SHIVPURI NEWS - ​प्रियदर्शिनी सिंधिया बोलीः आपका और मेरा रिश्ता 30 साल पुराना है, बहुत कुछ बदल गया

Bhopal Samachar

काजल सिकरवार  @ शिवपुरी। लोकसभा चुनाव का प्रचार प्रसार बड़ी जोरो सोरो से चल रहा हैं ओर इसी को देखते हुए सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्मपत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया भी काफी चर्चा में बनी हुई हैं वह रोज अपना पत्नी धर्म निभाते हुए अपने पति के लिए जीत की दुआओं के साथ प्रचार प्रसार करने पहुंचती हैं।

इसी में वह आज शिवपुरी जिले के पिछोर के भौती क्षेत्र में प्रसार प्रचार करने पहुंची और वहां की आम जनता का प्रेम देखकर और प्रेम पाकर वह खुशी से फूली नहीं समाई और महिलाओं को अपने गले से लगाकर उसकी कई गई बातों को ध्यान से सुना और सभी के लिए कुछ शब्द कहे।

प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के द्वारा कहे गये शब्द

मेरा खुद का रिश्ता आपसे 30 साल पुराना हैं क्योंकि 30 साल पहले मेरी शादी हुई थी यहां हम लोग उस समय घूमने आया करते थे तब यहां की स्थिति काफी अलग थी। और उस समय तो माधवराव सिंधिया जी भी थे तब हम यहां आने में बहुत कठनाईयों का सामना करना पड़ता था, हमें चंदेरी पहुंचने में काफी समय लगता था और पिछोर आने में भी काफी समय लगता था क्योंकि यहां की सड़कों की स्थिति काफी बेकार थी।

अगर हम आज देखें तो मात्र ग्वालियर से पिछोर 3 घंटे के अंदर पहुंच जाते हैं। जो सदियों पहले यानी आज से 100 वर्ष पहले जो नामुमकिन था और उसे वह भी मुमकिन हो गया। पहले भी वहीं रास्ते थे और आज भी वहीं रास्ते हमें आप तक पहुंचाते हैं।

इसके बाद पिछले 30 सालों में महाराज जी ने हमारे लिए नहीं उनके लिए नहीं आपके लिए जो विकास के कार्य किये हैं वो मुझसे बहतर आप सभी लोग जानते हैं। क्योंकि आज उस रोड़ पर आप चलते हैं, उसी अस्पताल में आज आप जाते हैं, इन्हीं कोलेजों में आप अपने बच्चों को पढ़ने भेजते हैं। तो यहीं विकास कार्य होता हैं।

हम अपना प्रत्याशी क्यों चुनते हैं इसलिए नहीं की वह हमारी जाति धर्म, हमारे रिश्तेदार , हमारे परिवार वाले इन सबके लिए नहीं चुनते, बल्कि इसलिए चुनते हैं कि इनका खून और हमारा खून एक ही हैं। जो काम वो करते हैं वह उन्हें अपना मानकर करते हैं। 

इसलिए आप 7 मई को कमल के फूल पर वोट डाले, और जैसे महाराज आपका हर सुख-दुख में साथ देते हैं वैसे ही आपको भी महाराज का साथ देना हैं उनको ध्यान में रखना हैं, जिससे और भी कई रूके हुए विकास के कार्य पूरे हो सकें।