शिवपुरी। शिवपुरी के स्वास्थ्य विभाग को नियम और आदेश का पालन नहीं करने की बीमारी है, और इसी बीमारी के चलते जिले का स्वास्थ्य खराब हो रहा हैं। सरकारी अस्पतालों को ढर्रा सुधारने के लिए कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने अटैचमेंट को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगाया था। विधानसभा में प्रश्न लगने पर आनन फानन में जिले के स्वास्थ्य विभाग ने अटैचमेंट खत्म कर दिए, विभाग ने बस आदेश ही निकाला उस पर अमल नहीं किया।
आदेश के छह माह बाद भी डॉक्टर व स्टाफ मूल पदस्थापना पर नहीं लौटा है। विभाग ने मूल पदस्थापना पर नहीं लौटने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारियों की वेतन रोकने की बात कही थी। जिले में अधिकांश स्टाफ व डॉक्टर अपनी मूल पदस्थापना की बजाय अटैचमेंट व्यवस्था के तहत दूसरी जगह पदस्थ हैं।
विधानसभा को जवाब में अटैचमेंट की जानकारी भेजकर सीएमएचओ ने 100 से अधिक डॉक्टर व स्टाफ को मूल पदस्थापना पर भेजने संबंधी आदेश 29 अप्रैल 2022 को जारी कर दिए थे लेकिन डॉक्टर व स्टाफ को रिलीव नहीं किया। आज छह महीने बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
अटैचमेंट के कारण जहां डॉक्टर कम हैं, वहां मरीजों के इलाज में परेशानी आ रही हैं। कुछ दिनों पहले लुकवासा अस्पताल में डॉक्टर के संग अटेंडर का झगड़ा हो गया था। कोलारस विधायक का कहना है कि इस मामले को लेकर फिर से विधानसभा में ले जाएंगे।
12 डॉक्टर जिनकी मूल पदस्थापना कहीं और अटैच हैं
डॉ सुनीज गुप्ता की मूल पदस्थापना करैरा अस्पताल में हैं, लेकिन पोहरी अस्पताल में अटैच हैं। डॉ रोहित भदकारिया की मूल पदस्थापना मनपुरा अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में है। लेकिन जिला मुख्यालय अटैच करके डीएचओ 2 का प्रभार सौंप दिया है। डॉ वीरेंद्र उचारिया की मूल पदस्थापना पोहरी है, जबकि सतनवाड़ा अस्पताल में अटैच हैं।
डॉ नरेंद्र दांगी की मूल पदस्थापना लुकवासा अस्पताल में हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जवाहर कॉलोनी में थे, अब कोलारस बीएमओ बना दिया है। जबकि प्रोवीजनल अवधि पूरी नहीं हुई है। डॉ शशांक सेंगर की मूल पदस्थापना बैराड़ है, मनपुरा से पोहरी भेज दिया है। डॉ नरेंद्र वर्मा की मूल पदस्थापना लुकवासा लेकिन बैराड़ में अभी भी सेवाएं दे रहे हैं।
आयुष डॉक्टर गोपाल डंडौतिया की मूल पदस्थापना बैराड़ है, वर्तमान में लुकवासा पदस्थ हैं। डॉ आनंद जैन की मूल पदस्थापना रन्नौद है और अभी कोलारस अटैच हैं। डॉ शिवप्रताप अग्रवाल की मूल पदस्थापना बदरवास है और वर्तमान में पोहरी अटैच हैं। डॉ पंकज बंसल की मूल पदस्थापना जवाहर कॉलोनी शिवपुरी अस्पताल में है,वर्तमान में सतनवाड़ा अटैच हैं। डॉ हरेंद्र सिंह जादौन की मूल पदस्थापना जवाहर कॉलोनी में हैए संविदा अवधि में सतनवाड़ा में बीएमओ का चार्ज संभाले हुए हैं।
अन्य स्टाफ भी अटैच, विभाग में लंबी लिस्ट
लुकवासा के फार्मासिस्ट सोमनाथ गौतम सीएमएचओ अटैच हैं, स्टोर का काम देख रहैं। कोलारस के फार्मासिस्ट जलज जैन बदरवास अटैच हैं। पोहरी के छर्च में पदस्थ फार्मासिस्ट जितेंद्र चंद्रवरिया कमलागंज शिवपुरी अटैच हैं। खतौरा का फार्मासिस्ट रजनीश सीएमएचओ ऑफिस अटैच है। वहीं बदरवास की एएनएम आरके लोधी करैरा अटैच हैं और खनियाधाना की एएनएम राजेश्वरी लिटोरिया करैरा।
इस मामले में अपने राम का कहना है कि जब विधायक ने इस मामले में प्रश्न लगाया और आनन फानन में अटैचमेंट खत्म का ओदश निकाल दिया। लेकिन आज भी स्थिति वही है जो ओदश से पूर्व थी, अब आदेश का डर दिखाकर वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि मूल पदस्थापना पर लौटने के आदेश के बाद डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी जुगाड़ में लग गए,क्यों की नौकरी में आराम का मामला हैं।
सवाल यह उठता है कि जब नौकरी करनी है तो मूल पदस्थापना पर आकर डॉक्टर या अन्य कर्मचारी अपना काम क्यो नही कर रहे हैं,पहली बार जिले के किसी विधायक ने इस प्रकार के मामलों को विधानसभा में उठाने का प्रयास किया लेकिन विभाग ने इस आदेश को अमल में नहीं लिया हैं।