Shivpuri News- 828 करोड़ की मोदी मिशन योजना के लिए वन विभाग बना ब्रेकर, नही मिल रही NOC

Bhopal Samachar
शिवपुरी।
जिले के 842 गांव तक मड़ीखेड़ा का पानी पहुंचाने की महत्वाकांक्षी परियोजना में वन विभाग की भूमि का अधिग्रहण किया जाता है जिसका व्यपवर्तन हेतु प्रस्ताव वन विभाग भोपाल में प्रचलन में है, इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इंटेकवेल जिससे कि पानी फिल्टर प्लांट तक आता है उसका निर्माण कार्य वन विभाग की अनापत्ति के बिना किया जाना संभव नहीं है जिससे वहीं अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है।

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना का क्रियान्वयन जल निगम मप्र की जिम्मेदारी है इसके लिए मडिखेडा समूह पेयजल योजना का टेंडर 828 करोड़ रू में निजी कंपनी को दिया गया है जो जिले के पोहरी, शिवपुरी, कोलारस, बदरवास, करैरा एवं नरवर ब्लॉक के 842 गांवों को इस योजना का लाभ होगा।

पाईप लाईन के माध्यम से फिल्टर पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने, पानी की टंकी, फिल्टर प्लांट, इंटेकवेल एवं वितरण पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना में पाईप लाईन बिछाने के लिए तथा इंटेकवेल बनाने के लिए वन विभाग की 4.99 हेक्टेयर भूमि आडे आ रही है जिसके लिए विभागीय स्तर पर अनुमति हेतु प्रक्रिया जारी है परंतु पिछले कई मामलों में देखने में आया है कि वन विभाग की अनुमति मिलने में निर्धारित समय सीमा से भी अधिक समय लग जाता है एवं निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाता।

सतनबाड़ा वन परिक्षेत्र के रायपुर गांव में बनना है इंटेकवेल
मडीखेडा समूह पेयजल परियोजना में डैम से पानी लाने के लिए इंटेकवेल का निर्माण 3.67 हेक्टेयर भूमि पर होना है वह सतनवाड़ा वन परिक्षेत्र के रायपुर ग्राम के समीप स्थित है, इसके अलावा पोहरी वन परिक्षेत्र की 0.31 हैक्टेयर भूमि तथा शिवपुरी वन परिक्षेत्र की 1.01 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है परंतु अब तक विभाग की ओर से NOC प्राप्त नहीं हो सकी है जिसके कारण वनक्षेत्र वाले स्थानों पर समूह परियोजना का निर्माण एवं लाइन बिछाने कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।

फिल्टर प्लांट का निर्माण 20 प्रतिशत पूर्ण
सतनवाड़ा पर बनाए जा रहे 97.01 मिलियन लीटर क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य प्रगति पर है अभी तक इसका लगभग 20 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा प्रगति पर है जो कि जनवरी 2024 की निर्धारित समय सीमा से पहले ही पूर्ण होने की उम्मीद थी लेकिन काम पूर्ण नहीं हुआ है।

जनवरी 2024 की समयसीमा है निर्धारित
शिवपुरी जिले के 842 गांव तक पाइप लाइन के माध्यम शुद्ध जलापूर्ति हेतु स्वीकृत मड़ीखेड़ा समूह परियोजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा जनवरी 2024 की है जिसके लिए एक निजी कंपनी को कार्यादेश जारी होने के साथ ही कंपनी ने पाइप लाइन बिछाने एवं सतनबाड़ा पर 97.01 मिलियन लीटर क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया हैं।

परंतु वन विभाग से अभी तक एनओसी नहीं मिलने के कारण इंटेकवेल का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। ऐसे में यदि इंटेकवेल का निर्माण पूर्ण नहीं होगा तो पानी की सप्लाई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को नहीं मिलेगी अर्थात पूरी परियोजना ही समय सीमा में अपना कार्य प्रारंभ नहीं कर पायेगी।

जल निगम ने इंटेकवेल निर्माण और नेशनल पार्क वाले हिस्से में पाइप बिछाने की अनुमति जनवरी-2023 तक मिलने की उम्मीद जताई थी। जनवरी का 2024 का महीना बीतने जा रहा है लेकिन अब तक एक भी अनुमति नहीं मिली। इंटेकवेल का निर्माण सामान्य वन मंडल में और पाइप लाइन नेशनल पार्क की सीमा में बिछना है।

हालांकि नेशनल पार्क वाले हिस्से में स्टेज-1 पर कुछ आपत्तियां आईं थीं जिनका जवाब भिजवा दिया लेकिन स्टेज 2 में परमिशन को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा सका है। दोनों परमिशन की वजह से पूरे प्रोजेक्ट पर असर पड़ता नजर आ रहा है।

परमिशन मिलते ही काम तेजी से करा देंगे
पार्क वाले हिस्से में पाइप लाइन और बांध पर इंटेकवेल की परमिशन जनवरी में मिलने की उम्मीद थी। हालांकि फरवरी में परमिशन मिल जाने की उम्मीद है। परमिशन मिलते ही काम तेजी से करा देंगे। जिले में हमारे द्वारा शेष काम जारी है। -
दीपेन पाटोलिया, प्रोजेक्ट मैनेजर, मड़ीखेड़ा समूह जल प्रदाय योजना (एलएनटी)

फसलें कटने से मार्च से काम में तेजी आएगी
नेशनल पार्क में लाइन बिछाने की परमिशन फरवरी में मिलने की उम्मीद है। परमिशन मिलते ही कंपनी जल्द काम खत्म कर देगी। इंटेकवेल की परमिशन भी जल्द मिलने की उम्मीद है। पूरे प्रोजेक्ट का अभी तक 53% काम हो चुका है। फसलें कटने से मार्च 2023 से काम में और तेजी आएगी।
अनंत शर्मा, जीएम, मप्र जल निगम ग्वालियर-शिवपुरी