शिवपुरी। शिवपुरी जिले की सुभाषपुरा थाना सीमा में बीती रात शिवपुरी ग्वालियर फोरलेन पर कार को रोककर हथियारबंद बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी। इस घटनाक्रम मे एक सजायाफ्ता कैदी की मौत हो गई। मृतक की पहचान ग्वालियर के डीडी नगर में निवास करने वाले लीलाधर उर्फ अजय तोमर के रूप में हुई। अजय तोमर ने अपने ही घर पर अपनी पिता एएसआई हनुमान सिंह तोमर के सिर में चार गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपने पिता की हत्या और भाई पर जानलेवा हमला करने के आरोप में लीलाधर उर्फ अजय तोमर को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मृतक वर्तमान समय में पैरोल पर चल रहा था।
जानकारी के अनुसार मृतक लीलाधर तोमर पैरोल पर चल रहा था और उसकी 29 जुलाई को पैरोल खत्म होने वाली थी इस कारण वह अपनी किराए की अर्टिगा कार लेकर अपनी महिला मित्र के साथ शिवपुरी भ्रमण पर आया था,बुधवार की देर रात वह ग्वालियर लौट रहा था। रास्ते मे सतनवाड़ा थाना सीमा में स्थित फोरलेन पर एक सीएनसी पंप पर कार में गैस भरवाई गई उसके बाद यह आगे बढे। जैसे ही कार सुभाषपुरा थाना सीमा मे पहुंची ओर महिला ने टॉयलेट के लिए कार रुकवाई उसी समय बाइक पर सवार होकर अज्ञात बदमाश आए और सीधे लीलाधर को टारगेट कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी,बताया जा रहा है कि घटना के समय लीलाधर तोमर पीछे की सीट पर बैठा था और उसकी महिला साथी आगे की सीट पर बैठी थी।
कार चालक भगत सिंह ने बताया कि वह कार को भगाकर सीधे ग्वालियर ट्रॉमा सेंटर पहुंचा,डॉक्टरो ने लीलाधर तोमर उर्फ अजय तोमर को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि कई गोलियां लीलाधर के शरीर में धंसी रह गई। वारदात की सूचना ग्वालियर के कंपू थाने और शिवपुरी के सुभाषपुरा थाने को दी गई। दोनों थानों की टीमें मामले की जांच में जुट गई हैं।
अजय तोमर पैरोल पर बाहर आने के बाद एक अर्टिगा कार किराए पर लेकर घूम रहा था। उसके साथ एक युवती भी मौजूद थी। टैक्सी चालक भगत सिंह ने बताया कि अजय ने उसे बताया था कि उसकी पैरोल 29 तारीख को खत्म हो रही है और वह कुछ दिनों तक ग्वालियर और आसपास के इलाकों में घूमना चाहता है।
हत्या की वजह साफ नहीं
फिलहाल हत्या का कारण स्पष्ट नहीं है और पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि लीलाधर तोमर के साथ गई महिला कौन थी। हमलावरों की पहचान और हत्या के पीछे की वजह की जांच की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, हत्या के पीछे पुरानी रंजिश या संपत्ति विवाद की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। अजय के खिलाफ पहले भी गंभीर आरोप रहे हैं। वर्ष 2017 में उसने अपने पिता हनुमान सिंह को घर में ही सिर में चार गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान जब उसका छोटा भाई भानु प्रताप बीच-बचाव करने आया, तो अजय ने उस पर भी फायरिंग की थी। मामले में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।