क्या पार्टी की मर्यादा में रहे रामजी, इसलिए शहर के सोशल का वार झेलना पड रहा है - Shivpuri City

Bhopal Samachar

Ex-Rey @  ललित मुदगल शिवपुरी। शिवपुरी में नगर सरकार को पलटने के लिए चल रहे गृह युद्ध की लपटें 25 अगस्त के शाम तक नगर पालिका अध्यक्ष की गायत्री शर्मा की ओर उठ रही थी लेकिन शाम के 5 बजे के बाद जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव वापसी का आवेदन कलेक्टर के पास पहुंचा उसके बाद यह लपटे विरोधी खेमे में उठने लगी,और यहां से गुस्से का धुंआ उठता हुआ दिखाई दे रहा था,अविश्वास प्रस्ताव वापसी का आवेदन नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास ने दिया था। इस आवेदन पर 14 पार्षदों के साइन थे,अगर रामजी व्यास के बयान पर गौर किया जाए तो भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व और पार्टी की मर्यादा बनी रहे इसलिए उन्होने यह कदम उठाया,क्या पार्टी की मर्यादा में रहे है रामजी....? इसलिए शहर के सोशल पर उठ रहे गुस्से को झेल रहे है,ऐसे कई सवाल अब उठ रहे है।

कम शब्दों को इस पूरे घटनाक्रम को लिखने का प्रयास करते है। 25 अगस्त तक बगीचा सरकार का दल मजबूत था,कलेक्टर के बुलाए जाने पर 18 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अपने हस्ताक्षर वेरिफिकेशन कराए,19 अंक के रूप में नगर पालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास अपने पति रामजी व्यास के साथ पहुंची लेकिन हस्ताक्षर वेरिफिकेशन नहीं कराया। शाम के समय रामजी व्यास पार्षद तारा राठौर के साथ अविश्वास प्रस्ताव वपिसी को आवेदन दिया जिसमें विरोधी दल के 14 पार्षदों के हस्ताक्षर थे। यह जानकारी जैसे ही विरोधी पार्षदों सहित शहर के लोगों को मिली तो सोशल मीडिया पर राम जी के खिलाफ शब्दों के बाणो का चलना शुरू हो गया,अध्यक्ष विरोधी मुहिम को हराने के लिए राम जी व्यास को विभीषण से अलंकृत किया जाने लगा।

यह बोले रामजी,प्लानिंग चेंज की गई थी-हस्ताक्षर नहीं इस्तीफे देने थे
सोशल मीडिया पर शहर का गुस्सा झेल रहे रामजी व्यास ने मीडिया मे कहा कि 24 अगस्त को होटल गोल्ड स्टार मे सभी पार्षदों की मीटिंग हुई थी जिसमें तय किया गया था कि हम साइन वेरिफिकेशन नहीं कराऐगें हम अपने पार्षद पद से इस्तीफे देगें। क्यो कि हमारे महाराज साहब सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सहित संगठन ने हमे ठोस वादा किया था कि एक माह के अंदर गायत्री शर्मा को हटा देगें। पार्टी की मर्यादा ना टूटे इसलिए हम अविश्वास प्रस्ताव आगे नहीं जाएंगे,लेकिन बगीचा सरकार की कसम की मर्यादा नहीं टूटे इसलिए अपने इस्तीफा देकर आऐगें,अब पार्टी को क्या करना है यह हम उस पर छोड दिया था,लेकिन यह तय था कि हम नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के साथ काम नहीं करेगें।

इस्तीफों की साइन की गई पीडीएफ भी बन गई थी,पार्षदों के निर्णय के बाद अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन बना था और मैंने इस निर्णय को आगे लेते हुए अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन भाजपा जिला अध्यक्ष को भेज दिया था,इस बात की जानकारी ओमी जैन को दी,लेकिन 25 अगस्त को पता नही कैसे इन्होने प्लानिंग चेंज करते हुए साईन वेरिफिकेशन करा दिए। शाम के समय फिर मेरी संगठन से बातचीत हुई और उनके कहने पर ही शाम के समय मे और ताराचंद अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन कलेक्टर को सौंप दिया।

