एक्सरे @ ललित मुदगल। बीते रोज भोपाल में कैबिनेट बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से ग्वालियर के विकास के लिए लड लिए,नेता ऐसा ही होना चाहिए कि अपने क्षेत्र के विकास के लिए लड़ने को तैयार हो जाए। लेकिन सवाल यह उठता है कि अपने प्रभार वाले जिले के लिए प्रभारी मंत्री नही लडे। वह भी उस शहर के लिए उनके राजनीतिक भगवान सिंधिया महाराज का है। सिंधिया का शहर इस समय समस्या से कराह,समस्या आक्रोश पैदा कर रही है असंतोष के फैल रहा है
पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के भोपाल के सीन का समझने का प्रयास करते है इतनी पीड़ा उनके दिल में क्या थी। तोमर साहब ने सीएम से बोला की ग्वालियर की हालत नरक जैसी हो गई हैं। निगम कमिश्नर सुन नहीं है कलेक्टर भी नहीं सुन रहे है।
जगह-जगह गंदगी के ढेर,पडे है,सडके सुरंग जैसी हो गई है धसक रही है,सीवर व्यवस्था खराब है। कुल मिलाकर 90 प्रतिशत जो समस्या थी वह नगर निगम से संबंधित थी और इस लड़ाई में अपने साथ ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को भी शामिल कर लिया और 100 करोड़ के पैकेज की मांग भी कर डाली। तोमर साहब इतने उखडे की सीएम को बार बार कहना है कि अलग से केबिन में बात करते है लेकिन तोमर साहब जिद पर अड़े रहे।
कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को हमारे महाराज साहब ने उनके पूर्वजों का बसाया हुआ शहर को सौंपा है। शिवपुरी में भी यह अव्यवस्था है जो ग्वालियर में है। प्रभारी मंत्री अभी कैबिनेट में जिद करने से पहले शिवपुरी की सड़क भी नाप ली,शिवपुरी की सडके ग्वालियर से 100 फीसदी गई गुजरी है,फिर भी तोमर साहब सिंधिया के शहर के नही लडे,अतिरिक्त पैकेज की मांग नहीं की।
हमारे महाराज साहब ने इस शहर के विकास की बागडौर प्रभारी मंत्री तोमर को सौंपी है,शहर की व्यवस्थाओ पर ध्यान नही दिया गया। पार्षदों की शिकायतो पर गौर नहीं किया इस कारण गर्त में चला गया यह शहर। अब सवाल यह उठता है कि क्या महाराज और महाराज की शिवपुरी से तोमर साहब आपको प्यार नहीं हैं
क्या श्रीमंत सरकार के चरणों में साष्टांग होकर प्रणाम करने वाले तोमर साहब बंद कमरे में महाराज साहब से आप क्या बोलते है शिवपुरी के विकास को लेकर यह किसी को पता नही है हमे तो लगता है कि आप बंद कमरे में झूठी रिर्पोटिंग करते हो। महाराज का सीधा संपर्क जनता से नहीं,आपके इर्द गिर्द घूमने वाले नेताओं से है वह आपको क्रॉस नहीं कर सकते उन्है आप से काम जो करवाने हैं।
आपके इर्द गिर्द घूमने वाले नेताओं को एडवोकेट हेमंत कटारे ने आईना दिखाया था आपके शहर भ्रमण के दौरान आपसे जनता से सीधा संपर्क होने में बाधा बन रहे थे इसलिए हेमंत कटारे ने बोला था कि आप लोग यहां क्यों आए हो,अपने अपने वार्ड में जाओ हम यहां की पब्लिक है हमारी समस्या हम बताएंगे,आप तो कह तो देते हो सब ठीक है।
