एक्सरे ललित मुदगल @ शिवपुरी। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भाजपा के प्रभु श्रीराम ब्रांड एंबेसडर है। पूरा देश जनता है कि भारतीय जनता पार्टी की इस विशालता और विस्तार के पीछे प्रभु श्री राम का नाम है,लेकिन राम राज्य लाने वाली इस सरकार में शिवपुरी शहर के प्रसिद्ध मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में विराजमान श्री हनुमंत लाल को आज से उपवास पर जाना पडा।
बडा आश्चर्य है श्री हनुमान मंदिर मे आने वाले भक्तों के धार्मिक कार्यक्रमों के उपयोग में लाने वाली जगह को बचाने के लिए शिवपुरी के प्रशासन को जगाने के लिए आज से अन्न का त्याग करना पडा। आज से हनुमान जी का अन्न की प्रसादी का भोग नहीं लगेगा अब श्री संकट मोचन इस जमीन की संकट के निवारण करने के लिए केवल फलाहार पर रहेगें।
ऐसा क्यों हुआ क्यों जाना पड़ा हनुमानजी को उपवास पर
कत्था मिल के सामने थीम रोड से मंशापूर्ण हनुमान मंदिर को एक रास्ता जाता है। इस ओर लगभग 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन है। माना जा रहा था कि यह भूमि मंदिर की है। थीम पर रोड पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास एक जमीन का टुकडा बेचा गया। मंदिर प्रबंधन का कहना था कि यह जमीन मंदिर की है। इस टुकड़े से विवाद की शुरुआत हुई। मंदिर के मुख्य पुजारी रिंकू महाराज का कहना था कि इस जमीन की रजिस्ट्री एडवोकेट वशिष्ठ ने कराई थी उनका कहना होता था कि उक्त जमीन का पट्टा है।
कई बार बार विवाद हुआ लोग अपनी रजिस्ट्री पेश करते थे। लेकिन पिछले वर्ष यह जानकारी मिली की यह पूरी की पूरी जमीन सरकारी है और कागजों के हेरफेर करके इस पर जमीन का फर्जी पटटा किया गया है। ग्वालियर के कमिश्नर ऑफिस यह भूमि शासकीय खसरा वर्ष 1952-53 में भूলি सर्व के 414/11 एवं 414/12 मिल्कियत सरकार मध्य भारत अंकित है इस प्रकार यह भूमि शासकीय है।
इस सरकारी जमीन को निजी कैसे किया गया इस मामले की शिकायत कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र कुमार चौधरी के समक्ष की गई और कलेक्टर न्यायालय में चलित इस केस मे बार बार विपक्षी पार्टी से पूछा जाता था कि इस जमीन का पट्टा पेश करे। महाराज का कहना है कि यह पटटा फर्जी है इस पट्टे पर प्रकरण नंबर भी अंकित नहीं है इसका सरकारी रिकार्ड भी कलेक्ट्रेट में मौजूद नहीं है। कुल मिलाकर यह मामला कलेक्टर कोर्ट में विचाराधीन हैं। इधर इस जमीन की लगातार रजिस्ट्री हो रही थी।
बीते रोज मंगलवार को इस जमीन पर कुछ लोग जेबीसी लेकर आए और मंदिर परिसर का थीम रोड की ओर से रास्ता बंद करते हुए खुदाई शुरू कर दी। साथ में मंदिर के कार्यक्रमों की सुविधा लिए लगाए गए पेबर ब्लॉक को तोड दिया गया। वही मेरे द्वारा विरोध करने पर मुझे मारने की धमकी भी दी गई। मंदिर के पुजारी रिंकू महाराज का कहना था कि दिसंबर 2024 को इस मामले की शिकायत कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी को की गई थी।
हमारा एक ही सवाल है कि जब इस मामले की जांच चल रही है तो इस जमीन की खुदाई कैसे की जा रही है। दिसंबर में इस मामले की शिकायत की गई और अभी तक कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र कुमार चौधरी ने काई अपना फायनल अभिमत नहीं दिया फिर कैसे यह भूमाफिया इस जमीन पर जेबीसी लेकर आ गए। यह सरकारी संपत्ति है और इसका उपयोग जनहित और मंदिर पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर किया जाता हैं अब हमे शिवपुरी के प्रशासन पर भरोसा नही रहा है।
इसलिए आज से हमारे हनुमान जी शिवपुरी प्रशासन के भूमाफियाओ के मिली भगत के कारण उपवास पर चले गए। आज से प्रभु का अन्न भोग नहीं लगाया जाएगा केवल प्रभु फलाहार पर ही रहेगें। साथ में मंदिर में पुजारी सहित अन्य लोग भी उपवास पर जा रहे है। जब तक इस जमीन का दूध का दूध पानी का पानी नही हो जाता जब तक हनुमान जी महाराज सहित तमाम भक्त उपवास पर रहेगें।
अभी हाल में ही केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कहते है कि भू माफियाओं पर कार्यवाही की जाए। यह बात 2 दिन पूर्व ही सिंधिया ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों से माफियाओं पर कार्यवाही करने की बात कही थी लेकिन उनके पीठ फेरते ही शहर में यह कांड हो गया। अगर पट्टा सही है तो इसको सार्वजनिक क्यो नही किया जाता हैं।
श्री मंशापूर्ण सरकार शहर की बडी आस्था का केन्द्र है। इस मंदिर से शहर के हजारो भक्त जुडे है। उनके इष्ट के उपवास पर जाने के कारण भक्त आहत है। अब यह उपवास का मामला कहा जाएगा यह किसी को पता नही है लेकिन यह पहली बार हुआ है कि भू माफियाओं के कारण हनुमान जी महाराज का भी अन्न त्याग करना पड़ा,क्यों कलेक्टर शिवपुरी इस मामले में तत्काल निबटारा क्यो नही कर रहे है देर से मिला न्याय भी न्याय की श्रेणी में नहीं आता है।