माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी से गायब हुआ टाइगर MT 1- शिकारियो से मिली है बाघ की हड्डी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी में पर्यटन की आस का केंद्र बने टाइगर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे है,वही एक आशंका वाली खबर मिल रही है। सन 2023 के मार्च माह में लाए गए थे यह बाघ बाधंवगए से लाए गए थे,इन टाइगरो में से एमटी 1 टाइगर गायब है। जानकारी मिल रही है कि पिछले कई महीनों से उसकी लोकेशन मिल रही है और ना ही उसके फुट मार्क,टाइगर वीडियो में भी कैद नहीं हुआ है।

ऐसे में कई सवालों का जन्म हो रहा है कि कही बाघ का शिकार तो नही हो गया,क्योंकि  पिछले माह सामान्य वन मंडल की एसटीएफ ने सवाई माधोपुर-श्योपुर-कराहल क्षेत्र से जिन शिकारियों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया था कि इस क्षेत्र में कुल तीन बाघों का शिकार किया है, जिसमें से एक शिकार माधव नेशनल पार्क क्षेत्र में किया गया था। एक तेंदुए का शिकार 10 मार्च 2025 को इसे रिजर्व घोषित करने के बात किया गया।

ऐसे में यहां वन्यजीवों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि माधव टाइगर रिजर्व से ही सटे श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में चीते भी खुले जंगल में हैं। एसटीएफ ने शिकारियों से 225 नग वन्यजीवों की हड्डियां जब्त की थी, जिससे क्षेत्र में बड़े स्तर पर शिकार का पर्दाफाश हुआ था।

बताया जाता है कि गिरोह के पास जो हड्डियां मिली, उनकी फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी पुष्टि हो गई कि हड्डियां बाघ की है। हालांकि रणथम्भौर से कई बाघ माधव टाइगर रिजर्व की सीमा तक आते रहे हैं। जिसमें से 20 से अधिक बाघ रणथम्भौर में लापता लंबे समय से न तो वीडियो कैमरों में मिल रही लोकेशन, न फुटमार्क ही नजर आए पिछले माह पकड़े गए शिकारियों ने स्वीकार की थी रिजर्व क्षेत्र में बाघ के शिकार की बात दर्ज है, ऐसे में यह भी संभव है कि टाइगर रिजर्व की सीमा से शिकारियों ने जिस टाइगर का शिकार किया हो वह रणथम्भौर से आया हो।

हालांकि रिजर्व क्षेत्र में बाघ के शिकार को लेकर सिंह परियोजना के निदेशक उत्तम शर्मा के अलावा माधव टाइगर रिजर्व के प्रभारी डीएफओ थिरुकुरल आर ने चुप्पी साध ली है। अन्य स्थानीय वन अधिकारियों का भी कहना है कि शिकारियों को पकड़े जाने की कार्रवाई स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स द्वारा गठित दल द्वारा की गई थी।