शिवपुरी में पुष्कर धरोहर योजना के तहत अनुपयोगी तालाब फिर होगें जिंदा: मॉडल तालाब तैयार- Shivpuri News

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शिवपुरी।
मध्य प्रदेश की सरकार ने तालाबों के महत्व को समझते हुए उन्हें ग्रामीण विकास की धुरी बनाने का फैसला किया। राज्य सरकार प्रदेश भर के गांवों में ऐसे पुराने तालाबों का पुनरुद्धार कर रही है, जो अनुपयोगी हो गए थे। इसी के तहत जिले में लाखों की लागत से बनाए गए तालाब और पुराने अनुपयोगी पड़ चुके स्टॉप डैम सहित चेक डैम को फिर से पुष्कर धरोहर समृद्धि योजना के तहत उपयोग लाने की रणनीति बनाई गई।इस रणनीति के तहत शिवपुरी जिले में एक अनुपयोगी तालाब को मात्र 8.50 लाख रुपए की लागत से जिंदा कर दिया अब वह तालाब लबालब भरा हैं।

जिसमें सिंघाड़ा की फसल के साथ मत्स्य पालन भी किया जा सकेगा। शिवपुरी जिले में जल संरक्षण के लिए सामुदायिक भागीदारी एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से पुष्कर धरोहर एवं अमृत सरोवरो का निर्माण किया जा रहा है। शिवपुरी जिले में औसत वर्षा 822 मि.मी. है जिससे वर्ष भर पेयजल एवं सिंचाई हेतु जल उपलब्ध नहीं हो पाता किन्तु पुष्कर धरोहर एवं अमृत सरोवरों के निर्माण से पेयजल, कृषि कार्य एवं अन्य रोजगार मूलक कार्य हेतु अमृत सरोवरो में पर्याप्त जल उपलब्ध रहेगा इसके अलावा जिले में पर्यटन स्थलों में वृद्धि होगी।

जिले में पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान के अन्तर्गत लगभग 2312.79 लाख की लागत से 710 जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है जिसमें से अभी तक 327 जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार पूर्ण हो चुका है। इस योजना में 2690 सिंचाई सुविधा सृजन के लिए और 123 तालाब में मत्स्य पालन के लिए चिह्नित किया गया है, जबकि 88 तालाब सिंघाड़ा उत्पादन के लिए चिन्हांकित किए गए हैं। इन जल संरचनाओं से 27 हजार 430 कृषक व समूह लाभान्वित होंगे। योजना के क्रियान्वयन में जल उपयोगकर्ता समूह बनाकर उनकी सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है।

तीन मुख्य उद्देश्यों में जल संसाधन पुनर्जीवित की योजना

जिपं सीईओ उमराव मरावी ने बताया कि इस योजना से तीन मुख्य उद्देश्य की प्राप्ति होगी। जिसमें कुछ तालाबों को मत्स्य पालन के साथ सिंचाई के लिए तैयार किया जाएगा, और आसपास के किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जाएगी। इससे जहां किसान वर्तमान में सिंचाई के अभाव में एकल फसल ले रहे हैं वे दोहरी फसल का लाभ ले सकेंगे। वहीं बड़े किसान फल, फूल की भी खेती कर सकेंगे। वहीं दूसरा लाभ उन तालाबों को मिलेगा जिनमें आर्थिक सुधार की गुंजाइश है। इसके अलावा तीसरा फायदा कि अधिक से अधिक सिंघाडा जैसी फसल को उत्पादित कर सकेंगे।

मात्र 8.05 लाख में घिलोंदरा तालाब का जीर्णोद्धार कर शासन के 52 लाख बचाए

मात्र 8.05 लाख में घिलोंधरा तालाब का जीर्णोद्धार कर शासन के 52 लाख बचाएजनपद पंचायत खनियाधाना के ग्राम पंचायत घिलोंधरा में पूर्व से निर्मित तालाब का पुष्कर धरोहर योजना अंतर्गत जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया है जिसकी लागत 8.05 लाख रूपए है। तालाब में वेस्ट वियर का निमार्ण एवं टीवीएल मेंनटेन (वण्ड सुधार) का कार्य किया गया है फलस्वरूप तालाब की जल संग्रहण क्षमता 72350 घनमीटर हुई है। जल भराव क्षेत्र 7.49 हेक्टयर है तथा 38.6 हेक्टर भूमि पर सिंचाई होगी यदि इसी क्षेत्रफल के आकार के नए तालाब का निमार्ण किया जाता है तो लगभग 60.00 लाख राशि में नया तालाब निमार्ण हो सकेगा किन्तु तालाब के जीर्णोद्धार से मात्र 8.05 लाख रूपये में उक्त अनुसार जल क्षमता में वृद्धि हुई है इस प्रकार शासन के 52.00 लाख राशि की बचत की गई है। जीर्णोद्धार तालाब से लगभग 180 क्विंटल मछली का उत्पादन होगा जिससे लगभग 190 कृषक समूह लाभान्वित होंगे इसके अलावा तालाब से लगे ग्रामों के 14 हैंडपंप, 12 कूप तथा 60 बोरवेल के जलस्त्रोतो में वृद्धि होगी।

इनका कहना है
शिवपुरी जिले में पुष्कर धरोहर एवं अमृत सरोवरों का निमार्ण जन सहयोग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजना मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण से किया जा रहा है। निर्मित सरोवरों से ग्रामीण क्षेत्र में न केवल पेयजल की उपलब्धता होगी बल्कि लोगों में आजीविका के नये साधन भी सृजित होंगे।
उमराव सिंह मरावी, CEO जिला पंचायत शिवपुरी
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