अगर तोमर साहब आप महाराज को गलत रिर्पोट नहीं करते तो हमारे श्रीमंत महाराज साहब शिवपुरी की यह हालत नहीं होने देते,अब महाराज साहब आपको भी यह सोचना होगा कि शिवपुरी आपने किन जिम्मेदार हाथों में सौंप रखा है आप ही कहते है कि आपके और हमारे बीच ढाई सौ साल पुराने पारिवारिक संबंध है। आपका शहर है आपको इस शहर के बारे में गंभीर रूप से चिंतन करना होगा
पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के भोपाल के सीन का समझने का प्रयास करते है इतनी पीड़ा उनके दिल में क्या थी। तोमर साहब ने सीएम से बोला की ग्वालियर की हालत नरक जैसी हो गई हैं। निगम कमिश्नर सुन नहीं है कलेक्टर भी नहीं सुन रहे है।
जगह-जगह गंदगी के ढेर,पडे है,सडके सुरंग जैसी हो गई है धसक रही है,सीवर व्यवस्था खराब है। कुल मिलाकर 90 प्रतिशत जो समस्या थी वह नगर निगम से संबंधित थी और इस लड़ाई में अपने साथ ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को भी शामिल कर लिया और 100 करोड़ के पैकेज की मांग भी कर डाली। तोमर साहब इतने उखडे की सीएम को बार बार कहना है कि अलग से केबिन में बात करते है लेकिन तोमर साहब जिद पर अड़े रहे।
कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को हमारे महाराज साहब ने उनके पूर्वजों का बसाया हुआ शहर को सौंपा है। शिवपुरी में भी यह अव्यवस्था है जो ग्वालियर में है। प्रभारी मंत्री अभी कैबिनेट में जिद करने से पहले शिवपुरी की सड़क भी नाप ली,शिवपुरी की सडके ग्वालियर से 100 फीसदी गई गुजरी है,फिर भी तोमर साहब सिंधिया के शहर के नही लडे,अतिरिक्त पैकेज की मांग नहीं की।
हमारे महाराज साहब ने इस शहर के विकास की बागडौर प्रभारी मंत्री तोमर को सौंपी है,शहर की व्यवस्थाओ पर ध्यान नही दिया गया। पार्षदों की शिकायतो पर गौर नहीं किया इस कारण गर्त में चला गया यह शहर। अब सवाल यह उठता है कि क्या महाराज और महाराज की शिवपुरी से तोमर साहब आपको प्यार नहीं हैं
क्या श्रीमंत सरकार के चरणों में साष्टांग होकर प्रणाम करने वाले तोमर साहब बंद कमरे में महाराज साहब से आप क्या बोलते है शिवपुरी के विकास को लेकर यह किसी को पता नही है हमे तो लगता है कि आप बंद कमरे में झूठी रिर्पोटिंग करते हो। महाराज का सीधा संपर्क जनता से नहीं,आपके इर्द गिर्द घूमने वाले नेताओं से है वह आपको क्रॉस नहीं कर सकते उन्है आप से काम जो करवाने हैं।
आपके इर्द गिर्द घूमने वाले नेताओं को एडवोकेट हेमंत कटारे ने आईना दिखाया था आपके शहर भ्रमण के दौरान आपसे जनता से सीधा संपर्क होने में बाधा बन रहे थे इसलिए हेमंत कटारे ने बोला था कि आप लोग यहां क्यों आए हो,अपने अपने वार्ड में जाओ हम यहां की पब्लिक है हमारी समस्या हम बताएंगे,आप तो कह तो देते हो सब ठीक है।
अगर तोमर साहब आप महाराज को गलत रिर्पोट नहीं करते तो हमारे श्रीमंत महाराज साहब शिवपुरी की यह हालत नहीं होने देते,अब महाराज साहब आपको भी यह सोचना होगा कि शिवपुरी आपने किन जिम्मेदार हाथों में सौंप रखा है आप ही कहते है कि आपके और हमारे बीच ढाई सौ साल पुराने पारिवारिक संबंध है। आपका शहर है आपको इस शहर के बारे में गंभीर रूप से चिंतन करना होगा