पोहरी। शिवपुरी जिले के पोहरी अनुविभाग के भटनावर चौकी अंतर्गत ग्राम रामपुरा में शंकर जी के प्राचीन चबूतरे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार ग्राम की शासकीय भूमि सर्वे नंबर 63 व 64 पर स्थित शंकर जी का चबूतरा, जो ग्रामीणों की आस्था का केंद्र माना जाता है, उसे मिटाकर कब्जा करने का आरोप ग्राम निवासी राजवती पत्नी अरविन्द आदिवासी पर लगा है।
ग्रामीणों का कहना है कि राजवती ने चबूतरे को मिटाकर जबरन नींव खोदना शुरू कर दिया और पक्के निर्माण की तैयारी करने लगी। इस पर गांव के लोगों ने मौके पर जाकर उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं हुई। हालात बिगड़ते देख रामपुरा के दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण एक साथ पोहरी थाना पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई।
ग्रामीणों के बयान
ग्रामवासी रघुवीर आदिवासी ने बताया – "यह शंकर जी का चबूतरा हमारे पूर्वजों के समय से बना हुआ है। पूरे गांव की आस्था इस जगह से जुड़ी है। इसे तोड़कर निजी कब्जा करना गलत है।"
ग्रामवासीराम सिह आदिवासी ने कहा – "हमने मौके पर जाकर कई बार राजवती को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने उल्टा हमसे ही झगड़ा करने की कोशिश की। ऐसे धार्मिक स्थल पर कब्जा करना गांव में अशांति फैला सकता है।"
ग्रामवासी सूरज आदिवासी का कहना है – "हमने थाने में आवेदन दिया है कि प्रशासन तुरंत निर्माण कार्य रुकवाए और चबूतरे को पूर्व रूप में पुनः स्थापित कराए।"
वहीं कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि "शासकीय भूमि पर इस तरह कब्जा करने की कोशिश खुलेआम प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह मामला और बड़ा हो सकता है।"
थाने तक पहुंचा मामला आवेदन देकर की कारबाई की मांग
ग्रामीणों की शिकायत के बाद पोहरी थाना पुलिस ने आवेदन लिया है और जांच शुरू करने की बात कही है। ग्रामीणों की मांग है कि शंकर जी का चबूतरा पुनः पूर्व स्थिति में बहाल किया जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्रामीण प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि राजवती ने चबूतरे को मिटाकर जबरन नींव खोदना शुरू कर दिया और पक्के निर्माण की तैयारी करने लगी। इस पर गांव के लोगों ने मौके पर जाकर उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं हुई। हालात बिगड़ते देख रामपुरा के दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण एक साथ पोहरी थाना पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई।
ग्रामीणों के बयान
ग्रामवासी रघुवीर आदिवासी ने बताया – "यह शंकर जी का चबूतरा हमारे पूर्वजों के समय से बना हुआ है। पूरे गांव की आस्था इस जगह से जुड़ी है। इसे तोड़कर निजी कब्जा करना गलत है।"
ग्रामवासीराम सिह आदिवासी ने कहा – "हमने मौके पर जाकर कई बार राजवती को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने उल्टा हमसे ही झगड़ा करने की कोशिश की। ऐसे धार्मिक स्थल पर कब्जा करना गांव में अशांति फैला सकता है।"
ग्रामवासी सूरज आदिवासी का कहना है – "हमने थाने में आवेदन दिया है कि प्रशासन तुरंत निर्माण कार्य रुकवाए और चबूतरे को पूर्व रूप में पुनः स्थापित कराए।"
वहीं कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि "शासकीय भूमि पर इस तरह कब्जा करने की कोशिश खुलेआम प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह मामला और बड़ा हो सकता है।"
थाने तक पहुंचा मामला आवेदन देकर की कारबाई की मांग
ग्रामीणों की शिकायत के बाद पोहरी थाना पुलिस ने आवेदन लिया है और जांच शुरू करने की बात कही है। ग्रामीणों की मांग है कि शंकर जी का चबूतरा पुनः पूर्व स्थिति में बहाल किया जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और ग्रामीण प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।