अस्पताल में ही अंध विश्वासःइलाज से पहले मोबाइल से झाड़ फूंक, इतने लोगो की गई जान- Shivpuri News

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शिवपुरी।
कहते है कि इस देश में विज्ञान से अधिक चमत्कार पर विश्वास है,इसलिए देश के लोगो को 20 वैज्ञानिको का नाम पता नहीं लेकिन 50 से अधिक बाबा को नाम गिना सकते हैं। यह हमें रोज देखने को मिल रहा है अविष्कार से अधिक चमत्कार पर विश्वास है,इस वाक्य को जोड़ सकते हैं अस्पताल से मिल रही इस तस्वीर से,महिला को सांप ने काट लिया और परिजन इलाज कराने अस्पताल लेकर आए। लेकिन उससे पहले ट्रामा सेंटर के बाहर मोबाइल के द्वारा उसकी किसी ओझा से झाड फूंक कराते रहे।

अंधविश्वास और झाड़ फूक के कारण बैराड़ में 24 घंटे पूर्व बैराड में एक 5 साल के मासूम की मौत का मामला अभी सुर्खियों में बना हुआ है,फिर वही दूसरी अंधविश्वास से भरी खबर आ गई। आज हम अपने पाठकों को वह मामले भी इस खबर में लेकर आए है की सांप के काटने के बाद परिजन सीधे डॉक्टरों के पास नही ले गए,बल्कि झाड फूंक में लगे रहे और मरीज की सर्पदंश से मौत हो गई।

पहले पड़े मोबाइल से इस झाड फूक वाली खबर को

कोलारस थाना क्षेत्र के गांव सुनाज की रहने वाली 40 वर्षीय सुनीता यादव पत्नी प्रताप सिंह यादव आज अपने खेत पर काम रही थी,परिजन उसे सीधे जिला अस्पताल लेकर आए,लेकिन इजाल से पूर्व किसी सागर जिले के रहने वाले ओझा से मोबाइल पर बात की।

जिसके बाद ओझा ने काफी देर तक मोबाइल के सहारे मंत्रों से झाड़फूंक की गई। जब तक ओझा ने मंत्रो को पढ़ा तब तक स्वजन मोबाइल को महिला के कान से चिपकाए रखे रहे। तकरीबन आधा घंटे तक ओझा की जाड़ फूंक चली, जिसके बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया,यहां महिला की किस्मत अच्छी नही थी सांप अधिक जहरीला नही था,महिला की इलाज के कारण जान बच गई।

लेकिन 24 घंटे पर्वू अंधविश्वास कारण घर के इकलौते चिराग बुझ गया

बैराड़ थाना क्षेत्र में आने वाले गांव खरई जालिम में 5 साल के ऋषभ पिता शिव सिंह रावत उम्र 5 साल मंगलवार की दोपहर अपने माता-पिता और चाचा के साथ खेत पर गया हुआ था। वहां उसे जहरीले सांप ने पैर में काट लिया।

ऋषभ भागते हुए उसके पास आया और उसने अपने पैर को दिखाया। ऋषभ के पैर से खून निकल रहा था। सभी को समझ में आया सांप ने काट लिया हैं। परिजन अस्पताल न ले जाते हुए झांड फूक में लगे रहे,जब मासूम की हालत बिगड़ने लगी जब उसे डॉक्टर के पास ले गए,जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

15 सितंबर 2022:जहर झडवाने का प्रयास,मौत

जिले के लुकवासा चौकी क्षेत्र में आने वाले गांव पीराहार की रहने वाली चंचल 14 वर्षीय पुत्री सुजान आदिवासी अपने घर पर सो रही थी। इसी दौरान सुबह 4 बजे के लगभग उसे एक जहरीले सांप ने काट लिया। सांप के काटने के बाद वह उसे रिजौदा गांव एक ओझा के पास ले गए। ओझा ने घंटों उसका इलाज किया लेकिन उसको ठीक नहीं कर पाए,अंत में कोलारस के अस्पताल ले जाया गया जहां देरी होने के कारण उसकी मौत हो गई।

28 अगस्त 2022ः आदिवासी की कराते रहे झाड फूक मौत

शिवपुरी जिले की खोड़ चौकी अंतर्गत आने वालेमऊ कुडच्छा गांव का रहने वाला 30 साल का उधम आदिवासी रात के समय अपने घर पर सो रहा था। इस दौरान सोते समय उसे जहरीले सांप ने काट लिया। सांप के काटने से उठी पीड़ा से उसकी नींद खुली तो पाया कि सांप से उसे काट लिया। उधम ने यह बात अपने परिजनों को बताई। परिजन उसे सीधे अस्पताल न ले जाते हुए झाड फूंक में लगे रहे जिससे उसकी मौत हो गई।

3 जून 2022:झाड़ फूंक के दौरान ही युवक की मौत

पोहरी विधानसभा के बैराड़ थाना सीमा में आने वाले गांव सुमेढ़ ग्राम निवासी आकाश पुत्र परमू जाटव उम्र 20 वर्ष रात में अपने घर में सो रहा था तभी रात के करीब 12 बजे उसे किसी जहरीले सांप ने काट लिया। सांप के काटने का पता लगते ही युवक के परिजन रात भर झाड़.फूंक के चक्कर में उलझे रहे।

जब झाड़ फूंक से भी युवक का जहर नहीं उतारा जा सका तो सुबह परिजन युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे जबकि युवक की मौत रात में ही हो चुकी थी।

24 जून 2022: 9 साल की रागिनी की मौत

पोहरी के सिरसौद थाने क्षेत्र के कुंवरपुर गांव में 9 वर्षीय रागिनी परिहार अपनी दो बहनों के साथ बोरवेल पर नहाने गई थी। इसी दौरान रागिनी को सांप ने काट लिया। पिता देवेंद्र परिहार तत्काल उसे जानकार के पास झाड़ फूंक कराने ले गए। जानकार द्वारा काफी देर तक बच्ची के जहर को उतारने के लिए टोटके किए परंतु उसके प्रयास सफल नहीं हुए। इसके बाद उसने अपने हाथ खड़े कर दिए और बच्ची को उसके परिजन इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टरों ने मासूम रागिनी को मृत घोषित कर दिया।

12 मई 2022ः किसान के इलाज में देरी,मौत

जिले के कोलारस अनुविभाग के इंदार थाना क्षेत्र के डंगौरा गांव में उधम सिंह पुत्र निरंजन कुशवाह उम्र 60 साल निवासी डंगौरा को घर में ही जहरीले सांप ने काट लिया। उधम सिंह ने इस मामले की जानकारी परिजनों को दी। परिजन तत्काल झांड फूंक में जुट गए परंतु उधम सिंह की हालात लगातार विगडती गई और उसने दम तोड़ दिया।

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