शिवपुरी। विदिशा जिले के लटेरी में कुछ दिन पहले तस्करी की आशंका में वन कर्मियों द्वारा गोली चला दी गई थी, जिसमें चैन सिंह की मौत हो गई थी और कुछ लोग घायल भी हुए थे। मृतक के परिजनों ने वन कर्मियों पर जानबूझ कर गोली चलाने के आरोप लगाए थे। हंगामे को बढ़ता देख वन विभाग ने अपने ही कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था।
जिसके बाद वनकर्मियों में रोष व्याप्त है। इसी के चलते आज शिवपुरी के सभी नेशनल पार्क के रेंजर, डिप्टी रेंजर वन रक्षकों ने अपने हथियारों को सीसीएफ के हवाले कर दिया।
मौजूद वन अधिकारी सहित वन रक्षकों का कहना था कि लटेरी में वन विभाग के अमले पर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया गया है जो कि नियम संगत गलत है। इसी के विरोध के चलते वह अपने हथियार जमा करा रहे हैं। उनका कहना था कि जो हथियार उनके काम नहीं आ सकते उन हथियारों का वह क्या करेंगे। अब से वह माधव नेशनल पार्क की सुरक्षा बिना हथियारों के ही करेंगे।
हथियार जमा कराने पहुंचे वनकर्मी एस के शर्मा का कहना था कि लटेरी में जो घटना हुई है उससे वह बहुत ही आहत हुए हैं। लटेरी में वन कर्मी माफिया पर कार्रवाई करने पहुंचे थे। लेकिन, माफियाओं के द्वारा उन पर गोली चला दी गई थी जब वन कर्मियों ने गोली चलाई तो उन्हीं पर मामला दर्ज कर लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि माफियाओं पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
बिना किसी जांच के मामला दर्ज नहीं होना चाहिए मौजूद वन कर्मियों ने कहा कि 197 के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है यदि वनकर्मी ने अपनी सुरक्षा को लेकर या संपत्ति को सुरक्षा को लेकर गोली चलाई है तो उसका कारण की पहले जांच करनी होती है उसके बाद कार्यवाही की जानी चाहिए अगर अपराध सिद्ध होता तभी मामला दर्ज करना चाहिए लेकिन लटेरी में ऐसा नहीं हुआ।
माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ सीएस निनामा ने बताया कि 197 के तहत वन कर्मियों के विरुद्ध कोई भी मामला पंजीबद्ध करने से पहले इसकी बारीकी से जांच होनी चाहिए जांच में जो भी तथ्य निकल के सामने आए उन्हीं के आधार पर कार्यवाही होनी चाहिए इसी के चलते आज तमाम वनकर्मियों ने उनके हत्यारों को जमा करा दिए हैं वन कर्मियों की मांग आला अधिकारियों तक पहुंचाएंगे।