार रहीं हैं कि उन्होंने ही बेटों को जेल भिजवाया। जनपद अध्यक्ष को अपने संग रखने वाले सरपंच शिशुपाल यादव ने कहा था कि बड़े भाई ने फोन करके पुलिस ऊधम मचा रहे थे, इसलिए मैंने ही दोनों को जेल भिजवा दिया था।
4 जुलाई के स्टेटमेंट पर गौर करे तो रामवीर की कोठी पर बंधक था लोकतंत्र
बदरवास जनपद अध्यक्ष मीराबाई परिहार 4 जुलाई के स्टेटमेंट के शब्दों पर गौर करे तो यादव नेता रामवीर की बदरवास की कोठी पर मीराबाई रहती थी,उनका वेतन भी नहीं दिया जाता था। वह भागकर बची,सीधे शब्दों में लिखे तो रामवीर की कोठी पर लोकतंत्र बंधक था। लोकतंत्र मुक्त हुआ तो रामवीर ने अपने समर्थक सदस्यों के साथ मिलकर आज इस्तीफा से प्रेशर पॉलिटिक्स बनानी शुरू कर दी है। इस्तीफा देते समय शिवपुरी एडीएम दिनेश चंद्र शुक्ला के शब्दों पर गौर करे तो एडीएम ने कहा था कि इस्तीफा ऐसे नही नही दिया जाता है कोर्ट रूम मे दिया जाता है। इस्तीफा आवेदन रूपी सामूहिक दिया गया है इसलिए यह कलेक्टर शिवपुरी इस आवेदन को पहली ही तारिख मे अस्वीकार कर सकते है।