शिवपुरी। शिवपुरी की नगर सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है,कलेक्टर ने अविश्वास प्रस्ताव वाला ज्ञापन देने वाले 22 पार्षदों को 25 अगस्त के आमंत्रण का सूचना पत्र जारी कर दिया। इस सूचना पत्र जारी होने के बाद शहर की राजनीति तेज हो गई है वही इस राजनीति में गेम चेंज करने के लिए सेठजी शहर के विलेन भूमिका में उतर चुके है। वही इस सूचना पत्र जारी होने के बाद पार्षदों के मोबाइल बंद होने के पोस्ट भी सोशल पर वायरल होने लगी है। इसी बीच शिवपुरी समाचार को पार्षदों का गेम प्लान चेंज का सूत्र भी हाथ लगा है अब पार्षद जन जागरण की दिशा की ओर कदम बडा सकते है।
इस पूरी खबर को कम शब्दों में लिखने का प्रयास करते है कि जैसा कि विदित है कि नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा का पद से बर्खास्त करने की बगीचा धाम पर शपथ ले चुके पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन कलेक्टर शिवपुरी को दिया जा चुका है। कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र चौधरी ने इस कार्यवाही को आगे बढाते हुए पार्षदों के हस्ताक्षर का सत्यापन कराने के लिए सूचना पत्र जारी कर दिया है।
इस सूचना पत्र जारी होने के बाद गायत्री शर्मा विरोधी पार्षदों की लिस्ट में से 4 पार्षदों के गायब होने की खबर मिल रही है। एक पार्षद मोबाइल पर बातचीत तो कर रहे हे लेकिन कह रहे कि शिवपुरी मे नही हुूं 25 अगस्त को ही शिवपुरी में आऊंगा,वही इन पार्षदों के मोबाइल बंद होने के बाद सोशल पर पोस्ट भी वायरल की जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव को नगर पालिका में मची इस उथल पुथल को शांत कराने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा दी गई थी लेकिन जिलाध्यक्ष बागी पार्षदों को मना नही सके और बात यहां तक आ पहुंची है। वही गायत्री कुर्सी को बचाने का टास्क शहर की सेठ जी ने ले लिया है। सेठजी की पहचान सिंधिया निष्ठा पूर्व कांग्रेसी के तौर पर की जाती है जमीन के करोबारी है। सेठजी की कृपा से इन पार्षदों के मोबाइल स्विच ऑफ हुए है।
इस मामले में राजनीति करने वाले लोगों का कहना है कि सेठजी गायत्री शर्मा के कुर्सी की रक्षा नही कर रहे बल्कि शहर की लोगो के नजर में विलेन की भूमिका में भी आ रहे है इस कारण सेठजी को आगे नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुछ लोगो का यह भी कहना है कि सेठ जी इस टास्क को पूरा करने भी इस कारण कूंद चुके है कि उनको सिंधिया की लिस्ट में भारतीय जनता जसवंत जाटव के भी नंबर कम करने है,क्यो कि नगर पालिका का टास्क भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष जसवंत जाटव का दिया गया था।
अगर नगर पालिका अध्यक्ष की कार्यकाल की बात करे तो जनता भी इस कार्यकाल से संतुष्ठ नही है। अविश्वास प्रस्ताव में नंबर गेम है विरोधी पार्षदों को 28 से अधिक पार्षद चाहिए वही नगर पालिका अध्यक्ष को लगभग 12 पार्षद अनिवार्य है,गायत्री शर्मा के पाले में 8 पार्षद जगजाहिर है लेकिन इन 4 पार्षदों के मोबाइल स्विच ऑफ होते ही गायत्री खेमें थोडी सी खुशी का माहौल है। वह अब सेफ जोन में मानी जा रही है।
इधर नाम ना छापने की शर्त पर गायत्री विरोधी मुहिम चला रहे एक पार्षद का कहना है कि हमारी पार्टी से शुरू ही से एक मांग है कि पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा की कार्यप्रणाली के चलते इस्तीफा मांगे,नही तो हम पार्टी और पार्षद के पद से इस्तीफा दे देगें। पार्टी ने हमेशा बोला है कि हम निर्णय लेते है अविश्वास प्रस्वात की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। अगर अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया कुछ कारण बस रूकती है या इसमें शहर हित में नही होता है तो हम बगीचा सरकार वाले पार्षद,पार्षद पद और पार्टी से इस्तीफा देकर शहर में जनता के बीच जाकर जन जागरण अभियान की शुरुआत करेगें।
