शिवपुरी। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के 22 पार्षदों के आवेदन पर कलेक्टर ने हस्ताक्षर की पुष्टि हेतु 25 अगस्त को उन्हें आमंत्रित किया है। इनमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के पार्षद भी शामिल हैं। लेकिन इस दिनांक के पूर्व ही भाजपा ने जागी पार्षदों को मनाने की प्रक्रिया तेज कर दी हैं और इसी तारतम्य में कल प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक देवेंद्र जैन, भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने भाजपा पार्षदों की सर्किट हाउस में बैठक आहुत कर उन्हें निर्देश दिया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को वापस ले लें अन्यथा उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने जानकारी देते हुए बताया कि पार्षदों से यह भी कहा गया है कि यदि वह पार्टी के निर्देश को मान लेते हैं और अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को वापस ले लेते हैं तो अध्यक्ष पद पर बनी रहे अथवा नहीं इसके विषय में समीक्षा कर तीन माह में निर्णय लिया जाएगा। लेकिन बताया जाता है कि अध्यक्ष विरोधी भाजपा पार्षद पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने प्रभारी मंत्री तथा भाजपा जिला अध्यक्ष से साफ साफ कह दिया कि या तो वह नपाध्यक्ष को हटाएँ और उनके स्थान पर जिसे चाहें उसे अध्यक्ष चुनें।
दूसरा विकल्प यह है कि यदि पार्टी नपाध्यक्ष को बनाए रखने के पक्ष में हैं तो हमारा इस्तीफा स्वीकार करें, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष ने बागी पार्षदों को सोचने का समय दिया है। बकौल जसमंत जाटव, हालांकि पार्टी ने पार्षदों की निर्णय लेने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की हैं लेकिन 25 अगस्त तक वह अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी आज सुबह 10 पार्षद जिनमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के पार्षद भी में वे करेरा स्थित बगीचा सरकार मंदिर पहुंचे और उन्होंने अपनी शपथ को पुनः दोहराया।
दुर्दशा के लिए नपाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया
विरोधी पार्षदों का आरोप है कि गायत्री शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद शहर के लोग जन समस्याओं से बहुत परेशान हो गए थे। शहर में पानी की किल्लत हैं और गंदगी से जनजीवन पुरी तरह त्रस्त हैं। गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट नहीं जलती और भ्रष्टाचार ने पूरी नगर पालिका को जकड़ रखा है। इसके बाद बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पर आज दोबारा अध्यक्ष को हटाने की शपथ खाई गई और कहा गया यदि पार्षद अध्यक्ष को हटाने में सफल नहीं रहे तो वे पद से इस्तीफा दे देंगे।
बागी पार्षदों को अंतिम रूप से मनाने के लिए कल जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव सक्रिय हुए। बागी पार्षदों की बैठक सर्किट हाउस में आयोजित की गई जिसमें 10 भाजपा पार्षद शामिल हुए। इनमें पार्षद राजू गुर्जर, विजय बिंदास, रामेश जैन डिम्पल, नीलम बमेल, सरोज धाकड़ रीना शर्मा, उपाध्यक्ष पति रामजी व्यायाम आदि मुख्य थे। इस बैठक में विधायक देवेन्द्र जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम और सांसद प्रतिनिधि हरिओम राठौर भी थे।
हालांकि पार्षदों के गुस्से के खौफ में सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता बुलाने के बावजूद बैठक में नहीं आए। इस बैठक में प्रभारी मंत्री तोमर ने पार्षदों से पार्टी की इच्छा को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हुए उनसे अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने को कहा। जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने अविश्वास प्रस्ताव लाने को अनुशासन होना बताया और कहा कि समय रहते वह अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस ले लें इसके बाद उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। अध्यक्ष के विषय में निर्णय तीन माह में समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा। जवाब में पार्षदों ने स्पष्ट रूप से कहा कि चूंकि यह बगीचा सरकार हनुमान मंदिर के समक्ष शपथ ले चुके हैं इसलिए पीछे हटने को तैयार नहीं है।
पूर्व जिला अध्यक्ष को सुनाई पार्षदों ने खरी खोटी
