SHIVPURI NEWS - विधानसभा में लापता टाइगर की तलाश, टाईगर तांडव और गुड्डी की सुरक्षा पर सवाल

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में पर्यटन को बढ़ाने के उद्देश्य से शिवपुरी में 27 साल बाद माधव नेशनल पार्क में टाइगर की बसाहट की थी। टाइगर के आने के बाद शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को टाईगर रिजर्व का दर्जा मिल गया। इससे अवश्य लग रहा था कि शिवपुरी के पर्यटन को अब पंख लग सकेगें,लेकिन इस सभी बीच माधव टाइगर रिजर्व के एमटी-1 की लापता होने की खबर आने लगी।

लापता की खबरों में एक आशंका जब जुड़ गई कि एसटीएफ ने 4 जून 2025 को मुखबिरों की सूचना पर माधोपुर श्योपुर-कराहल मार्ग पर अलग-अलग स्थानों से तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया था। उनकी निशानदेही पर तीन अन्य शिकारियों को पकड़ा व सभी ने पूछताछ में तीन बाघों का शिकार करना स्वीकार किया था। इन टाइगरो का शिकार और पहचान एसटीएफ ने उजागर नही की है।

वही शिवपुरी का टाइगर एमटी 1 टाइगर भी लापता है,वह किसी भी पर्यटक को नही दिख रहा हैं,ना ही उसकी फोटो वीडियो जारी हो रही है। वही मीडिया भी उसके लापता होने की खबरों का प्रकाशन लगातार कर रही है। माधव टाइगर रिजर्व का प्रबंधन केवल सफाई दे रहा है कि लेकिन पब्लिक में प्रमाण नही दे रहा है।

माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी की चुप्पी के कारण ही शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन ने विधानसभा में टाइगर के विषय को लेकर सरकार के वन राज्य मंत्री से प्रश्न पूछा है  
कि माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में कुल कितने बाघ हैं?
क्या उक्त सभी बाघों की लगातार लाइव लोकेशन को ट्रैक किया जा रहा है?
विधायक ने प्रश्न में यह भी पूछा है कि अगर बाघों की ट्रेकिंग नहीं की जा रही है तो क्यों?

माना जा रहा है कि विधानसभा में मामला गूंजने के साथ ही अब संभवतः एमटी-1 के संबंध में उचित जानकारी सार्वजनिक हो सकेगी। बात अगर माधव टाइगर रिजर्व में मौजूद अन्य टाइगर की करें तो जॉर्ज कैसल कोठी के पास छोड़े गए एक मादा व एक नर टाइगर कई बार सेलिंग क्लब, करबला, झांसी रोड व बांकड़े हनुमान मंदिर के पास खुले में विचरण करते हुए देखे गए हैं। ऐसे में टाइगर की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग गया है।