नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा का हटना तय,टर्मिनेट हो सकती है- पार्षर्दो ने मिलकर कर दिया हवन - Shivpuri News

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका के पार्षदों ने मिलकर जो गायत्री मंत्र का जाप शुरू किया इस जाप की परिणित में 2 सब इंजीनियर पर सहित एक ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर वही 3 सीएमओ को सस्पेंड कर दिया। अब पार्षदों के इस्तीफे रूपी आहुतियों में गायत्री का हवन हो गया। इस हवन का धुआं गायत्री के हटने के संकेत दे रहा है,वर्तमान में जो परिस्थती बन रही है उस परिस्थिति में माना जा रहा है कि गायत्री शर्मा पर भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका है और राज्य शासन उन पर मामला दर्ज कर टर्मिनेट कर सकता हैं।

पार्षदों के गायत्री जाप से शुरू हुई थी जांच
पार्षदों ने मिलकर गायत्री शर्मा के भ्रष्टाचार का जाप शुरू किया था इस जाप के कारण एडीएम शिवपुरी ने जांच की। इस जांच मे भ्रष्टाचार निकलना शुरू हुआ,इस कारण नगर पालिका के 2 इंजीनियर सतीश निगम और परिहार सहित ठेकेदार अर्पित शर्मा पर मामला दर्ज कर लिया गया। वही इस जांच में  शिवपुरी नगर पालिका में वर्ष 2022 से वर्तमान तक 57.80 करोड़ रुपये के 743 कार्य या तो अपूर्ण हैं या फिर शुरू ही नहीं हुए हैं। इसके अतिरिक्त अनेकानेक पूर्ण कार्यों में ठेकेदारों को उनके द्वारा बिल प्रस्तुत किए जाने के उपरांत भी 4 से 8 माह तक भुगतान नहीं किया गया है, जबकि कुछ ऐसे भी भुगतान पाए गए हैं, जो कार्यों के पूर्ण होने एवं ठेकेदारों द्वारा बिल प्रस्तुत करने के उपरांत 1 से 2 माह के भीतर ही उनका भुगतान कर दिया गया। जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि नपा द्वारा पूर्ण हो चुके कार्यों के जो 11.47 करोड़ रुपये के भुगतान किए हैं उनमें से 5.09 करोड़ रुपये के भुगतान सिर्फ दो फर्मों को किए गए हैं, जिससे अन्य निविदाकारों द्वारा लगातार शिकायतें की गईं। इस जांच में वर्तमान सीएमओ इशांक धाकड,पूर्व में रहे सीएमओ शैलेष अवस्थी और केएस सगर को सस्पेंड कर दिया गया है।

अब नगर पालिका अध्यक्ष की बारी
बताया जा रहा है कि इस घोटाले की लपेटे गायत्री शर्मा तक भी पहुंच गई है। कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन में गायत्री शर्मा भी दोषी है,कभी भी आरोप पत्र दिया जा सकता है,आरोप पत्र का जबाब के बाद राज्य शासन कितना संतुष्ट होगा यह भी तय नहीं है लेकिन यह तय है कि जांच में दोष ही दोष है कोई बच नहीं सकता है,नगर पालिका अध्यक्ष भ्रष्टाचार को लेकर मामला भी दर्ज हो सकता है और अगर मामला दर्ज हुआ तो टर्मिनेट की स्थिति बन सकती है। कुल मिलाकर सीधा सीधा लिखा जा सकता है कि अब नगर पालिका शिवपुरी अध्यक्ष गायत्री शर्मा को हटाया नहीं जाएगा,बल्कि भ्रष्टाचार के दोष सिद्ध मामले में टर्मिनेट किया जाये तो बडी बात नही होगी,अब गायत्री शर्मा के पास केवल एक ही विकल्प है कि वह नैतिकता की बडी आधार शिला अपनी छाती पर त्यागपत्र दे दे तो यह विरोध मे उतरे पार्षदों का विरोध शांत हो जाएगा इस भ्रष्टाचार के मामले को अधिक तूल नही दिया जाऐगा।