पार्षदों ने पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम को जमकर आड़े हाथों लिया और उन्हें खरी खोटी सुनाई। मुख्य रूप से रत्नेश जैन डिम्पल और राजू गुर्जर ने कहा कि हम अध्यक्ष के खिलाफ आपसे तब से कह रहे हैं जब कि आप जिलाध्यक्ष थे लेकिन आपने हमारी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब अध्यक्ष को बनाए रखने के लिए सक्रिय हो गए हैं। हम शहर हित में लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन आपको इसकी परवाह नहीं है। प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने राजू गुर्जर से कहा कि वह सोशल मीडिया पर पार्टी के खिलाफ पोस्ट लगा रहे हैं यह अनुशासनहीनता है इस पर राजू गुर्जर ने जवाब दिया कि वह जी भी कुछ कर रहे हैं जनहित में कर रहे हैं।
पार्टी को ऐसे जिलाध्यक्ष को नहीं बचाना चाहिए जिसकी जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। महिला पार्षद नीलम बघेल, सरोज धाकड़ और रीना शर्मा भी काफी मुखर होकर बोली। अंत में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बागी पार्षदों को निर्देश दिया कि वह अपने अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को वापस ले लें। अन्यथा उनके कदम को पार्टी विरोधी माना जाएगा। नेताओं ने बागी पार्षदों को सोचने के लिए समय दिया।
इनका कहना है
मुझे अध्यक्ष को हटाने की मुहिम चलाने वाले पार्षदों ने 31 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा है जबकि नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा ने अपने पक्ष में 16 पार्षदों के हस्ताक्षर कराकर मुझे पत्र सौंपा है जबकि नगर पालिका में 47 पार्षद नहीं बल्कि 39 पार्षद हैं इससे स्पष्ट है कि कुछ पार्षदों ने दोनों के पक्ष में हस्ताक्षर किए है और उनसे पूछताछ कर निर्णय लिया जाएगा कि कौन किसके साथ है।
जसमंत जाटव, अध्यक्ष भाजपा
भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने हमें और अध्यक्ष दोनों को अपने-अपने पक्ष में पार्षदों के हस्ताक्षर कराने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। हमें 30 पार्षदों और नपाध्यक्ष को 15 पार्षदों के हस्ताक्षर कराने थे। हमने समय सीमा में 30 के स्थान पर 33 पार्षदों के हस्ताक्षर कराकर पत्र जिला अध्यक्ष जी को सौंप दिया था। ये सभी पार्षद अध्यक्ष को हटाने के पक्ष में थे। इस समय सीमा के बाद यदि नपाध्यक्ष ने 16 पार्षदों के हस्ताक्षर कराकर पत्र सौंपा है तो इसकी क्या अहमियत है। हालांकि अधिकांश पार्षदों का समर्थन अभी भी हमारे पास है।
विजय बिंदास, भाजपा पार्षद
भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने जानकारी देते हुए बताया कि पार्षदों से यह भी कहा गया है कि यदि वह पार्टी के निर्देश को मान लेते हैं और अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को वापस ले लेते हैं तो अध्यक्ष पद पर बनी रहे अथवा नहीं इसके विषय में समीक्षा कर तीन माह में निर्णय लिया जाएगा। लेकिन बताया जाता है कि अध्यक्ष विरोधी भाजपा पार्षद पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने प्रभारी मंत्री तथा भाजपा जिला अध्यक्ष से साफ साफ कह दिया कि या तो वह नपाध्यक्ष को हटाएँ और उनके स्थान पर जिसे चाहें उसे अध्यक्ष चुनें।
दूसरा विकल्प यह है कि यदि पार्टी नपाध्यक्ष को बनाए रखने के पक्ष में हैं तो हमारा इस्तीफा स्वीकार करें, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष ने बागी पार्षदों को सोचने का समय दिया है। बकौल जसमंत जाटव, हालांकि पार्टी ने पार्षदों की निर्णय लेने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की हैं लेकिन 25 अगस्त तक वह अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी आज सुबह 10 पार्षद जिनमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के पार्षद भी में वे करेरा स्थित बगीचा सरकार मंदिर पहुंचे और उन्होंने अपनी शपथ को पुनः दोहराया।
दुर्दशा के लिए नपाध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया
विरोधी पार्षदों का आरोप है कि गायत्री शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद शहर के लोग जन समस्याओं से बहुत परेशान हो गए थे। शहर में पानी की किल्लत हैं और गंदगी से जनजीवन पुरी तरह त्रस्त हैं। गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट नहीं जलती और भ्रष्टाचार ने पूरी नगर पालिका को जकड़ रखा है। इसके बाद बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पर आज दोबारा अध्यक्ष को हटाने की शपथ खाई गई और कहा गया यदि पार्षद अध्यक्ष को हटाने में सफल नहीं रहे तो वे पद से इस्तीफा दे देंगे।
