फीस के लिए बच्चों को बाहर खड़ा रखा, डारेक्टर की रिश्वत से भरा आडियो वायरलः मामला ऐमिनेंट स्कूल का- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। गांधी कॉलोनी में स्थित एमिनेंट स्कूल के डायरेक्टर का आडियो वायरल हो रहा हैं जिसमें वह एक फैल छात्रा को पास कराने के लिए 8 हजार रुपए मांग कर रहा हैं। वही आरोप है कि डारेक्टर महोदय ने कोरोना काल की फीस जमा नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स को परीक्षा नहीं देने दी। वही पेरेंट्स का कहना है फीस जमा है कोरोना काल की लेट फीस का ब्याज मांग रहे हैं।

परीक्षार्थी की बहन अर्पिता कुशवाह ने लगाया है और उन दोनों की बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें प्रिंसिपल 8 हजार रुपए में पास होने की मार्कशीट देने की बात कह रहा है। साथ ही बातचीत करने वाली युवती प्रिंसिपल से सवाल कर रही है कि आपने उससे व अन्य बच्चों से प्रेक्टिकल के 2500-2500 रूपए लिए हैं। लेकिन इसके बाद भी उसके नम्बर कम आए हैं।

जिस पर प्रिंसिपल ने उसे स्कूल में आकर बात करने के लिए कहा। वहीं इस पूरे मामले में प्रिंसिपल आलोक चौधरी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने पास कराने के एवज में कोई रुपए नहीं मांगे। वह तो उनसे कोविड काल के दौरान शेष बची फीस की मांग कर रहे थे।

ऑडियो में अर्पिता कुशवाह प्रिंसिपल आलोक चौधरी से कहती है कि सर अर्पित फैल हो गया है। आपने बोला था कि जिस पर प्रिंसिपल ने कहा कि हां, इसके बाद अर्पिता कहती है कि अभी उसने घर पर किसी को नहीं बताया है। सिर्फ उसके दादा जी को मालूम है और आपकी उनसे पास कराने की बात भी हुई है। जिसके कितने रुपए आपको देने हैं।

जिस पर प्रिंसिपल कहता है कि 8 में उनसे बात हुई थी। जिस पर अर्पिता का जवाब था कि 8 हजार रुपए देने हैं और यह पैसे दो बार करके दे दे तो चलेगा क्या। उसकी बात का समर्थन कर प्रिंसिपल ने कहा कि कल 5 हजार रुपए दे देना, 3 हजार बाद में ले लेंगे। इसके बाद अर्पिता ने प्रैक्टिकल में कम नम्बर आने की बात कहते हुए कहा कि सभी बच्चों से आपने प्रेक्टिकल के 2500-2500 रुपए लिए थे। लेकिन मेरे नम्बर आपने देखे कितने हैं। यह सुनते ही प्रिंसिपल ने आलोक चौधरी ने अर्पिता से कहा कि वह कल ऑफिस आएं और वहां बात करेंगे। इसके बाद प्रिंसिपल फोन काट देता है। यह पूरी बातचीत अर्पिता ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली और इस पूरी बातचीत को वायरल कर दिया।

वही 21 सितंबर के एमिनेंट स्कूल के कुछ वीडियो भी सोशल पर वायरल हो रहे हैं। 21 सितंबर को स्कूल में मैनेउल एक्जाम थे,उस दिन लगभग 100 बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया गया था। बरसते पानी में बच्चे खड़े थे। बहार कुछ पेरेंट्स प्रिंसिपल से मिलने का प्रयास कर रहे थे। स्कूल के गेट बंद थे।

स्कूल में पढने वाले 3 कलस के एक पेरेंट्स धर्मेंद्र का कहना था कि मेरे बच्चे की फीस जमा हैं फिर भी उसे स्कूल के बहार खडा कर दिया। मुझे बडे सर से मिलने भी नहीं दिया जा रहा हैं। वही अन्य महिला राधा गोस्वामी का कहना था कि मेरे दो बच्चे इस स्कूल में पढते है लेकिन फीस जमा नहीं होने के कारण उन्हें बाहर कर दिया हैं।
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