SHIVPURI NEWS- पोहरी में तीन करोड़ का सहकारिता घोटाला, मंडल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी

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शिवपुरी। शिवपुरी जिले में सहकारिता में हुए विभाग के घोटाले मे बैंक बर्बाद हो गया। लोगों के खाते पर लॉकडाउन लग गया और उन्हें नोटबंदी जैसे हालात का सामना करना पडा रहा हैं। उनके खातों में लाखों रुपए जमा है लेकिन उन्हें 2 हजार रुपए से अधिक रुपए निकालने की परमिशन बैंक नहीं दे रहा है। इतना होते हुए भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है,फिर पोहरी क्षेत्र मे सहकारिता में 3 करोड़ रुपए के घोटाले होने की खबर है।

इस घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह को भाजपा युवा मोर्चा के पोहरी मण्डल के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह यादव ने एक पत्र लिखा है। इस पत्र के अनुसार पोहरी विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक दर्जन सोसायटी ने फिर 3 करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया और इन घोटालेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

यह लिखा है पत्र
शिवपुरी जिले में केंद्रीय सहकारी बैंक की विभिन्न शाखाओं में विगत दो वर्ष पूर्व हुए 125 करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच जहां अभी लंबित है और कई प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज होकर न्यायालय में चल रहे है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस घोटाले से आम उपभोक्ता और जिले के कृषक और सहकारी संस्थायें पहले से ही भारी परेशानी का सामना कर रहे थे अब विगत दो तीन वर्ष में सोसायटियों के वर्तमान कर्मचारियों द्वारा नया घोटाला कर डाला है।


उन्होंने लिखा है कि सेवा सहकारी संस्थाओं को उनके कृषक सदस्यों को नगद खाद (उर्वरक ) दिये जाने हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ से 15 से 30 दिन की क्रेडिट पर करोड़ों रूपयों का खाद दिया था जिसे संस्था प्रबंधकों द्वारा नगद बिक्री कर तत्काल संस्था खाते में और विपणन संघ को जमा करना था मगर आज दिनांक तक वर्तमान में कार्य कर रहे सहायक समिति प्रबंधकों द्वारा रूपये जमा नहीं कराये गये विपणन संघ का करीब 20 करोड़ रूपया शिवपुरी जिला सहकारी बैंक की प्राथमिक सहकारी संस्थाओं पर बकाया है।


वहीं नये वित्तीय वर्ष में ही 25 से 40 लाख रूपया बकाया है मगर कोई कार्यवाही उनके खिलाफ नहीं की गयी हैै। जिले के पोहरी अनुविभाग की शाखा पोहरी एवं बैराड़ में सेवा सहकारी संस्था पोहरी, छर्च, भटनावर, झिरी, बमरा, पिपरधार, परिच्छा एवं बैराड़, नदौरा, बूढ़दा, ऐचवाडा, ककरौआ, दुल्हारा कुल 13 सोसायटियों पर वर्तमान समय में कार्य कर रहे कर्मचारियों पर करीब 3 करोड़ से अधिक का बकाया है उपार्जन एवं पी.डी.एस राशि जोड़ कर यह घोटाला और भी कई करोड़ का हो रहा है। जिसके चलते स्थानीय उपभोक्ता एवं कृषक सदस्य तथा सहकारी संस्थायें अपने बकाया राशि लेने के लिये बैंक शाखा में दर दर की ठोकर खा रही है।


जिसके चलते प्राथमिक सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल पुलिस प्रकरण दर्ज कर उनसे उक्त घोटाले की राशि तत्काल जमा कराने एवं उन्हें सेवा से बर्खास्त कर उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए।
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