शिवपुरी। संसार में प्रत्येक मनुष्य कोई ना कोई कर्म कर अपने जीविकोपार्जन को लेकर कार्य करता रहता है। लेकिन इस मानवरूपी देह का कल्याण करने के लिए सम्यक ज्ञान की आवश्यकता होती है और जब ज्ञानवान पुरुष हो जाए तो उसे अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह ज्ञान विवेक को बढ़ाने वाला होता है जबकि अहंकार मनुष्य के पतन का कारण बनता है इससे जितना हो बचना चाहिए।
जब रावण के अहंकार ने उसके प्राण ले लिए तो फिर मनुष्य को किस बात का अहंकार इसलिए परोपकार और धर्म से जुड़े कार्यों में अपने ज्ञान को लगाए तो ना केवल यह जीवन सार्थक होगा बल्कि अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी भी बनेगा। मनुष्य के ज्ञान और अहंकार रूपी इस जीवन पर प्रकाश डाला परम पूज्य मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने जो स्थानीय गुरुद्वारा रोड़ स्थित श्री दिगम्बर जैन छत्री मंदिर परिसर में आयोजित धर्मसभा में अपने आर्शीवचन दे रहे थे।
इस दौरान कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस दौरान मुनिश्री सुप्रभसागर जी महाराज के द्वारा अपने आर्शीवचनों में मनुष्य को उसके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को ज्ञानोपार्जन कराया गया साथ ही यहां ज्ञान के माध्यम से मुनिश्री ने बताया कि जहां भी ज्ञान मिले उसे ग्रहण करें, जैन धर्म हमेशा ज्ञान के साथ धर्म को आगे बढ़ाने का संदेश देता है सम्यक ज्ञान ही वह होता है।
जिससे मनुष्य का कल्याण और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है इसलिए हमेशा ज्ञानवान बनो और अपने ज्ञान से विवेक को बढ़ाओ। साथ ही मुनिश्री के द्वारा अहंकार की परिभाषा को परिभाषित करते हुए बताया कि मनुष्य के पतन का कारण उसका अहंकार होता है,
अक्सर देखा गया है जब कोई बड़ा होता है तो वह नीचे वाले को कमजोर समझ कर खुद को बड़ा समझता है यही उसका अहंकार होता है इसलिए अहंकारी कभी ना बने इस अहंकार रूपी दृष्टिपात से जितना बचा जा सके बचना चाहिए।
इस अवसर पर मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज के द्वारा आर्शीवचन के समापन उपरांत ध्यान कराया गया जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के महिला.पुरुष शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार संजीव जैन बांझल के द्वारा व्यक्त किया गया। आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर रामदयाल जैन ;मावा वालों,के द्वारा प्रकाश डाला गया।
मुनि श्री के जीवन पर बनी फिल्म का हो रहा शिवपुरी में प्रसारण
यहां मौजूद वरिष्ठ पत्रकार संजीव बांझल के द्वारा बताया गया कि श्री दिगम्बर जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे प्रसिद्ध मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज एवं दर्शित सागर जी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म का निर्माण भी किया गया है जिसका प्रसारण इन दिनों श्रीराम सिनेमा फतेहपुर रोड़ पर किया जा रहा है जहां दोपण्12 बजे एवं सायं 6 बजे दो शो में इस फिल्म को देखा जा सकता है। श्री बांझल ने बताया कि यह बड़े हर्ष का विषय है कि तमाम तरह की फिल्मों के साथ ही अब मुनिश्री के जीवन पर भी आधारित फिल्म का निर्माण भी किया गया है और हम सौभाग्यशाली है कि इस फिल्म के माध्यम से मुनि श्री के जीवन को जानें और उनसे प्रेरणा लें।