बागी पार्षदों को अंतिम रूप से मनाने के लिए कल जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव सक्रिय हुए। बागी पार्षदों की बैठक सर्किट हाउस में आयोजित की गई जिसमें 10 भाजपा पार्षद शामिल हुए। इनमें पार्षद राजू गुर्जर, विजय बिंदास, रामेश जैन डिम्पल, नीलम बमेल, सरोज धाकड़ रीना शर्मा, उपाध्यक्ष पति रामजी व्यायाम आदि मुख्य थे। इस बैठक में विधायक देवेन्द्र जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम और सांसद प्रतिनिधि हरिओम राठौर भी थे।
हालांकि पार्षदों के गुस्से के खौफ में सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता बुलाने के बावजूद बैठक में नहीं आए। इस बैठक में प्रभारी मंत्री तोमर ने पार्षदों से पार्टी की इच्छा को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हुए उनसे अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने को कहा। जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने अविश्वास प्रस्ताव लाने को अनुशासन होना बताया और कहा कि समय रहते वह अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन वापस ले लें इसके बाद उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। अध्यक्ष के विषय में निर्णय तीन माह में समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा। जवाब में पार्षदों ने स्पष्ट रूप से कहा कि चूंकि यह बगीचा सरकार हनुमान मंदिर के समक्ष शपथ ले चुके हैं इसलिए पीछे हटने को तैयार नहीं है।
पूर्व जिला अध्यक्ष को सुनाई पार्षदों ने खरी खोटी
पार्षदों ने पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम को जमकर आड़े हाथों लिया और उन्हें खरी खोटी सुनाई। मुख्य रूप से रत्नेश जैन डिम्पल और राजू गुर्जर ने कहा कि हम अध्यक्ष के खिलाफ आपसे तब से कह रहे हैं जब कि आप जिलाध्यक्ष थे लेकिन आपने हमारी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब अध्यक्ष को बनाए रखने के लिए सक्रिय हो गए हैं। हम शहर हित में लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन आपको इसकी परवाह नहीं है। प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने राजू गुर्जर से कहा कि वह सोशल मीडिया पर पार्टी के खिलाफ पोस्ट लगा रहे हैं यह अनुशासनहीनता है इस पर राजू गुर्जर ने जवाब दिया कि वह जी भी कुछ कर रहे हैं जनहित में कर रहे हैं।
पार्टी को ऐसे जिलाध्यक्ष को नहीं बचाना चाहिए जिसकी जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। महिला पार्षद नीलम बघेल, सरोज धाकड़ और रीना शर्मा भी काफी मुखर होकर बोली। अंत में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बागी पार्षदों को निर्देश दिया कि वह अपने अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को वापस ले लें। अन्यथा उनके कदम को पार्टी विरोधी माना जाएगा। नेताओं ने बागी पार्षदों को सोचने के लिए समय दिया।
इनका कहना है
मुझे अध्यक्ष को हटाने की मुहिम चलाने वाले पार्षदों ने 31 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा है जबकि नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा ने अपने पक्ष में 16 पार्षदों के हस्ताक्षर कराकर मुझे पत्र सौंपा है जबकि नगर पालिका में 47 पार्षद नहीं बल्कि 39 पार्षद हैं इससे स्पष्ट है कि कुछ पार्षदों ने दोनों के पक्ष में हस्ताक्षर किए है और उनसे पूछताछ कर निर्णय लिया जाएगा कि कौन किसके साथ है।
जसमंत जाटव, अध्यक्ष भाजपा
भाजपा जिला अध्यक्ष जसमंत जाटव ने हमें और अध्यक्ष दोनों को अपने-अपने पक्ष में पार्षदों के हस्ताक्षर कराने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। हमें 30 पार्षदों और नपाध्यक्ष को 15 पार्षदों के हस्ताक्षर कराने थे। हमने समय सीमा में 30 के स्थान पर 33 पार्षदों के हस्ताक्षर कराकर पत्र जिला अध्यक्ष जी को सौंप दिया था। ये सभी पार्षद अध्यक्ष को हटाने के पक्ष में थे। इस समय सीमा के बाद यदि नपाध्यक्ष ने 16 पार्षदों के हस्ताक्षर कराकर पत्र सौंपा है तो इसकी क्या अहमियत है। हालांकि अधिकांश पार्षदों का समर्थन अभी भी हमारे पास है।
विजय बिंदास, भाजपा पार्षद