कलेक्टर और RTO मेडम की तुकबंदी, लेवल थ्री पर दम तोड़ रहे है CM हेल्पलाइन की शिकायते Ex-Rey @ ललित मुदगल- Shivpuri News

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शिवपुरी।
मप्र की जनमानस की सुनवाई अगर अधिकारी नहीं करते है तो सीएम हेल्पलाइन शुरू की गई थी कि अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहता है या कोई नियमानुसार काम करना चाहता हैं और अधिकारी की कार्यप्रणाली से आहत है तो वह अपनी शिकायत कर सकता है। इस हेल्पलाइन के सिस्टम में चार लेवल बनाए गए थे,लेकिन शिवपुरी जिले के परिवहन अधिकारी और जिला कलेक्टर की तुकबंदी के कारण परिवहन कार्यालय की कार्यप्रणाली की शिकायते लेवल 3 पर ही दम तोड रही हैं। लेवल थ्री पर शिकायते जब ही पहुंचती है जब शिकायतकर्ता लेवल वन के निराकरण पर संतुष्ट नही होता हैं।

पहले आप समझे परिवहन विभाग जिला शिवपुरी के लेवल

आरटीओ कार्यालय से संबंधित कोई व्यक्ति सीएम हेल्पलाइन पर पर शिकायत करता हैं उसकी शिकायत के निराकरण के लिए लेवल वन अधिकारी जिला आरटीओ होता है,अगर शिकायतकर्ता लेवल वन कि अधिकारी के निराकरण से संतुष्ट नही होता है तो शिकायत लेवल टू के अधिकारी पर फॉरवर्ड की जाती हैं आरटीओ कार्यालय के लेवल टू पर परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर के लिपिक स्तर पर की जाती हैं,यहां भी शिकायतकर्ता संतुष्ट नही होता है तो शिकायत लेवल थ्री के अधिकारी पर फॉरवर्ड होती है।

आरटीओ कार्यालय शिवपुरी के लेवल थ्री के अधिकारी जिला कलेक्टर शिवपुरी है अगर यहां भी संतुटी शिकायतकर्ता को नही मिलती है तो फिर अंतिम और फायनल स्तर पर लेवल फोर अधिकारी पर निराकरण के लिए जाती हैं आरटीओ शिवपुरी कार्यालय की हेल्पलाइन की शिकायतों के अधिकारी परिवहन आयुक्त ग्वालियर होते हैं। कुल मिलाकर अगर शिकायतकर्ता संतुष्ट नही होता तो शिकायत लेवल फोर के अधिकारी तक अवश्य जाएगी यह एक सिस्टम है नियम है लेकिन परिवहन कार्यालय शिवपुरी की शिकायते लेवल थ्री पर ही अपमान जनक स्थिति में बंद की जा रही हैं ऐसे पर्याप्त उदाहरण हमारे पास हैं।

सारथी पोर्टल पर किया गया आनलाइन आवेदन-दम तोड़ गया

मप्र सरकार की परिवहन सारथी पोर्टल पर पदम चंद जैन उम्र 62 साल ने अपनी मोटरसाईकिल के लाइसेंस के नवीनीकरण का आवेदन किया था यह आवेदन इस आवेदन के साथ यह आवश्यक दस्तावेज भी अटैच किए थे जो इस योजना को कॉन्टेक्ट लेस की श्रेणी में लेकर आता हैं जिससे वरिष्ठ जनो को अपने दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन के लिए कार्यालय न जाना पडे। यह योजना इस उद्देश्य से की गई थी हमारे सम्माननीय बुर्जुग को परेशानी ना आए।

रिश्वत का ऑप्शन नहीं था,9 माह तक नहीं हुआ काम

लेकिन आरटीओ कार्यालय में बिना रिश्वत काम नहीं होता। अब ऑनलाइन सिस्टम में रिश्वत का ऑप्शन नहीं था इसलिए पदम जैन ने रिश्वत नहीं दी। अब आरटीओ कार्यालय की रिश्वत की परंपरा टूटे नहीं इसलिए 9 माह तक लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया।

