एक्सरे ललित मुदगल शिवपुरी। बीते दिनों सरपंच संघ जिला इकाई के द्वारा एक प्रदर्शन सहित ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया गया था। मामला एक आरटीआई से जुड़ा था सरपंच संघ का आरोप था कि आरटीआई लगाने वाला व्यक्ति झूठी आरटीआई लगता है और दबाव बनाकर मस्जिद के लिए 50 हजार की डिमांड करता है। ऐसे व्यक्ति पर मामला दर्ज किया जाए।
वही इस ज्ञापन के पैराग्राफ नंबर 2 पर स्पष्ट लिखा जिसे हम सशब्द प्रकाशित कर रहे है। यह है कि कमर खान द्वारा जो जानकारी चाही गई थी,वो समस्त जानकारी सत्यापित प्रतिलिपि में ग्राम पंचायत के द्वारा कमर खान को दे दी गई जिस पर श्री कमरखान के द्वारा प्राप्ति का आवेदन पपत्र प्रस्तुत कर दिया,जो की ग्राम पंचायत ने जनपद पंचायत में उसकी छायाप्रति व्हाट्सएप के माध्यम से श्री बृजमोहन कोहली खंड अधिकारी जी को भेज दिया है।
सरपंच संघ के अनुसार नरवर के ग्राम पंचायत सिमरिया के सहायक सचिव प्रभारी निर्भय रावत ने आरटीआई के आवेदन कर्ता को जानकारी देकर उनका सहमति पत्र लेकर नरवर के बीपीओ बृजमोहन कोहली को भेजा गया है,लेकिन शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने नरवर जनपद पंचायत के बीपीओ बृजमोहन कोली से इस सहमति पत्र को मांगा गया तो उन्होने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रभारी सचिव निर्भय रावत ने जो सहमति पत्र भेजा तो उसे व्हाट्सएप से तत्काल डिलीट कर दिया गया है। अब वह सहमति पत्र मेरे पास नही है मैने पूरी जानकारी नरवर जनपद के सीईओ साहब को दे दी हैं
नरवर जनपद के बीपीओ को यह बयान इस सरपंच संघ के इस प्रदर्शन और ज्ञापन को स्वत:ही झूठलाता है कि यह झूठा प्रदर्शन था। मस्जिद का बयान सिर्फ इस पंचायत के करोडो रूपए के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने वाला था,भ्रष्टाचार को छुपाने लिए किसी विक्षिप्त मानसिकता के व्यक्ति ने ही यह समाज में लक्ष्मण रेखा खींचने का प्रयास किया है।
इस पूरे मामले में सबसे पहले जानिए क्या मांगा क्या था इस आरटीआई में
कमरखान निवासी मगरौनी के द्वारा जनपद पंचायत के सिमरिया गांव की ग्राम पंचायत में आरटीआई के तहत एक आवेदन लगाया गया था जिसमें 3 बिंदु की जानकारी मांगी गई थी।
1 यह है कि ग्राम पंचायत सिमरिया में 2020-2021 से वर्ष 2024-2025 तक नालियों के निर्माण कार्य में उपयोग किए गए पत्थर और रेत की रॉयल्टी की प्रमाणित प्रतिलिपि
2 यह है कि नालियों के निर्माण कार्य का एएस-टीएस एवं डीपीआर की सत्यापित प्रतिलिपि
3 यह है कि समस्त नालियो के निर्माण पूर्ण होने के पश्चात भुगतान के बिल वाउचर पूर्ण:प्रमाण पत्र एंव इंजीनियर के द्वारा किए गए मेजरमेंट की महापुस्तिका की सत्यापित प्रतिलिपि,उक्त आवेदन आवेदन कर्ता ने 2 दिसंबर 2024 को रजिस् डर्ट भारतीय डाक पत्र से भेजा था। इस जानकारी को पंचायत ने समय पर नही दिया और इसमें प्रथम अपील के बाद तृतीय अपील भी करनी पड़ी थी।
इस कारण सिमरिया ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव पर प्रेशर था जानकारी देने के लिए कमरखान को एक सूचना पत्र के माध्यम से कमर खान को पंचायत में बुलाया गया और उसके साथ मारपीट की गई और डरा धमकाकर उससे जबरिया सहमति पत्र बनवाया गया और वीडियो भी बनवाई गई है। कमर खान ने इस मामले की शिकायत पुलिस को भी की है और उसकी जांच भी शुरू कर दी गई है।
इस पूरे मामले में बार बार प्रभारी सचिव निर्भय रावत संदिग्ध है इससे पूर्व शिवपुरी समाचार से बातचीत करते हुए कहा था कि जानकारी देते समय मे वहां मौजूद था किसी भी प्रकार का झगड़ा नही हुआ है और ना ही किसी भी प्रकार की मस्जिद के लिए पैसा मांगा गया है। जब इस खबर को लगाया तो निर्भय रावत लगातार कमेंट कर रहे है कि कमरखान ने 50 हजार रुपए की डिमांड की है।
अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है कि जो सहमति पत्र कमर खान से लेकर अपने वरिष्ठ अधिकारी को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया था उसे रोजगार सहायक प्रभारी सचिव के द्वारा डिलीट कर दिया है ऐसा क्यों किया गया इस पर सवाल उठता है कि कमरखान जो आरोप सरपंच पुत्र शैलेन्द्र रावत और सचिव निर्भय रावत पर लगा रहे है वह सही है,क्योंकि इस सहमति पत्र में लिखा गया था कि जानकारी बीच सड़क पर दी गई है। बीच सड़क पर जानकारी कोई देता है क्या इस पर सवाल खड़े हो सकते थे,इसलिए इस सहमति पत्र को डिलीट किया गया जिससे दूसरा फर्जी सहमति पत्र बनाकर प्रस्तुत किया जा सके।
जानकारी कितने पन्ने की थी
जानकारी कितने पन्ने की थी इसकी जानकारी भी किसी के पास नही है क्या जो सूचना पत्र कमर खान को भेजा गया था उसमे यह उल्लेख नही था कि कितने पेज की जानकारी प्रेषित की जा रही है। सहमति पत्र में भी उल्लेख नही है कि कितने पत्र की जानकारी दी है।
एक करोड की नाली है धरातल से गायब
आरटीआई कार्यकर्ता कमरखान का आरोप है कि इस पंचायत में 10 से 12 लाख रुपए की 10 नालियो कागजों में बनाई गई है वह धरातल पर मौजूद नही है,इसलिए इस जानकारी को सार्वजनिक करने से बचा जा रहा था। भ्रष्टाचार को छुपाने मस्जिद का नाम लिया गया और शिवपुरी के शांत फिजा में जहर खोलने की कोशिश की गई है,वही सरपंच पुत्र शैलेन्द्र रावत ने भी सरपंच संघ को भी गुमराह किया और एक कहानी सुनाकर यह कृत्य करवा दिया।