Shivpuri News- कबाडे की ओवरलोड गाड़ी के ऊपर बैठे युवक बिजली के तारों में उलझे-नीचे गिरे: 1 की मौत

Bhopal Samachar
प्रदीप मोंटू तोमर @ शिवपुरी।
शिवपुरी शहर के देहात थाना क्षेत्र की सीमा में स्थित एक सर्किल जेल के सामने स्थित कबाड से भरे ट्रक पर बैठे 3 युवक बिजली के तारों में उलझ गए और नीचे गिर गए,इस घटना में एक 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कबाड़ का काम करने वाले विवेक राठौड़ ने उन्हें ओवरलोड गाड़ी पर बिठा दिया था। रात के अंधेरे में बिजली के तार नहीं दिखे इस कारण यह हादसा हो गया।

मृतक के छोटे भाई हेमंत शाक्य ने बताया कि हम दोनो भाई मृतक हेमंत शाक्य उम्र 20 साल पुत्र उदय राज शाक्य निवासी अंबेडकर कॉलोनी लक्ष्मी निवास में स्थित विवेक राठौर की कबाडे की दुकान पर काम करते हैं। गुरुवार की शाम विवेक का गोदाम जो सर्किल जेल के सामने फोरलेन से 200 मीटर अंदर स्थित है उस पर गाड़ी भरवाने गए थे। मजदूरों ने आयशर गाडी को लगभग 8 बजे तक भर दिया था।

गाड़ी में ओवरलोड भरी थी कबाडे में जूतों चप्पलों के बोरे गाडी की बॉडी से ऊपर निकल रहे थे। में और मेरा भाई बड़ा भाई विवेक शाक्य और नितिन जाटव उम्र 18 साल निवासी अंबेडकर कॉलोनी को विवेक ने पत्नी के ऊपर बिठा दिया। गाडी के अंदर मजदूर बैठ चुके थे इसलिए जगह नहीं बची होने के कारण हमें भरी गाडी के ऊपर बैठने को कहा,कबाडे से लोड गाड़ी लगभग 100 मीटर ही चली होगी तभी अचानक लाइट की केबल जो रोड क्रॉस कर रही थी उसमें उलझ गए और हम सभी नीचे गिर गए।

नीचे गिरने के बाद हेमंत और नितिन उठकर खड़े हो गए लेकिन विवेक नही उठा। उसके आंख और सिर पर चोट के निशान थे और नाक से खून निकल रहा था। इस घटना के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। सेठ विवेक राठौड़ का भाई बृजमोहन राठौर अपनी कार से भाई विवेक शाक्य को अस्पताल लेकर आया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विवेक को गिरने के कारण सिर में अंदरूनी चोटें आई हैं हो सकता है कि गिरने के कारण उसके सिर की नस फट गई होगी जिससे वह गिरकर उठ ही नही सका।

टैक्सी बुलाने की जिद की थी भाई ने
हेमंत ने बताया कि हमें अंबेडकर कॉलोनी जाना था इसलिए बड़े भाई विवेक ने कहा कि टैक्सी बुला लो लेकिन सेठ विवेक राठौड ने कहा कि गाडी पर ही बैठ जाओ। यह गाडी तुम सभी को गुना बाईपास पर उतार देगी,वहां से तुम टैक्सी पकड़कर अपने घर अंबेडकर कॉलोनी चले जाना। अगर टैक्सी आ जाती तो मेरा भाई आज जिंदा होता।
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