इस पूरी खबर को कम शब्दों में लिखने का प्रयास करते है कि जैसा कि विदित है कि नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा का पद से बर्खास्त करने की बगीचा धाम पर शपथ ले चुके पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन कलेक्टर शिवपुरी को दिया जा चुका है। कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र चौधरी ने इस कार्यवाही को आगे बढाते हुए पार्षदों के हस्ताक्षर का सत्यापन कराने के लिए सूचना पत्र जारी कर दिया है।
इस सूचना पत्र जारी होने के बाद गायत्री शर्मा विरोधी पार्षदों की लिस्ट में से 4 पार्षदों के गायब होने की खबर मिल रही है। एक पार्षद मोबाइल पर बातचीत तो कर रहे हे लेकिन कह रहे कि शिवपुरी मे नही हुूं 25 अगस्त को ही शिवपुरी में आऊंगा,वही इन पार्षदों के मोबाइल बंद होने के बाद सोशल पर पोस्ट भी वायरल की जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव को नगर पालिका में मची इस उथल पुथल को शांत कराने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा दी गई थी लेकिन जिलाध्यक्ष बागी पार्षदों को मना नही सके और बात यहां तक आ पहुंची है। वही गायत्री कुर्सी को बचाने का टास्क शहर की सेठ जी ने ले लिया है। सेठजी की पहचान सिंधिया निष्ठा पूर्व कांग्रेसी के तौर पर की जाती है जमीन के करोबारी है। सेठजी की कृपा से इन पार्षदों के मोबाइल स्विच ऑफ हुए है।
इस मामले में राजनीति करने वाले लोगों का कहना है कि सेठजी गायत्री शर्मा के कुर्सी की रक्षा नही कर रहे बल्कि शहर की लोगो के नजर में विलेन की भूमिका में भी आ रहे है इस कारण सेठजी को आगे नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुछ लोगो का यह भी कहना है कि सेठ जी इस टास्क को पूरा करने भी इस कारण कूंद चुके है कि उनको सिंधिया की लिस्ट में भारतीय जनता जसवंत जाटव के भी नंबर कम करने है,क्यो कि नगर पालिका का टास्क भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष जसवंत जाटव का दिया गया था।
अगर नगर पालिका अध्यक्ष की कार्यकाल की बात करे तो जनता भी इस कार्यकाल से संतुष्ठ नही है। अविश्वास प्रस्ताव में नंबर गेम है विरोधी पार्षदों को 28 से अधिक पार्षद चाहिए वही नगर पालिका अध्यक्ष को लगभग 12 पार्षद अनिवार्य है,गायत्री शर्मा के पाले में 8 पार्षद जगजाहिर है लेकिन इन 4 पार्षदों के मोबाइल स्विच ऑफ होते ही गायत्री खेमें थोडी सी खुशी का माहौल है। वह अब सेफ जोन में मानी जा रही है।
इधर नाम ना छापने की शर्त पर गायत्री विरोधी मुहिम चला रहे एक पार्षद का कहना है कि हमारी पार्टी से शुरू ही से एक मांग है कि पार्टी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा की कार्यप्रणाली के चलते इस्तीफा मांगे,नही तो हम पार्टी और पार्षद के पद से इस्तीफा दे देगें। पार्टी ने हमेशा बोला है कि हम निर्णय लेते है अविश्वास प्रस्वात की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। अगर अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया कुछ कारण बस रूकती है या इसमें शहर हित में नही होता है तो हम बगीचा सरकार वाले पार्षद,पार्षद पद और पार्टी से इस्तीफा देकर शहर में जनता के बीच जाकर जन जागरण अभियान की शुरुआत करेगें।