अशोक विहार कॉलोनी में मुड्‌ढी गाढ़ने पहुंचा प्रशासन-लोगो का विरोध, कहा रजिस्ट्री हैं- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी शहर में सरकारी जमीन पर कॉलोनी काटने के कई मामले उजागर हो चुके हैं। बैराड़ में कालामढ का काला सच किसी से छुपा नहीं हैं। सरकारी जमीन पर को जब प्लाट काट कर बेचा जाता हैं जब प्रशासन सुन्न हो जाता है, और जब पब्लिक मकान बना लेते हैं, फिर प्रशासन उन्हें तोड़ने के लिए आ धमकता हैं। कुछ ऐसा ही मामला शिवपुरी की फिजीकल क्षेत्र में स्थित अशोक विहार कॉलोनी से आ रहा हैं।

शहर में आकाशवाणी केंद्र से लगी सर्वे नंबर 1098 की नजूल की जमीन पर बने मकानों को लेकर तहसीलदार ने 28 लोगों को नोटिस जारी किए यह जमीन का टुकडा अशोक विहार कॉलोनी में आता हैं। नोटिस जारी करने के बाद गुरुवार को तहसीलदार राजस्व अमले के साथ मौके पर खाली प्लॉट वाली जगह पर मुड्‌ढी गाढ़ने पहुंचे लेकिन लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इन लोगों ने कहा कि हमारे पास मकान व प्लॉट आदि की रजिस्ट्रियां हैं। विरोध को देखते हुए राजस्व टीम को लौटना पड़ा। हालांकि तहसीलदार ने संबंधितों से रजिस्ट्रियों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं।

राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में सर्वे नंबर 1098 जमीन नजूल पठार के रूप में दर्ज है। सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मकान बनाए जाने को लेकर तहसीलदार ने बेदखली से पहले नोटिस जारी किए हैं। नोटिस मिलते ही संबंधित परिवारों के होश उड़ गए। नोटिस जारी करने के बाद तहसीलदार नरेश चंद्र गुप्ता राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

प्लॉट आदि के रूप में खाली पड़़ी जमीन पर मुड्‌ढी गाढ़ने लगे तो लोगों ने विरोध कर दिया और कहा कि जमीन हमने खरीदी है। जमीन की विधिवत रजिस्ट्रियां भी कराईं हैं। तहसीलदार गुप्ता ने संबंधित लोगों से अपनी जमीन की रजिस्ट्रियां आदि दस्तावेज कार्यालय जाकर दिखने को कहा और अपनी टीम के संग बेरंग लौट आए। कोतवाली और फिजीकल थाना पुलिस भी संग गई थी।

सर्वे नंबर का कुल रकबा 4.7230 हेक्टेयर 1.821 हेक्टेयर आकाशवाणी को आवंटित

राजस्व रिकार्ड के आधार पर सर्वे नंबर 1098 का कुल रकवा 4ण्7230 हेक्टेयर है, जिसमें से 1ण्821 हेक्टेयर जमीन आकाशवाणी दूरदर्शन के लिए साल 1986 में आवंटित की गई है। जमीन के कुछ हिस्से पर छात्रावास बना है। शेष जमीन आसपास नजर नहीं आती क्योंकि अधिकांश जमीन पर मकान बन चुके हैं। प्रशासन को खुद पता नहीं है कि धीरे-धीरे करके मकान कैसे बन गए और इस जमीन पर किसने प्लाटिंग कर दी।

19 और नोटिस जारी करने की तैयारी में प्रशासन

तहसील कार्यालय से करीब 28 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगे गए हैं। करीब 19 लोगों को और नोटिस जारी करने की तैयारी है। उक्त जमीन पर अधिकांश मकान बन गए हैंए शेष जमीन प्लॉट आदि के रूप में खाली पड़ी है। विरोध के चलते खाली जमीन भी राजस्व विभाग अधिपत्य में नहीं ले पाया है।

अगर जमीन सरकारी थी तो बिकी कैसे, फिर मकान बनाने की परमिशन कैसे

इस सर्वे नंबर पर प्लाट खरीदने वालो लोगो ने स्वयं अतिक्रमण नहीं किया हैं बल्कि विधिवत रजिस्ट्री कराकर शासन को लाखों रुपए के स्टांप के रूप में पैसा दिया है। इसके बाद नामातंरणएमकान बनाने की अनुमति ली हैं। कई लोगों के मकान बैंक से फाइनेंस भी हैं। सारी प्रक्रिया नियमानुसार की हैं। फिर उसके अचानक बाद यह टुकडा सरकारी कैसे हो गया। जब इसकी रजिस्ट्री हो रही थी इसको खुलेआम बेचा जा रहा था तब प्रशासन कहा था।

लोग जवाब प्रस्तुत करें रजिस्ट्री से पता चलेगा जमीन कैसे बेची

सर्वे नंबर 1098 सरकारी जमीन है। अतिक्रमण का यह मामला करीब दो साल से चल रहा है। नोटिस जारी करने के हमने लोगों से जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। रजिस्ट्री से पता चलेगा कि यह जमीन किसने बेची है। जवाब के बाद एक एक करके बेदखली की कार्रवाई करेंगे। हम मौके पर गए थे, लोगों से भी यही बात कही है।
नरेश चंद्र गुप्ता, तहसीलदार, तहसील शिवपुरी
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