शिवपुरी जिले की 42 साल के युवा पर​ कांग्रेस की जिम्मेदारी,यह बोले मोहित अग्रवाल

Bhopal Samachar

शिवपुरी। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिवपुरी जिले का जिला अध्यक्ष घोषित दिया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष की दौड़ की रेस मे बडे बडे धुरंधरों के नाम थे लेकिन इस इस रेस में 42 साल के युवा मोहित अग्रवाल जीत गए। अब जिले में कांग्रेस को जिंदा करने की जिम्मेदारी मोहित अग्रवाल पर है। शिवपुरी में कांग्रेस मृत अवस्था में है। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के विधायक कैलाश कुशवाह पोहरी विधानसभा सहित शिवपुरी विधानसभा मे सक्रिय है,लेकिन संगठन की बात करे तो समस्त जिले में कांग्रेस वेंटिलेटर पर है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम थे। सभी नामों को पीछे छोड़ते हुए पार्टी ने मोहित अग्रवाल को संगठन की कमान दी। पार्टी अब तक 60 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नेताओं को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी देती रही है। पिछले 20 साल के कांग्रेस जिला अध्यक्षों पर गौर करें तो राम सिंह यादव, लाल साहब यादव, श्रीप्रकाश शर्मा की उम्र 60 साल या उससे अधिक रही। निवर्तमान हो रहे जिला अध्यक्ष विजय सिंह चौहान भी लगभग इसी उम्र के हैं। अब पहली बार कांग्रेस ने जिले में युवा नेता को संगठन की कमान सौंपी है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष के लिए कई चुनौतियां
शिवपुरी में वर्तमान में कांग्रेस की स्थिति पर नजर डाले मे बिखरी हुई अवस्था में है। जनता पर अब कांग्रेस पर भरोसा नही रहा हैं,कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में उसका पहला उद्देश्य जनता की लडाई सडको पर लडना होता है लेकिन वर्तमान में कांग्रेस की ओर से स्टेटमेंट भी जारी नही होते है आंदोलन की बात तो बहुत दूर की बात है। वही कांग्रेस वह धरना प्रदर्शन करती है जो उसे मप्र कांग्रेस की ओर से या दिल्ली हाईकमान से निर्देशित होते है। कांग्रेस के लोकल के मुद्दे पर कोई बात नही होती है।  

संख्या बल भी कम होता है धरना और ज्ञापन में
कांग्रेस के धरना और ज्ञापन कार्यक्रम में केवल मुठ्ठी भर कांग्रेस के नेता होते है,संख्या बल कम होता है। जिले की कांग्रेस की सभी इकाइयों में लगभग 300 से अधिक पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य होते है,लेकिन यह भी धरना और ज्ञापन में नही पहुंचते है।

यह बोले मोहित अग्रवाल
मेरी प्राथमिकता में किसानों के मुद्दे, सहकारी बैंक घोटाला उजागर कराना और नगर पालिका के भ्रष्टाचार में सीएमओ और अध्यक्ष पर भी एफआईआर की कार्रवाई के लिए आंदोलन करना है। वरिष्ठों के मार्गदर्शन में हम संगठन के काम और आगे बढ़ाएंगे। रेवड़ियों की तरह पद नहीं बाटिंगे। उन्हें ही संगठन की जिम्मेदारी सौंपेंगे, जो जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभाएंगे।