Shivpuri News- सडक से उतरी 108 एंबुलेंसः कंपनी का बिल बढाने की सुनियोजित प्लानिंग, मरीज इंतजार में

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। शासन ने 108 एंबुलेंस सुविधा इसलिए शुरू की थी कि सरकारी अस्पताल में पर्याप्त एंबुलेंस नहीं थी। इसके लिए 108 एंबुलेंस की एक अलग से विंग बनाई थी कि एक कॉल करो और 108 आपके पास,लेकिन 108 पर कॉल करो तो एंबुलेंस का 108 मिनिट इंतजार, इस इंतजार में ग्रामीण क्षेत्र में मौत भी हो जाती हैं, ऐसा मामला कोलारस में एक प्रसूता की मौत के बाद उजागर हुआ, लेकिन लापरवाही और सुनियोजित तरीके से ठेकेदार ने अपना बिल बढ़ाने के लिए इंतजार घोटाले को अंजाम दिया जा रहा हैं जिससे शासन की एक जनकल्याणकारी योजना बदनाम हो रही हैं और मरीजों को भी समय पर लाभ नहीं मिल रहा और इंतजार नामक इस शब्द के कारण यमराज का भी काम आसानी से हो जाता हैं।

108 संचालित हैं ठेका पद्धति सेःजयेश प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड की है एंबुलेंस

मप्र में एंबुलेंस का ठेका जयेश प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। शिवपुरी में कंपनी की  50 से अधिक एंबुलेंस संचालित हैं। इनमें से अधिकतर में आए दिन कोई न कोई खामी सामने आ रही है, इस कारण यह किसी भी कॉल पर समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। यही कारण है कि कई लोगों की तो एंबुलेंस के इंतजार में मौत तक हो चुकी हैं, इनमें कोलारस क्षेत्र में एक प्रसूता की मौत का मामला भी शामिल है। इसके अलावा हाल ही में जिला अस्पताल और करैरा स्वास्थ्य केंद्र से दुर्घटना में घायल मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस से हायर सेंटर तक जाना पड़ा।

टायर खराब होने के कारण रोड से उतरी एंबुलेंस

ज्यादातर एंबुलेंस में खामियां होने के कारण एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। वर्तमान में खनियाधाना, पोहरी, नरवर सहित कई अन्य एंबुलेंस टायर खराब होने के कारण पिछले दस दिन से अधिक समय से ऑफ रोड हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों के मरीजों को तो समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है, वहीं दूसरी ओर इन क्षेत्रों में दूसरे क्षेत्रों से एंबुलेंस पहुंचने के कारण उन क्षेत्रों के मरीजों को भी समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही हैं, जहां से एंबुलेंस इन क्षेत्रों में मरीज के काल को अटेंड करने के लिए भेजी जाती हैं। इस दौरान कई बार ऐसा होता है कि जिस मरीज के काल पर एंबुलेंस पहुंचती है वह मरीज एंबुलेंस पहुंचने से पहले ही अपने साधन से अस्पताल तक पहुंच चुका होता है।

जिला प्रबंधक बोले-नहीं है जानकारी
इस संबंध में कई वार कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को बताया जा चुका है लेकिन उनके द्वारा एंबुलेंस के टायर बदलवाने सहित अन्य खामियों को सुधारवाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस पूरे मामले में जब एंबुलेंस कंपनी के जिला प्रबंधक प्रतीक सिसोदिया से बात की गई तो उनका कहना था कि मैंने कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है। ऐसे में मुझे जानकारी नहीं है। उनके अनुसार वह अभी चार्ज ले रहे हैं चार्ज लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।

गाडी खराब होने से दूसरे पॉइंट की गाड़ी भेजनी पड़ती है, बढ़ता है बिल

कंपनी द्वारा एंबुलेंस के टायर न बदलवाए जाने के कारण वहां पर अन्य क्षेत्रों की एंबुलेंस मरीज को अटेंड करने के लिए भेजी जा रही हैं। ऐसे में एंबुलेंस को मरीज तक पहुंचने और फिर वहां से अस्पताल तक पहुचने के लिए दोगुनी दूरी तय करनी पड़ रही है। ऐसे में दूरी बढ़ने के कारण एंबुलेंस की कंपनी को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। इससे शासन की गुल्लक को भी चपत लग रही है। कुल मिलाकर एंबुलेंस के कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक और जहां आम जनता में शासन की इस सेवा के प्रति छवि खराब हो रही है वहीं शासन को भी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।

इनका कहना हैं
मेरी जानकारी में सात 108 ऑफ रोड है, मैंने संबंधित कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है कि इन्हें जल्द से जल्द सही करवाएं ताकि मरीजों को समय पर एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध हो सके। कोऑर्डिनेटर को भी लापरवाही के चलते बदलवा दिया है।  
डॉ पवन जैन सीएमएचओ शिवपुरी।
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