जीवन में नियम और संयम आ जाए तो समझे हम तप कर रहे है,प.पू.श्री आमी पूर्णा - Shivpuri News

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शिवपुरी। जीवन में जब हम नियम और संयम में आ जाए तो समझिए कि हम तप कर रहे है और यह तप ही तपस्वी को नई ऊर्जा प्रदान करता है जिससे वह अपने कार्य और क्षेत्र में वृद्धि करता है निश्चित ही तप करने वाला तपस्वी सौभाग्यशाली होता है जिनके द्वारा किए गए तप से ना केवल वह स्वयं लाभान्वित होता है बल्कि उस तपस्वी की तपस्या से समस्त जन भी लाभान्वित होते है।

सौ.अल्प सांखला के द्वारा की गई तपस्या का प्रतिफल यही होगा कि वह नियमित रूप से अपने जीवन में इस नियम और संयम को अपनाएं ताकि स्वयं के जीवन का कल्याण तो वह करें ही साथ ही अपने गृहस्थ जीवन में भी इन नियम संयमों का पालन भी हो और घर के अन्य लोग भी इसी तरह तपस्वी की तपस्या से प्रभावित होकर इस मार्ग की ओर प्रशस्त हो। तपस्वी की तप का ह मार्ग दिखाया प.पू. श्री आमीपूर्णा श्री जी म.सा. ने जो सौ.अल्पा सांखला धर्मपत्नी नीलेश सांखला, पुत्रवधु तेजमल-श्रीमती रीता सांखला के 09 उपवास की तपस्या निमित निकाले गए वरघोड़ा(जूलूस) के पूर्व उपस्थित धर्मप्रेमी जनों को तप करने के लिए आर्शीवचन प्रदान कर रही थी।

इस अवसर पर तपस्या के एक दिन पूर्व पूज्य साध्वी श्रीआमीपूर्णा श्री जी म.सा. के द्वारा प्रातः: 09:15 बजे पचक्खान विधि संपन्न कराई गई तत्पश्चात रविवार को आराधना भवन, श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर शिवपुरी से तपस्वी सौ.अल्पा सांखला का वरघोड़ा(जुूलूस) निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी शामिल हुए। आराधना भवन से निकलकर यह वरघोड़ा सदर बाजार होते हुए, आराधना भवन पर ही संपन्न हुआ जहां आमंत्रित जनों के लिए साधार्मिक वात्सयल का आयोजन किया गया। इसके साथ ही रात्रि के समय मंदिर प्रांगण में श्रीशासन माता के गीत गाए गए। इस आयोजन में लाभार्थी परिवार तेजमल सांखला, दीपक सांखला, अशोक सांखला, रीतेश सांखला, विपिन सांखला, नीलेश सांखला, सौरभ सांखला, श्रेयांश सांखला सहित समस्त सांखला परिवार शामिल रहा।

जीवन में हरेक व्यक्ति को करना चाहिए उपवास : श्री आमीपूर्णा श्री जी म.सा.
आराधना भवन परिसर में आयोजित धर्मसभा के बीच प.पू. श्री आमीपूर्णा श्री जी म.सा. ने कहा कि हरेक व्यक्ति के जीवन में तप है, तपस्या है, उपवास है और इसे हरेक व्यक्ति को करना चाहिए, क्योंकि मन और शरीर से जब आप संतुष्ट होंगे तब निश्चित ही आपके जीवन में बदलाव आएगा, आप अपने कारोबार और जीवन में नित प्रतिदिन तरक्की करेंगें। प.पू.श्री आमीपूर्ण श्री जी म.सा. ने इस मौके पर सभी जैन धर्म के धर्म लंबियां से आह्वान किया कि जिस प्रकार से घर गृहस्थी में व्यस्त रहने के बाद भी तपस्वी सौ.अल्पा सांखला के द्वारा 09 दिनों तक का तप किया गया उसी प्रकार से हरेक व्यक्ति को भी कम से अपने जीवन में एक नियम, संयम जरूर अपना चाहिए, निश्चित रूप से यह नियम और संयम आपको दिन प्रतिदिन कुछ ना कुछ नया करना सिखाएंगे और आप सभी का अपने कर्मों के द्वारा भाग्योदय होगा। इस अवसर पर सभी ने तपस्वी सौ.अल्पा सांखला के द्वारा किए गए तप का अनुमोदना की।