SHIVPURI NEWS- नेताजी ने कर डाली प्रदेश के CM शिवराज से प्राइवेट थाना खोलने की मांग,निजी स्कूल-अस्पताल तो पुलिस क्यो नही

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शिवपुरी। भारत देश में आम नागरिक को मौलिक अधिकार है वह अपने विचार किसी भी मामले मे रख सकता है,मांग कर सकता है। अब एक नेताजी ने प्राइवेट पुलिस बनाने की मांग रख दी,इसके लिए नेताजी ने एक चिट्ठी भी लिख डाली,अब उनकी यह चिट्ठी और उनकी पोस्ट सोशल पर वायरल हो रही है। साथ में आम जन उनकी पोस्ट के अब मजे भी ले रहे है।

पहले पढे मुख्यमंत्री जी को लिखी नेताजी की चिठ्ठी

माननीय मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश शासन भोपाल
विषय:शिवपुरी जिला अंतर्गत प्राइवेट थाना खोलने की परमिशन दिए जाने बाबत
महोदय विषय अंतर्गत लेख है कि शिवपुरी जिले में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 15 की जनता जनार्दन की मांग है कि स्कूल प्राइवेट है अस्पताल प्राइवेट है बिजली प्राइवेट है तो सदस्य महोदय जी एक थाना आप ही अपने क्षेत्र में प्राइवेट खुलवा लीजिए जनता की मांग के अनुसार हम आपसे निवेदन करते हैं कि जिला पंचायत क्षेत्र वार्ड क्रमांक 15 में एक प्राइवेट थाना खोले जाने की परमिशन देने की कृपा करें।

ताकि आम जनता की सुनवाई अच्छे से हो सके जब प्राइवेट स्कूलों में अच्छी पढ़ाई होती है और लोग अपने बच्चों को प्राइवेट में पढ़ाते हैं तो गवर्नमेंट को कोई आपत्ति नहीं होती है प्राइवेट विद्युत अच्छी मिलती है तो लोग को अच्छी बिजली मिलती है ऐसा मानना सरकार का है और प्राइवेट अस्पताल में अच्छा इलाज होता है तो प्राइवेट अस्पताल में भी खुली है और सभी लोग सरकारी अस्पताल में ना जाकर प्राइवेट में जाते है अपना इलाज कराने के लिए इसका मतलब यह हुआ कि सरकारी दफ्तरों में बैठे हुए अधिकारी सही से काम नहीं करते हैं सरकार का यही मानना हुआ लगता है तो जनता को भी लगने लगा है। कि सरकारी थानों में हमारी सुनवाई अच्छे से नहीं हो रही है और सरकारी पुलिस अच्छे से काम नहीं कर रही है तो जनता की मांग को प्राथमिकता देते हुए एक रुथाना प्राइवेट भी मुझे खोलने की परमिशन माननीय महोदय देने की कृपा करें।
धन्यवाद जी
भवदीय जिला पंचायत सदस्य, मनीराम लोधी किसान जराय

अब इस चिट्ठी के मायने में चलते है
शिवपुरी जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 15 के सदस्य का एक एक अक्षर सत्य है और तर्क पूर्ण है,निजी अस्पताल,निजी स्कूल,अब निजी रेलवे स्टेशन,निजी एयरलाइंस और निकायों में निजी सफाई कर्मी तो प्राइवेट थाना क्यों नहीं खुल सकता,जब सरकार मानती है कि निजी क्षेत्र के कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों से कम वेतन और कम सुविधाओं में अच्छा काम करती है तो प्राइवेट पुलिस क्यो नही कर सकती है। न्याय दिलाने के लिए वकील भी तो प्राइवेट प्रैक्टिस करते है। पुलिस भी न्याय दिलाने का काम करती है। दोनो ही संविधान के लिए काम करते है। इस पत्र के मुद्दे पर आगे बहस हो सकती है।
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