SHIVPURI NEWS - बादलो का आंतक,रोड बने तालाब,खटिया पर ले जाना पड़ा ​बीमार को

Bhopal Samachar

खनियाधाना। शिवपुरी के खनियाधाना जनपद पंचायत की बुकर्रा ग्राम पंचायत का मजरा वागपुरा गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। गांव में न पक्का रास्ता है, न बिजली ग्रामीणों को रोज तीन फीट गहरे तालाब नुमा पानी से होकर गुजरना पड़ता है। इसी खतरनाक रास्ते से बच्चे भी स्कूल जाते हैं।

पहले गांव से बाहर जाने का रास्ता खेतों से होकर था, लेकिन वह भी अब बंद है। बीमार पड़ने पर मरीजों को खटिया पर ले जाना पड़ता है। संकरे रास्ते पर बारिश में हादसे का खतरा और बढ़ जाता है। बारिश के दिनों में रास्ता पूरी तरह डूब जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।

ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाइन, लेकिन बिजली नहीं
इतना ही नहीं, गांव के ऊपर से हाई टेंशन लाइन गुजरती है, लेकिन बिजली की सुविधा नहीं है। अंधेरे में सांप-बिच्छुओं का खतरा रहता है। बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पाते। आधुनिक सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों को हर छोटे काम के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ती है।

केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र, अब तक कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कई बार प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है। 2 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पत्र लिखा। सिंधिया ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अधिकारियों को पत्र भेजा और नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश भी दिए। बावजूद इसके, आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

बेटे को खटिया पर लिटाकर बाहर तक पहुंचाया
गांव के लोकेंद्र पाल ने बताया कि उनके बेटे की तबीयत बिगड़ गई थी, लेकिन गांव से बाहर निकलने का कोई पक्का रास्ता नहीं है। मजबूरन उन्होंने परिजनों की मदद से अपने बेटे को खटिया पर लिटाकर, पानी से भरे रास्ते से बाहर तक पहुंचाया। लोकेंद्र ने बताया कि गांव में कई सालों से यही स्थिति बनी हुई है। जब भी कोई बीमार होता है, उसे इसी तरह खटिया पर लादकर बाहर ले जाना पड़ता है।

'बच्चों को स्कूल जाने के लिए तालाब से गुजरना पड़ता है'
वहीं, ग्रामीण महिला कलावती ने बताया कि उसके बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं, लेकिन हर दिन उन्हें तालाब के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर हर रोज डर बना रहता है, इसलिए वह खुद तालाब पार करवाने जाती हैं और स्कूल से लौटते वक्त उन्हें लेने भी जाती हैं।

'ज्यादा बारिश होने पर स्कूल नहीं जा पाते'
छात्र ताहर सिंह पाल ने बताया कि उन्हें भी स्कूल जाने के लिए रोज पानी से होकर गुजरना पड़ता है। बारिश ज्यादा होने पर कई बार स्कूल नहीं जा पाते, जिससे पढ़ाई में बाधा आती है।