Shivpuri News- सिंध नदी से दूर रहिए, जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, कलेक्टर का अलर्ट जारी

Bhopal Samachar
शिवपुरी। गुना जिले और उसके आस पास के क्षेत्र में लगातार बारिश होने के कारण सिंध नदी में लगातार बहाब तेज हो गया,इस कारण मडीखेडा डैम का जलस्तर बढ गया है। मड़ीखेड़ा डैम का अंतिम लेवल‎ 336.45 मीटर था, सात दिन‎ में 337.40 मीटर हुआ‎,सिंध में बहाब तेज होने के कारण 7 दिनो में 0.95 बड गया हैं। इस कारण डैम की तीनो यूनिट से बिजली उत्पादन के लिए पानी छोडा गया है। अब डैम पर अपनी पूरी क्षमता 60 मेगा वाट बिजली का उत्पादन करना शुरू कर दिया हैं।

शनिवार को वर्तमान में पानी की आवक और निर्दिष्ट जलस्तर को बनाए रखने के लिए मड़ीखेड़ा से 72 मशीन अवर प्रतिदिन तत्काल प्रभाव से उत्पादन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। शनिवार को सायरन बजाकर मड़ीखेड़ा से पानी भी छोड़ा गया है।

पिछले कुछ समय से प्रदेश में बिजली की किल्लत चल रही है। ऐसी स्थिति में भी बिजली की कई उत्पादन यूनिट बंद थीं। मड़ीखेड़ा में भी पावर जनरेशन पिछले काफी समय से बंद पड़ा हुआ था। अब मानसून शुरू हो चुका है और सिंध के कैचमेंट एरिया में अच्छा पानी आ रहा है। अब पर्याप्त जल आने की वजह से यहां फिर से बिजली उत्पादन शुरू किया गया है। इसके लिए सिंध परियोजना पक्का बांध के कार्यपालन यंत्री मनोहर बोराटे ने मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह पावर जनरेशन कंपनी के अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर 72 मशीन अवर विद्युत उत्पादन करने के निर्देश दिए हैं।

यहां पर तीन यूनिट हैं जो 24 घंटे चलेंगी। मड़ीखेड़ा से छोड़ा गया पानी पावर जनरेशन करते हुए मोहनी पिकअप में एकत्रित होगा। उल्लेखनीय है कि मड़ीखेड़ा के जल विद्युत गृह की क्षमता 60 मेगा वाट है। यदि यह पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन करता है तो काफी हद तक बिजली की परेशानी दूर करने में मदद होगी। अभी कितनी बिजली का उत्पादन हो सकेगा यह पावर जनरेशन शुरू होने पर पता चलेगा। अभी प्लांट में पहले मशीनों को सिंक किया जाएगा क्योंकि यह काफी समय से बंद पड़ी हुई हैं। इनके पूरी तरह से शुरू होने के बाद डैम पर बिजली उत्पादन के संबंध में रिपोर्ट भेजी जाएगी।

शाम 6 बजे छोड़ा गया पानी, अभी 43 प्रतिशत जलस्तर

मानसून के इस सत्र में पहली बार शनिवार को शाम 6 बजे पानी छोड़ा गया। इसके पहले सायरन बजाकर इसके क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण इलाकों को सूचित कर दिया गया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बिजली संकट के कारण पहले ही विद्युत उत्पादन के संबंध में अधिसूचना आई थी। अभी गुप्त नवरात्रि चल रही थीं इसलिए पानी नहीं छोड़ा गया। अभी मड़ीखेड़ा में 43 प्रतिशत पानी है जो विद्युत उत्पादन के लिए छोड़ा जाएगा।

पिछले साल क्षतिग्रस्त हो गए थे टावर

पिछले साल सिंध में बाढ़ आई थी जिसके कारण जल विद्युत गृह में उत्पादन प्रभावित हुआ था। कई टावर बाढ़ के कारण टूट गए थे। इस बार काफी समय पहले ही विद्युत उत्पादन शुरू किया जा रहा है। इसके चलते समय पर पानी छोड़ा जाएगा। यदि शिवपुरी में या फिर सिंध के कैचमेंट एरिया में अतिवर्षा होती है तो यहां पर जलभराव नहीं होगा। हालांकि अभी मड़ीखेड़ा डैम में महज 43 प्रतिशत पानी ही भरा हुआ है। मानसून के अंत तक इसे अपने अधिकतम स्तर तक भरना होगा। यदि मानसून अच्छा रहा तो यहां पर लंबे समय तक विद्युत उत्पादन होता रहेगा।

इनका कहना है..
विद्युत उत्पादन के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यहां से पानी निकलकर पावर जनरेशन करते हुए मोहनी पिकअप में एकत्रित होगा। कितना बिजली उत्पादन होगा यह अभी नहीं कहा जा सकता है। इसकी रिपोर्ट अभी पावर जनरेशन कंपनी से आएगी। अभी तो पहले मशीनों को सिंक किया जाएगा।
मनोहर बोराटे, कार्यपालन यंत्री, सिंध परियोजना पक्का बांध
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