SHIVPURI NEWS - कचरा से भरा पडा है नाला, नाले की सफाई में गति नही, कही शहर में बाढ़ ना आ जाए

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर को वाटर रिचार्ज सिस्टम और गंदे पानी को शहर से बाहर ले जाने के लिए शहर को बसाने के साथ ही शहर के चारों ओर नाले का निर्माण किया था,लेकिन आबादी बढी तो शहर का कचरा घर नाला बन गया,इस कारण नाले कचरे से पट गए है,इसलिए थोडी सी बरसात होने के कारण ही नाले उफन जाते है। कई बार यह नाला मानसून काल में उफनने के कारण करोड़ों का नुकसान कर चुका है। हर साल मानसून सत्र से पूर्व नाले की सफाई का काम कराया जाता है। इस साल भी शहर के नाले की सफाई का काम शुरू हो चुका है।

नगर पालिका द्वारा सफाई का यह काम मार्च माह में ही शुरू कर दिया गया था और दो माह बाद भी यह सफाई का काम 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो पाया है। धीमी गति से चल रहे इस काम के कारण नाले पूरी तरह से साफ नहीं हो पाए हैं। अगले एक महीने में नाले पूरी तरह साफ होना मुश्किल लग रहा है। आधे अधूरे साफ नाले पिछले साल की तरह शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा न कर दें।

पिछले साल भी नालों की सफाई ठीक तरह से न होने के कारण शहर में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए थे जिससे लोगों की काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इधर सब कुछ जानकर भी नगर पालिका इस गंभीर मामले में कोई ध्यान नही दे रही। शिवपुरी शहर को हर तरफ से बड़े व चौड़े नालों ने घेर रखा है और हर साल जो नालों की साफ-सफाई होती है, वह व्यवस्थित तरीके से नहीं होती।

इसी कारण से शहर के नाले कचरे व गंदगी से पटे हुए पड़े है। दूसरी तरफ नाले के पास रहने वाले लोग भी नाले में कचरा फेंकने से परहेज नही करते और अधिकांश कचरा इन नालों में फेंका जाता है। ठंडी सड़क पर जो सब्जी व फल मंडी वाले विक्रेता है, वह पूरा कचरा नाले में ही फेंकने है और यह एक दिन की बात नही है, बल्कि हर रोज यही स्थिति बनती है। अकेले ठंडी सड़क ही नहीं बल्कि कमलागंज, मीट मार्केट से लेकर हर जगह पर लोग नाले में कचरा फेंकते से बाज नहीं आते,कुल मिलाकर कचरे को नाले से जाने मे रोकना होगा,लेकिन पब्लिक के साथ नगर पालिका की सफाई कर्मचारी भी नाले को कचरा घर बनाने से पीछे नहीं रहते है।

एक मार्च से चल रही है सफाई फिर भी काम आधा
जिम्मेदारों की मानें तो नगर पालिका ने इस साल नालों को साफ करने का किसी को ठेका नहीं दिया, बल्कि खुद ही अपनी पोकलेन से नालों की सफाई करने का निर्णय लिया। यह काम एक मार्च को शुरू भी हो गया, पर दो माह बाद भी नालों की हालत देखने से ऐसा प्रतीत नहीं होता कि इनकी सफाई एक बार भी हुई है, जबकि अधिकारी यह दावा कर रहे है कि वह ठंडी सड़क सहित कुछ क्षेत्रों में तो दो बार मशीन से सफाई कर नालो के अंदर से बड़ी मात्रा में कचरा निकाल चुके है। इधर इसी गति से काम चला तो एक माह में किसी भी हालत में सफाई का यह काम पूरा होने से रहा। इसके बाद जैसे ही बारिश शुरू हुई तो साफ-सफाई तो होना संभव नहीं है और फिर जलभराव की स्थिति से लोगों को परेशान होना पड़ेगा।

इस बार नपा खुद करा रही है नालों की सफाई
इस बार नगर पालिका ने नालों की सफाई का काम खुद अपने हाथ में लेकर मशीनरी से शुरू कर दिया, लेकिन जितना काम होना चाहिए वह अभी हुआ नहीं है। इससे पहले सफाई का काम ठेके पर होता था, तब भी नाले गंदगी व कचरे से भरे हुए रह जाते थे। वैसे यह काम एक से लेकर डेढ़ माह में पूरा हो जाता है। अधिकारी 15 जून तक इस काम को पूरा करने की बात कह रहे है। पर जिस गति से यह काम चल रहा है, उससे लगता है कि जब काम 2 माह में लगभग आधा काम हुआ है तो अगले एक माह के अंदर काम कैसे पूरा होगा।

इनका कहना है
नालों की सफाई का काम इस बार हमने 1 मार्च से ही शुरू कर दिया था। इस बार नगर पालिका खुद ही इस काम को करवा रही है। कुछ जगह तो हम दो बार मशीन चला चुके है। दूसरी तरफ लोग भी नही मानते और कचरा नाले में ही फेंकते हैं। हम वैसे तो 31 मई तक इस काम को पूरा कर लेंगे, अधिक समय लगा तो १५ जून तक काम खत्म कर देंगे।
योगेश शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर पालिका, शिवपुरी