जानलेवा भ्रष्टाचार के बाद भी नींद में वन विभाग, मौत का कारण वाली भूमि अभी भी अतिक्रमण की जकड़ में- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। वन विभाग का भ्रष्टाचार अब जानलेवा सिद्ध हो चुका हैं,फिर भी वन विभाग के अधिकारी अभी भी नींद हैं। आज वन विभाग के अधिकारियों को नींद से जगाने शेरगढ़ गांव से जगाने एक सैकड़ा ग्रामीण डीएफओ ऑफिस पहुंचे,जहां मौत का कारण बनी वन भूमि पर अभी भी गुर्जरो का अतिक्रमण हैं। इस वन भूमि का अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों ने आवेदन डीएफओ को सौंपा हैं।

डीएफओ को दिए गए आवेदन के अनुसार हम सभी प्रार्थीगण ग्राम शेरगढ़ के निवासी हैं, यह गांव सतनवाड़ा रेंज के अंतर्गत आता है, सतनवाड़ा रेंज के अंतर्गत ग्राम शेरगढ़ के समीप जो वन भूमि है उस पर गांव के ग्रामीणों द्वारा कब्जा कर लिया है। इन ग्रामीणों द्वारा वन भूमि पर कब्जे के साथ साथ यहां से गुजरने वाले रास्तों को भी कब्जा रखा है जिससे गांव के पशु जंगल की ओर चरने को नहीं जा पा रहे हैं।

इस वन भूमि पर कब्जे के कारण 21 सितम्बर को गांव में विवाद हो गया था जिसमें गांव के व्यक्ति लाल सिंह बघेल की हत्या कर दी गई थी। यदि वन विभाग हम सब ग्रामीणों द्वारा पूर्व में 30 अगस्त 2022 सहित अन्य दिनांकों में दिए गए आवेदन एवं सीएम हेल्पलाइन पर की शिकायत पर यदि ध्यान दिया जाता और निराकरण किया जाता तो गांव में यह घटना न होती हैं हमारे समाज के व्यक्ति की जान न जाती है।

घटना घटित होने के आठ दिन बाद भी ग्रामीणों के कब्जे की वन भूमि को अभी तक मुक्त नहीं कराया गया है और न वन विभाग ने कोई मौका मुआयना किया है। ग्रामीणों के पशु अभी जंगल की और चरने को नहीं जा पा रहे हैं। जंगल की जमीन पर हुए इस कब्जे को लेकर गांव में हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती है। वन भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर कई बार ग्रामीणों ने रेंजर और डिप्टी रेंजर को भी फोन पर सूचित किया मगर रेजर एवं डिप्टी रेंजर ने कोई सुनवाई नहीं की।

ग्रामीणों के पास गार्ड को जो सूचना दी गई उसकी रिकॉर्डिंग है जिसमे गार्ड स्वयं रेजर पर मिलीभगत का आरोप लगा रहा है। जिन ग्रामीणों ने यहां वन भूमि पर कब्जा किया है उनके नाम सहित हस्ताक्षरित पंचनामा आवेदन के साथ संलग्न है।

अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि ग्राम शेरगढ की सैकड़ो भूमि जमीन को ग्रामीण के कब्जे से मुक्त करवाया जाए जिससे ग्रामीणों के पशु जंगल में चरने जा सके एवं गांव में होने बाली विवाद की स्थिति न बने यदि फोरेस्ट भूमि को समय रहते वन विभाग ने मुक्त नहीं करवाया तो हम सब ग्रामीण बडा आंदोलन एवं चक्काजाम करेंगे।
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