कोलारस। शिवपुरी का स्वास्थ्य विभाग कितने भी दावे कर ले लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग वेंटिलेटर पर हैं। इसका जीता जागता प्रमाण कोलारस अनुविभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा स्थापित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के कलयुग में डॉक्टर की उपाधि प्राप्त कर चुके डॉक्टर गायब है। किसी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर ताला तक लगा हुआ है। ऐसा लगता है कि इन सभी कलयुगी भगवान डॉक्टर ने जिले में तैनात झोलाछाप डॉक्टर जो यमदूत का काम करते है इनके लिए मानसून ऑफर चला रखा हो,अब चलिए मूल खबर की ओर चलते है।
ग्रामीण अंचलों में ग्राम वासियों को उचित उपचार मुहैया हो सके, इस के लिए शासन ने ग्रामीण अंचलों में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना की थी, लेकिन उसके बाद भी कोलारस के मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उप स्वास्थ्य केन्द्र और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को क्या स्थिति होगी।
कोलारस विकासखंड में 23 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं जिनमें 9 आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर न तो कोई सीएचओ पदस्थ है और न ही कोई ANM, वहीं 6 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर पस्थ स्वास्थ्य कर्मी अवकाश पर हैं। जिस कारण इन सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर ताले लटके हुए हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर ताला डला होने की स्थिति में ग्रामीण अंचलों में न तो प्रसुताओं का प्रसव हो रहा है और न ही ग्राम वासियों को तत्काल रूप से प्राथमिक उपचार मुहैया हो पा रहा है।
ग्राम पंचायत कार्या में कई सालों से आयुष्मान आरोग्य मंदिर में ताला जड़ा हुआ है। यहां उक्त भवन की स्थापना तो कई सालों पहले कर दी गई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां स्वास्थ्य कर्मियों की पदस्थापना न होने से यह मात्र शोपीस बनकर रह गया है। यहां के ग्राम वासियों को यदि कोई उपचार कराना है, या प्रसुखओं को प्रसव कराना है तो उन्हें उप स्वास्थ्य केन्द्र या कोलारस अस्पताल में ही जाना पड़ता है। इस प्रकार यहां पर खोले गए आयुष्मान आरोग्य मंदिर का ग्राम वासियों को कोई खासा लाभ प्राप्त नहीं हो सका है।
अटामानपुर पर दो सीएचओ पदस्थ, राई में एक भी नहीं
ग्राम पंचायत राई में स्थापित आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी शासन की अनदेखी के चलते अव्यवस्था का शिकार है। प्रत्येक आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर एक डॉक्टर, एएनएम व आशा कार्यकर्ता की तैनाती की जाती है। किंतु राई आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सीएचओ हरीश किरार का स्थानांतरण कर उन्हें ग्राम पंचायत अटामानपुर पदस्थ कर दिया गया है। जबकि अटामानपुर में पहले से ही एक सीएचओ पदस्थ है। इस प्रकार राई आयुष्मान आरोग्य मंदिर सिर्फ एक एएनएम के भरोसे चल रहा है। जहां अधिकांश ताला लगा रहता है। कोलारस स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी 23 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का सही से संचालन होता तो ग्राम वासियों को स्थानीय स्तर पर भी मुफ्त और उचित उपचार प्राप्त हो सकता था।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर होते हुए भी झोलाछापों पर आश्रित ग्रामीण
किंतु स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ आशीष व्यास की भ्रष्ट कार्यप्रणाली व लचीले रवैए के कारण उक्त आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर ताला लटका हुआ है। तो कहीं स्वास्थ्य कमों उपस्थित नाहीं है। जिस्का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट क्लीनिक चलाने वाले झोलाछाप चिकित्सकों को मिल रहा है। यही प्रमुख कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों पनप रहे झोलाछाप डॉक्टर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।
लापरवाही की जा रही है तो मैं निरीक्षण कर कार्रवाई करूंगा
मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। यह बात सही है कि 9 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर स्टाफ नहीं है। बाकी अन्य जगह यदि लापरवाही चल रही है तो में निरीक्षण कर वैधानिक कार्रवाई करूंगा।
आशीष व्यास बीएमओ, कोलारस