शिवपुरी। शिवपुरी शहर के प्रसिद्ध श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के बाहर लगी पेबर ब्लॉक जेसीबी भूमाफियाओं ने उखाड़ दी। मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि यह मंदिर के पास सरकारी भूमि है जिसका उपयोग मंदिर पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता है। इस भूमि पर पेबर ब्लॉक भी लगे हुए थे। इस भूमि की मिल्कियत सरकार मध्य भारत अंकित है।
इस भूमि पर कई दिनो से विवाद चल रहा है। शहर के कुछ भूमाफियाओं ने इस कागजों में हेरफेर कर इस शासकीय भूमि को निजी भूमि में दर्ज करा लिया है। बीते रोज मंगलवार को दोपहर कुछ भूमाफिया जेसीबी लेकर आए और मंदिर के पास शासकीय संपत्ति पर खुदाई शुरू कर दी जिससे पेबर ब्लॉक तक टूट गए।
यह भूमि शासकीय खसरा वर्ष 1952-53 में भूলি सर्व के 414/11 एवं 414/12 मिल्कियत सरकार मध्य भारत अंकित है इस प्रकार यह भूमि शासकीय है इसी भाग पर जब से मंदिर बना है तब रो भण्डारे एवं धार्मिक आयोजन मेले लगते चले आ रहे है और भूमि का उपयोग सार्वजनिक हित में मंदिर श्री मंशापूर्ण हनुमान जी महाराज के द्वारा किया जा रहा है।
श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला शिवपुरी को भूमि सर्वे नंबर 435 स्थित ग्राम बछोरा की जांच कराये जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें कलेक्टर रविंद्र चौधरी 05.05.2025 को उक्त भूमि की जाँच करने हेतु आदेश पारित किया गया है. परतु आज दिनांक हाई कार्यवाही नहीं हुई है और अनावेदकगण अवैध रूप से कब्जा कर रहे है।
यह शासकीय भूमि पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप थीम रोड से लगी हुई है। जिसका वर्तमान सर्वे नंबर 435 है और पुराना सर्वे नंबर 414/11 एवं 114/12 है। इस भूमि की अभी जांच पूर्ण नहीं हुई है उससे पहले इस शासकीय भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया गया है।
मंदिर के मुख्य पुजारी रिंकू महाराज ने और मंदिर सरकार के सैकड़ों भक्तों के साथ आज इस मामले को लेकर शिवपुरी कलेक्टर के नाम से एक आवेदन सौंपा है। उक्त आवेदन एसडीएम उमेश चंद्र शुक्ला ने लिया था और जांच कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। वही पुजारी जी ने बताया कि इस पूरे काण्ड में पूर्व एसडीएम उमेश कौरव दोषी है उन्होंने ही भू माफियाओं से सांठगांठ कर इस काम को किया है। यह सरकारी जमीन है फिर यह कैसे निजी को गई और इसकी रजिस्ट्री तक हो गई। बीते रोज कुछ लोग यहां आए और इस भूमि को जेसीबी के खोद दिया जिसमे मंदिर के बहार लगी पेबर ब्लॉक की टाइल्स तक टूट गई।
पुजारी जी का प्रशासन से सवाल
यह जमीन सरकारी संपत्ति है और सरकारी जमीन लगातार बिक रही है,जब इस मामले को लेकर बीते 5 मई को कलेक्टर महोदय को आवेदन दिया गया था कि यह भूमि सरकारी से निजी कैसे हुई,इसकी जांच तो हुई नहीं,बल्कि उलटे भूमाफिया इस जमीन पर कब्जा करने आ गए,वही उल्टे जान से मारने की धमकी दी रही है।