काजल सिकरवार @ शिवपुरी। अभी हाल ही में एसएससी स्टेनोग्राफर का रिजल्ट घोषित हुआ है,जिसमें शिवपुरी जिले से कई स्टूडेंटों ने सफलता हासिल की हैं,वहीं बता दें कि शिवपुरी जिले में किसानों के बच्चों ने बिना किसी कोचिंग के घर पर पढ़ाई करके एसएससी स्टेनोग्राफर परीक्षा पास की हैं। इसके अलावा जिले से कई स्टूडेंट्स का एसएससी स्टेनोग्राफर परीक्षा में चयन हुआ हैं।
किसान की बेटी-बेटे का एसएससी स्टेनोग्राफर में हुआ चयन,घर पर की हैं पढ़ाई
शिवपुरी जिले के तानपुर गांव निवासी किसान ब्रजेश गौतम की पुत्री नेहा गौतम और उनके पुत्र गौरव गौतम ने बिना कोचिंग जाए घर से ही पढ़ाई कर एसएससी परीक्षा पास कर सफलता हासिल की है। हाल ही घोषित एसएससी की मुख्य परीक्षा परिणाम में गौरव गौतम संचार मंत्रालय में तथा नेहा गौतम परमाणु ऊर्जा विभाग में स्टेनो के पद पर चयनित हुए हैं। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले गौरव और नेहा की सफलता यह प्रमाणित करती है कि यदि मेहनत ईमानदारी और लग्न से की जाए तो बिना कोचिंग जाए भी सफलता हासिल की जाती है। गौरव और नेहा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने स्टेनो शिक्षक रवि वर्मा और अपने माता,पिता, भाई एवं परिवारजनों से पढ़ाई के दौरान मिले सहयोग को दिया।
शिवपुरी के बैराड़ की तीन होनहार बेटियों-जूली किराये का कमरा लेकर करती थी पढ़ाई
बैराड़ क्षेत्र के गोंदरी की रहने वाली जूली शर्मा पुत्री अशोक शर्मा का यह दूसरी बार में एसएससी स्टेनोग्राफर एग्जाम में चयन हुआ हैं, इसके साथ ही जूली शर्मा के भाई मनोज शर्मा ने बताया कि मेरी बहन जूली शर्मा की कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक गांव के शासकीय स्कूल में रहकर पढ़ाई की उसके बाद उसने कक्षा 11वीं बैराड़ से की। वहीं 12 वीं कक्षा और कॉम्पिटिशन की तैयारी करने के लिए हमने उसे शिवपुरी भेज दिया था,क्योंकि उसकी पढ़ाई में इतनी रूची थी कि उसने शासकीय स्कूल में पढ़ाई करते हुए अच्छे नंबरों से 10वी और 12वीं पास किया।
जूली शर्मा ने बताया कि मैं 4 साल शिवपुरी में रहकर एमपीपीएससी तैयारी कर रही थी वहीं मैंने यह दूसरी बार एसएससी स्टेनोग्राफर का एग्जाम दिया था,पिछली बार में मात्र एक नंबर से एग्जाम में रह गई थी। लेकिन इस बार मैंने और ज्यादा मेहनत की और मेरा सिलेक्शन हो गया। वहीं शिवपुरी में में किराये के रूम में अपने भाई के साथ रहकर पढ़ाई करती थी। विशाखा दीक्षित पुत्री सतीश कुमार टौरिया) DOPT सीबीआई दिल्ली, दिव्यांश दीक्षित पुत्री श्री सुबरन दीक्षित का SSC स्टेनोग्राफर में चयनित हुई हैं। तीनों को बैराड़ क्षेत्र व जिले का नाम रोशन करने पर बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं मिल रही हैं।
पोहरी में भी तीन होनहार बच्चियों सहित एक बेटे का भी एसएससी स्टेनोग्राफर में चयन
जिसमे पोहरी नगर परिषद क्षेत्र की तीन होनहार बच्चीयो सहित एक लड़का का ssc स्टेनोग्राफर में चयन होने पर अपने माता सहित पोहरी नगर सहित क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
जिसमे सृष्टि गुप्ता पिता राजेश गुप्ता निवासी कटरा मोहल्ला वार्ड नंबर 6 नगर परिषद पोहरी का ssc स्टेनोग्राफर में चयन हुआ है जो पोहरी नगर में संचालित मेहरे कोचिंग में तैयारी की गई थी जिसके संचालक उमेश कुशवाह का योगदान रहा वही दूसरी लड़की कुमारी दिव्यांशी दीक्षित पिता सुबरन दीक्षित निवासी लाल कोठी वार्ड नंबर 10 नगर परिषद पोहरी ने पोहरी ने ssc स्टेनोग्राफर में चयन हुआ वही पोहरी नगर में संचालित मेहरे कोचिंग सेन्टर के संचालक उमेश कुशवाह का योगदान रहा इसके अलावा मन पारीक पिता अशोक पुरोहित रिटायर्ड एस ई निवासी जल मंदिर रोड वार्ड नंबर 5 नगर परिषद पोहरी ने ssc स्टेनोग्राफर में चयन हुआ जिसका श्रेय शिवपुरी में स्थित कोचिंग एजुकेशन के संचालक अंकित कुलश्रेष्ठ को जाता है इसके अलावा पोहरी के वार्ड नंबर 13 में निवास करने वाले शिवकुमार श्रीवास्तव की भतीजी महक श्रीवास्तव पिता पवन श्रीवास्तव का बिना कोचिंग जाए पहले ही राउंड मे ssc स्टोनो ग्राफर मे चयन हुआ।
बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में सेजल का एसएससी स्टेनो परीक्षा में चयन
वहीं शिवपुरी जिले के हातोद की रहने वाली सेजल श्रीवास्तव ने पहले ही प्रयास में SSC Steno परीक्षा पास कर एटॉमिक एनर्जी न्यूक्लियर डिपार्टमेंट ऑफ इंडिया में चयनित होकर गौरव बढ़ाया है। खास बात यह कि बिना कोचिंग, घर पर ही तैयारी कर यह सफलता हासिल की। बड़ी बहन शीतल श्रीवास्तव, मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में थर्ड ईयर की छात्रा हैं। इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता राजेश श्रीवास्तव (प्रा.शा. अर्जुनगांव खुर्द) एवं नीता श्रीवास्तव (ग्राम हातोद) को,जिन्होंने बेटियों का हौसला और संस्कार दोनों दिए।
लुकवासा के किसान की बेटी ने लहराया कामयाबी का परचम
शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील में आने वाले लुकवासा क्षेत्र की होनहार बेटी राखी रघुवंशी पुत्री राज्यपाल रघुवंशी का Stenographer in CBIC(GST) के पद पर चयन हुआ हैं राखी रघुवंशी का कहना हैं कि मैं दिन रात पढ़ाई करती थी और मेरी आंखों में बस यही सपना था कि कैसे भी मुझे यह एग्जाम निकालना है जिससे मेरे माता-पिता का सिर गर्व से ऊँचा हो सके,वह गर्व से कह सके कि यह हमारी बेटी हैं और मेरे पिता एक किसान हैं और मैं उनको दिन—रात मेहनत करते हुए देखती थी कि पापा कितनी मेहनत करते हैं। बस यहीं सोचकर में मेहनत करती थी और आज मेरे माता—पिता बहुत खुश हैं।
वहीं राखी का पद पर चयन होना, न केवल उसके व्यक्तिगत जीवन में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह अन्य युवा लड़कियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाता है कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, चाहे वह किसी भी गांव या शहर से हो।