शिवपुरी। जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित गांगुली गांव। जहां सोमवार को एक बार फिर तेंदुए के किसान पर हमले से ग्रामीण और किसान दहशत में हैं। स्थिति यह है कि पूरे दिन ग्रामीण अपने घरों के बाहर तक जाने से भी कतराते हुए नजर आए। इतना ही नहीं कल तक जो बच्चे घरों के बाहर और खेतों में खेलते हुए नजर आ रहे थे, उन्हें भी घर की चौखट तक लांघने नहीं दी गई।
किसानों का आरोप है कि माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने महज छह फीट ऊंची बाउंड्री बना रखी है, लेकिन यह बाउंड्री बाघ, तेंदुए और अन्य जंगली जानवरों के लिए नाकाफी है। जंगली जानवर इस बाउंड्री को लगभग प्रतिदिन लांघकर गांव में प्रवेश कर जाते हैं और बाखर में बंधे मवेशियों को अपना शिकार बना रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो दिन के उजाले में भी जंगली जानवरी आमजन को अपना शिकार बना रहे हैं। अगर पार्क प्रबंधन ने समय रहते बाउंड्री के ऊपर जाली नहीं लगवाई तो ग्रामीणों का यहां रहना मुश्किल हो जाएगा और आसानी से खेती- किसानी का कार्य भी नहीं कर पाएंगे।
इन गांवों में भी खौफ में लोग
माधवन नेशनल पार्क से सटे लखनगवां, अर्जुन गवां, हरनगर, डोंगर, मामौनी, ठेह, चांड़, सकलपुर, गांगुली, पिपरौनियां, सुरवाया, करई, महुआखेड़ा, हाथीगढ़ा, हातोद गांव हैं। यहां भी तेंदुए और अन्य जंगली जानवरों के कारण ग्रामीण खौफ में जी रहे हैं