सीएम हेल्पलाइन ने तोडा दम

पदम जैन ने इस मामले की शिकायत क्रमांक 19461059 के रूप में सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई। लेकिन यहां भी मप्र के वरिष्ठ नागरिक के साथ मजाक कर दिया। यह शिकायत लेवल थ्री तक पहुंची और बंद कर दी गई। इस शिकायत के लेवल थ्री के जांच अधिकारी थे जिला कलेक्टर शिवपुरी। इस शिकायत के निराकरण में लिखा गया कि आवेदक अपना लाइसेंस भौतिक सत्यापन के लिए नहीं लाए और यह शिकायत मांग की श्रेणी में आती हैं। जब आवेदन ही कॉन्टेक्ट लेस योजना में आवेदन किया गया था फिर आवेदक को कार्यालय क्या जाना वही इस शिकायत में मांग की श्रेणी कहाँ आती है। शिकायतकर्ता इससे संतुष्ट नही था फिर इस शिकायत को लेवल फोर पर क्यों नहीं पहुंचाया। कुल मिलाकर आरटीओ कितनी ताकतवर है कि कलेक्टर शिवपुरी को उनके कार्यालय की शिकायते लेवल थ्री पर बंद करनी पडी।

दूसरा मामला फोर व्हीलर गाडी में सीएनजी किट का

ऐसा की एक मामला एक फोर व्हीलर गाड़ी में सीएनजी किट की आरसी को लेकर आ रहा हैं। राम स्वरूप निवासी शिवपुरी को अपनी फोर व्हीलर कार क्रमांक एमपी 33 सी 4015 में सीएनजी किट लगवानी थी। राम स्वरूप ने आरटीओ कार्यालय शिवपुरी रिश्वत की लक्ष्मण रेखा को पार कर स्वयं आवेदन किया बिना किसी दलाल के माध्यम से। पूरे एक साल परिक्रमा के बाद कार में सीएनजी किट लगाने की परमिशन दी। जब राम स्वरूप अपनी कार में सीएनजी कीट लगा ली इसके बाद आरसी पर सीएनजी पास चढ़ाने का प्रयास किया लेकिन बिना रिश्वत के काम नहीं हुआ।

मामला पहुंचा सीएम हेल्पलाइन में एल थ्री पर तोड़ा दम

रामस्वरूप में इस मामले की शिकायत 16945344 के रूप में दिनांक 08 मार्च 2022 की। शिकायत में कहा गया कि कार में सीएनजी किट लगाने की अनुमति उपरांत आरसी पर सीएनसी पास नहीं चढ़ाया आ रहा हैं। यह शिकायत भी एल थ्री स्तर पर पहुंची और निराकरण के लिखा गया कि शिकायतकर्ता ने गैर मान्यता प्राप्त डीलर से सीएनजी किट लगाकर उसको आरसी पर चढ़ाने की मांग की जा रही हैं जो कि नियमानुसार संभव नहीं हैं अतः शिकायत को विलोपित करने का कष्ट करे।

इस शिकायत में 09 सितंबर 2022 को लिखा गया है कि शिकायत मांग सुक्षाव में परिवर्तित करने चयन अक्षय सिंह पद कलेक्टर जिला दंडाधिकारी द्वारा किया गया हैं। अर्थात इस शिकायत को भी एल थ्री पर ही बंद कर दिया गया। वही इसके निराकरण में माना गया कि इसमे शिकायतकर्ता ने मांग की हैं अब इसमें क्या मांग की है समझ से परे। वही शिकायतकर्ता का कहना है कि मैन अपनी कार में आर सी कार गैस से अपनी कार में सीएनजी किट लगवाई है जो सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान है फिर भी मेरा काम नही किया जा रहा हैं। वही लाइसेंस वाले मामले में एक पत्र सीएम को शिकायत के रूप में भी लिखा गया हैं।
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