सुनते हो विनोद,यह अफवाह किसने उड़ाई कि इस्तीफे कांग्रेस के मंजूर होगें,भाजपा के नहीं
बताया जा रहा है कि पार्षद इस्तीफा देने को तैयार थे,लेकिन इन पार्षदों के बीच कांग्रेस पार्षदों के बीच अफवाह उड़ गई कि अगर इस्तीफा दिया तो कांग्रेस पार्षदों के इस्तीफे मंजूर हो जाएंगे भाजपा पार्षदों के,हालांकि यह चर्चा पार्षदों के बीच चलती रही कि यह अफवाह किसने उडा दी,हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि कांग्रेस पार्षदों के मन में यह भय था कि नहीं,लेकिन यह अफवाह अवश्य थी,इस बात पर कोई भी पार्षद खुलकर बोलने को तैयार नही है।

यह भी सत्य कि सिंधिया को यह स्वीकार नहीं था
नगर पालिका अध्यक्ष हटाने का निर्णय सिंधिया सरकार को करना था,बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास नगर पालिका अध्यक्ष की कार्यप्रणाली की पूरी रिपोर्ट पहुंच गई थी। वह पार्षर्दो से खुलकर नही बोले रहे थे,लेकिन प्रभारी मंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष लगातार यह बात पार्षदों से कर रहे थे कि संगठन बडा निर्णय लेगा आप विश्वास रखे। सिंधिया यह नहीं चाहते कि मध्यप्रदेश में अविश्वास प्रस्ताव की पहली लपेट शिवपुरी से उठे,इस पूरे परिदृश्य में सिंधिया समर्थक पार्षद इस पूरी मुहिम से दूरी बनाए रखे थे,केवल उनके इशारे का इंतजार कर रहे थे।


इस खेल मे रामजी बने खलनायक,गुर्जर साहब क्रोध में
नगर पालिका अध्यक्ष का तख्तापलट करने के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर की टेबल पर जाकर लुढक गया। रामजी का कहना है कि पार्टी की मर्यादा ना टूटे और उन्होंने पार्षदों की तय मीटिंग के अनुसार ही अपना काम किया है। बगीचा सरकार की शपथ की मर्यादा नहीं टूटे इसलिए अपने इस्तीफा देने की कसम पर कायम है। वही पार्षद राजू गुर्जर पार्षद वार्ड क्रमांक 21 इस वाक्य से बेहद दुखी हुए है रामजी पर कई तरह के आरोप लगाए है और सबसे पहले उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए सोशल पर पोस्ट भी की है। उनके समर्थन में अब पार्षद मोनिका सीटू सडैया वार्ड क्रमांक 6,संजय गुप्ता (पप्पू पार्षद वार्ड क्रमांक 4,ममता बाईसराम धाकड वार्ड क्रमांक 15 ,नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के किचन कैबिनेट के मेंबर रहे निर्दलीय पार्षद गौरव सिंघल वार्ड क्रमांक 37 ने अपनी फेसबुक आईडी से पार्षद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है।

कुल मिलाकर गायत्री शर्मा का हटना तय
शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा अविश्वास प्रस्ताव वापसी की खबर पर फिलहाल खुश होती दिखाई दे रही हैं,लेकिन यह भी सत्य है कि वह अपने स्तर पर इस डेमेज को कंट्रोल नहीं कर सकी,शिवपुरी नगर पालिका की अस्थिर राजनीति को संभालने के क्रम में प्रभारी मंत्री,भाजपा जिला अध्यक्ष सहित विधायक को सामने आना पडा। आमजन का कहना है कि क्या सिंधिया नही चाहते है कि शहर मे विकास हो,जल्द ही उन्हें भी कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए था।

अब गेंद संगठन और सिंधिया के पाले में है,पार्षद इस्तीफा देगें यह भी अब सत्य है। अगर भाजपा के 10 पार्षद भी इस्तीफे देगें तो यह पार्टी के लिए बड़ा डैमेज होगा,पार्षद हीरो होंगे और पार्टी विलेन,गायत्री शर्मा कोई बडी जननायक लीडर नहीं है वह कृपा पात्र से अध्यक्ष बनी है,इसलिए पार्टी अब अपनी छवि को साफ सुथरा रखने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी से गायत्री शर्मा से इस्तीफा ले सकती है।