नगर पालिका की कार्यप्रणाली के चलते ओवर ब्रिज निर्माण में बाधा, चोटिल हो रहे है लोग - Shivpuri News

Bhopal Samachar

शिवपुरी। पोहरी रोड पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज का काम तय समय में पूरा होना नामुमकिन है। फिलहाल बारिश के कारण 14 सितंबर तक काम बंद है, इसलिए डेट लाइन पर तो काम वैसे ही नहीं हो सकता। इसके अलावा आरओबी के निर्माण में नगर पालिका की वाटर एवं सीवर लाइन भी बाधा बनी हुई है। पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग के द्वारा पैसे जमा कराने के बाद भी अब तक लाइन शिफ्ट नहीं हो पाई है।

उधर इस काम के लेट होने के कारण आमजन की परेशानी बढ़ती ही जा रही हैं। विशेष रूप से बारिश के मौसम में ये मार्ग और बुरी हालत में है, जिसके कारण आए दिन लोग फिसलकर चोटिल भी हो रहे हैं।

इस रेलवे ओवर ब्रिज का काम 30 अगस्त 2023 में शुरू हुआ था। जबकि काम पूरा होने की डेट लाइन अगस्त 2025 थी। पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग को इसके लिए 34 करोड़ 23 लाख के बजट की स्वीकृति मिली थी। इसके अलावा पटरी के ऊपर के हिस्से पर आरओबी का निर्माण काम रेलवे खुद करेगा।

ऐसे में इसका बजट करीब 80 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। रेलवे ने अब तक टेंडर ही जारी नहीं किए हैं। उधर पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग का काम भी अब तक अधूरा ही है। स्लैब तक नहीं डाले गए हैं।  उधर इस आरओबी के निर्माण में दूसरी सबसे बड़ी बाधा नगर पालिका की वाटर और सीवर लाइन है। निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़े इसलिए इन लाइनों को शिफ्ट करना जरूरी है।

पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग के द्वारा काफी पहले नपा में इसके लिए पैसे जमा करा दिए गए थे, नपा ने टेंडर भी जारी किए लेकिन कोई ठेकेदार आगे नहीं आया। अब दोबारा टेंडर लगाए जाना है। कुल मिलाकर काम अभी लंबा खिंचना तय है।

सर्विस रोड भी नहीं बनी
बारिश के पहले सर्विस रोड का निर्माण हो जाता तो आमजन को इतनी परेशानी नहीं झेलना पड़ती। बारिश के कारण इस मार्ग की हालत काफी खराब हो गई है। जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ हो चुकी है। जिससे वाहनों का निकलना तक मुश्किल हो रहा है। दो पहिया वाहन तो अक्सर यहां से निकलते समय फिसलकर चोटिल भी हो जाते हैं। यदि सर्विस रोड बन गई होती तो इस प्रकार की स्थिति निर्मित नहीं होती। अब लोगों को इस परेशानी का लंबे समय तक सामना करना पड़ेगा।

इनका कहना हैं
सीवर लाइन, वाटर लाइन शिफ्ट करने के लिए पैसे पहले ही जमा करा दिए थे। अब तक नगर पालिका के द्वारा ये काम नहीं किया गया है। ये काम हो जाता तो कम से कम सर्विस रोड तो डाल ही दी जाती। रेलवे अपने हिस्से के काम के लिए टेंडर जारी करेगा। बाकी रेलवे के काम के बारे में रेलवे के अधिकारी ही बेहतर बता पाएंगे।
रविंद्र कुमार शर्मा,
उपयंत्री पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग।