SHIVPURI NEWS - एयरपोर्ट के लिए नहीं मिलेगी माधव टाइगर रिजर्व की जमीन,पढ़िए क्यों

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी में तैयार होने वाले एयरपोर्ट के लिए 120 हेक्टेयर की आवश्यकता थी,भूमि को चिन्हित कर ली गई थी,लेकिन इस प्रोजेक्ट का लेआउट और कागजों में तैयार करने वाली अधिकारियों की टीम से एक चूक हो गई कि इस प्रोजेक्ट के लिए 33 हेक्टेयर जमीन का चुनाव माधव टाइगर रिजर्व की जमीन का कर लिया गया था,जो विभाग कागज के टूकडे पर सिंध की लाइन की एनओसी देने में सालों लगा रहा था वह अपनी जमीन कैसे देगा,आखिर वही हुआ जिसकी आशंका थी और शिवपुरी समाचार डॉट कॉम इस बात को प्रकाशित कर रहा था कि माधव टाइगर रिजर्व की जमीन इस प्रोजेक्ट में पेंच फसा सकती है। अंत:अब यह निर्णय हो चुका है कि एयरपोर्ट के लिए माधव टाइगर रिजर्व की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाऐगा।

माधव टाइगर रिजर्व की जमीन लेने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता, जिससे एयरपोर्ट का काम प्रक्रिया में ही उलझकर रह जाता। ऐसे में प्रशासन ने विकल्प के तौर पर आईटीआई संस्थान के पास जमीन देखी थी। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को भी ये जमीन पसंद आ गई है। इसलिए अब माधव टाइगर रिजर्व की जमीन नहीं लेना पड़ेगी और एयरपोर्ट के निर्माण में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

प्रशासन ने मार्च 2025 में एयरपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। सामाजिक समघात के माध्यम से लोगों को भू अर्जन के लिए राजी कर लिया गया था। साथ सामाजिक एवं शासकीय कर्मचारियों की टीम ने एयरपोर्ट बनने से होने वाले फायदे को लेकर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी। कुछ ही दिनों में धारा 11 के तहत भूअर्जन के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन भी होना था।

हालांकि इस बीच प्रशासन आईटीआई संस्थान के पास जमीन देखकर एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को अवगत करा चुका था। एएआई को जमीन पसंद आ गई थी और उनके द्वारा नया प्रस्ताव भेजने की बात कही गई थी। जिसके बाद करीब एक माह से प्रक्रिया रोक दी गई है। क्योंकि अब नया प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत शिवपुरी की एयर स्ट्रिप को अपग्रेड कर एयरपोर्ट बनाया जा रहा है।

विकल्प में 2200 मीटर का रनवे तैयार हो सकेगा
600 बीघा जमीन में यदि टाइगर रिजर्व की ओर से जमीन आसानी से मिलती है तो 3000 मीटर रनवे का एयरपोर्ट बन सकता था,लेकिन अब यह लगभग फायनल हो चुका है कि एमटीआर की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाऐगा। आईटीआई कॉलेज की जमीन का अधिग्रहण होगा अब 2200 मीटर की रनवे की पट्टी बनाए जाने का बात सामने आ रही है।  बता दें कि मौजूदा हवाई पट्टी 24 बीघा में है जिसका 900 मीटर का रनवे है।

परेशानी का कारण बनता एमटीआर
जब प्रशासन ने एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए जमीन चिन्हित की थी तब माधव नेशनल पार्क था, जो अब माधव टाइगर रिजर्व बन चुका है। ऐसे में को एरिया तो उतना ही है, लेकिन टाइगर रिजर्व का बफर एरिया काफी बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन के लिए माधव टाइगर रिजर्व की 33 हेक्टेयर जमीन लेना आसान नहीं होने वाला था। लंबी प्रक्रिया के कारण इसमें कई साल भी लग सकते थे। अब जब माधव टाइगर रिजर्व की जमीन लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी तो स्वाभाविक रूप से एयरपोर्ट निर्माण के काम में अधिक परेशानी नहीं आएगी।

इनका कहना हैं
हमने आइटीआइ संस्थान के पास जो जमीन देखी थी, वह एएआई को पसंद आ गई है। वहां जमीन अधिक भी है, जो एएआई की आवश्यकता को पूरी करती है। अब माधव टाइगर रिजर्व की जमीन को लेने की हमे जरूरत नहीं है। इससे काम तेज गति से हो सकेगा।
रविंद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर।