Shivpuri News- गांव की टॉपर लड़की ने बर्थडे के दिन जहर पिया, 2 लड़कों ने जबरदस्ती मांग भर दी थी

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शिवपुरी। फ्यूचर बचाने के लिए एक स्टूडेंट को अपना जीवन ही गंवाना पडा। मनचलों के द्वारा परेशान करने की बात परिजनों से छुपाई, इस कारण मनचलों के हौसले बढ़ते गए और अपना फ्यूचर बचाने के लिए जन्मदिन के दिन मौत का घूट पीना पड़ा। 

मायापुर थाना सीमा में आने वाले राजापुर महुआ गांव में रहने वाली 18 वर्षीय रक्षा लोधी का 2 जनवरी का जन्मदिन था। रक्षा अशोकनगर जिले के ईसागढ़ कस्बे में अपने फूफा के यहां रहकर पढाई कर रही थी। रक्षा अपनी दोस्तों के साथ जन्मदिन सेलिब्रेट करने वाली थी। सुबह 10 बजे बेटी दोस्त के साथ केक लेने ईसागढ़ के रेस्टोरेंट गई थी। 

यहां गांव का रहने वाले शिवेंद्र लोधी उम्र 20 साल और रोमेश लोधी 20 साल भी पहुंच गए और रक्षा के साथ छेड़छाड़ करने लगे। मना किया तो रोमेश ने जबरदस्ती उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। रक्षा ने तुरंत फूफा को फोन कर पूरी बात बताई। फूफा पहुंच गए। वहां दोनों युवकों से उनकी हाथापाई भी हो गई। दोनों धमकी देकर भाग गए।

मां के साथ घर आते ही रक्षा ने मौत का घूट पी लिया

इस घटना की जानकारी रक्षा के फूफा ने परिजनों को दी। रक्षा की मां अपने बेटे को लेकर ईसागढ़ गई। मां ने बताया कि बेटी की मांग सिंदूर से भरा था। वह रोते-रोते बस गांव आने की जिद कर रही थी। मैं अपने साथ बेटी को वापस गांव ले आई। घर पर मैंने उसे आराम करने के लिए कहा। मैं खेत पर चली गई। इसी दौरान, बेटी ने घर में रखी इल्ली मारने की दवा पी ली। थोड़ी देर बाद चाचा का बेटा उसके पास गया। बेटी ने उसे बताया कि मुझे अब जीना नहीं है।

भतीजे ने आकर मुझे ये बात बताई, तो मैं भागकर घर गई। बेटी खून की उल्टियां कर रही थी। मैं घबरा गई। उसे तुरंत रन्नौद स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जहां से शिवपुरी रेफर कर दिया। शिवपुरी के एक निजी अस्पताल में दिखाने के बाद रात 12 बजे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया। 3 जनवरी को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

कच्चे घर में रहते है रक्षा के परिजन

शिवपुरी के मायापुर के गांव का रहने वाली पीड़िता माता-पिता और भाई के साथ रहती थी। पिता 2 बीघा जमीन और मजदूरी के बलबूते एक दस बाई दस के मकान में रहकर परिवार पालता था। माता.पिता का सपना था कि वह बच्चों की पढ़ाई.लिखाई में कभी गरीबी को आड़े नहीं आने देंगे। यही वजह रही कि उन्होंने कभी भी बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं रोका। गांव से बाहर बेटी को पढ़ाई भेजा।

शासन की योजनाओं से मिले थे राजापुर की बेटी को पंख

बिलखती मां ने बताया कि बेटी पढ़ाई में अव्वल थी। उसे शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा था। हर क्लास में फर्स्ट आती थी। आठवें तक गांव में ही पढ़ाई की थी। इसके बाद उसे अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के शासकीय स्कूल और कन्या छात्रावास में दाखिला मिल गया था। बेटी ने छात्रावास में रहकर 12वीं तक कि पढ़ाई की। बेटी ने 10वीं कक्षा में 72ः तो 12वीं कक्षा में 64ः अंक हासिल किए। बेटा पढ़ाई में होशियार नहीं थाए इस वजह से उसे गांव में ही रखा था।
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